पिता बनते ही क्यों रद्द हुई BJP पार्षद की सदस्यता नियम है बेहद दिलचस्प
पिता बनते ही क्यों रद्द हुई BJP पार्षद की सदस्यता नियम है बेहद दिलचस्प
मन में यह सवाल उठना लाजमी है कि आखिर पिता बनने के खुशी के मौके पर कोई किसी की पार्षदी कैसे खत्म कर सकता है. दरअसल, इसकी असली वजह कलेक्टर नहीं बल्कि गुजरात गुजरात मुनसीपालटी एक्ट 1963 है.
नई दिल्ली. माता-पिता बनने का सुख एक अलग ही अहसास होता है. हर शादीशुदा जोड़ा इसका लुत्फ उठाना चाहता है. आज के दौर में जिन कपल को शादी के बाद पेरेंट बनने में समस्याएं आती हैं, वो इसके लिए डॉक्टर की सलाह लेते हैं. गुजरात के अमरेली शहर में ऐसा मामला सामने आया है, जहां पिता बनते ही दो नौजवानों की नेतागिरी ही चौपट हो गई. जिला कलेक्टर ने संपर्क किया और उन्हें इस बात की जानकारी दी कि उनसे उनकी पार्षदी छीन ली जाती है. दो बीजेपी पार्षदों की सदस्यता को अब रद्द कर दिया गया है. यहां यह सवाल जरूर दिमाग में आ रहा होगा कि आखिर पिता बनने के खुशी के मौके पर कोई किसी के साथ ऐसा व्यवहार कैसे कर सकता है. दरअसल, इसकी असली वजह कलेक्टर नहीं बल्कि गुजरात गुजरात मुनसीपालटी एक्ट 1963 है.
गुजरात मुनसीपालटी एक्ट कहता है कि दो से ज्यादा बार अगर कोई शख्स पिता बनता है तो वो राज्य में पार्षद नहीं बन सकता है. छोटा परिवार, सुखी परिवार जैसी योजना को प्रमोट करने के मकसद से यह कानून बनाया गया था. जिसके तहत अगर कोई मौजूदा पार्षद तीसरी बार पिता बनता है तो उसकी सदस्यता को रद्द कर दिया जाएगा. यही वजह है कि गुजरात के अमरेली शहर के दो पार्षदों को नियम का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है.
अमरेली जिला कलेक्टर, अजय दहिया के कार्यालय द्वारा गुजरात मुनसीपालटी एक्ट 1963 का हवाला देते हुए दोनों पार्षदों की सदस्याता को रद्द कर दिया गया. द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा नेता खीमा कासोटिया और मेघना बोखा को सोमवार को तत्काल प्रभाव से अमरेली के दामनगर नगरपालिका से अयोग्य घोषित कर दिया गया. कलेक्टर ने दामनगर नगरपालिका के मुख्य अधिकारी क्रुपेश पटेल द्वारा रिकॉर्ड पर रखे गए जन्म प्रमाण पत्र का हवाला दिया.
FIRST PUBLISHED : May 24, 2024, 16:59 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed