प्रेमिका के पास पहुंचा जवान 18 साल तक रहा गायब AI की मदद खुली काली कुंडली

18 Year Old Case Solved by AI: टेक्नोलॉजी आज इंसानों के लिए काफी मददगार हो गई है. हमारी मुश्किल से मुश्किल काम को चुटकियों में हल करने में सक्षम है. सीबीआई ने 18 साल पहले की घटना को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से उजागर किया है. चलिए जानते हैं कि आखिर पूरा माजरा क्या है, क्यों हम यहां पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बात कर रहे हैं.

प्रेमिका के पास पहुंचा जवान 18 साल तक रहा गायब AI की मदद खुली काली कुंडली
हाइलाइट्स एआई की मदद से सीबीआई को सफलता मिली है. जांच एजेंसी ने 18 साल पुराने केस की पोल खोली है. यह केस केरल का है. 18 Year Old Case Solved by AI: टेक्नोलॉजी एडवांस हो गया है. इसकी मदद से कुछ भी करना संभव है. चाहे एलन मस्क की दिमाग पढ़ने वाली न्यूरालिंक चीप हो या फिर चीन की एपस्टार-6डी ब्रॉडबैंड कम्यूनिकेशन सैटेलाइट, डेढ़ लाख किलोमीटर दूर से सफल सर्जरी को अंजाम देने वाली मशीन. एआई ने तो मानों इंसानी जीवन को आसान बना दिया है. इसके नुकसान और फायदे को लेकर अभी बहस छिड़ी हुई है. लेकिन, हम यहां एआई से होने वाले फायदे की बात करेंगे. सीबीआई ने 18 साल अनसुलझे मर्डर केस को एआई की मदद से सुलझाया है. सीबीआई ने 18 साल से फरार दो पूर्व सैनिकों को गिरफ्तार किया है. इन पर 2006 में कोच्चि में एक 24 वर्षीय लड़की रंजिनी और उसकी 17 दिन की जुड़वां बच्चियों की हत्या का आरोप है. सीबीआई ने गिरफ्तार आरोपियों की पहचान जारी की है. इनकी पहचान कोच्चि के डिविल कुमार और कन्नूर के राजेश के रूप में हुई है. राजेश पूर्व सेना अधिकारी हैं. सीबीआई की टीम ने उसे और उसके दोस्त राजेश को पुडुचेरी से गिरफ्तार किया. दोनों लड़की, जो डिवील कुमार की गर्लफ्रेंड थी, के हत्या कर 2006 से फरार थे. पुलिस की कोशिश नाकाम रही तो ये केस जांच एजेंसी सीबीआई को सौंपा गया. सीबीआई ने एआई की मदद से उनका स्कैच बनाकर और मुखबिर की मदद से गिरफ्तार किया. सीबीआई इनपर 2 लाख इनाम घोषित किया. मामला क्या था? पहले जानते हैं कि पूरा मामल क्या था? आखिर रंजिनी की हत्या क्यों हुई? इन जुड़वां बच्चियों की हत्या क्यों की गई? मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डिविल कुमार और रंजिनी के बीच प्रेम प्रसंग था. रंजिनी का मानना था कि डिवील ही उसकी जुड़वां बच्चियों का पिता है. वह उसपर जिम्मेदारी दबाव दी तो वह नाराज हो गया. उसे मुकरते देख रंजिनी ने महिला आयोग की शरण ली. उसने डीएनए टेस्ट कराने का गुहार लगाया. इस पर डिवील को गुस्सा आ गया. वह तब ड्यूटी पर तैनात था. वह छुट्टी लेकर घर पहुंचा अपने साथी राजेश की मदद से रंजिनी और उनकी बच्चियों की हत्या कर दी. इस केस में राजेश ने क्या किया? 2010 में सीबीआई को यह केस सौंपी गई. 2013 में जांच एजेंसी ने अपनी चार्ज सीट फाइल की. इसमें कहा गया कि हत्या की पूरी प्लानिंग राजेश ने किया था. वह रंजिनी के घर आता जाता था. वह रंजिनी को दिलासा देते रहा कि उसकी शादी डिवील से कराएगा, लेकिन इसके बजाय वह उसकी हत्या की साजिश रच रहा था. जब रंजिनी जन्म प्रमाण पत्र लेने के लिए पंचायत कार्यालय गई थी, तब दोनों ने हत्या कर दोनों फरार हो गए. भेष बदलकर पुडुचेरी में बिजनेस करने लगे. नाम बदल कर शादी भी की हत्या के बाद दोनों आरोपी फरार हो गए. पुडुचेरी में नाम और पहचान बदलकर रहने लगे. डिविल कुमार ने अपना नाम विष्णु और राजेश ने अपना नाम प्रवीण कुमार रख लिया. दोनों ने वहां व्यवसाय शुरू किया और संपत्तियां खरीदीं. उन्होंने नए नाम से शादी करके गृहस्थी बसा ली. एआई से पकड़ में आए सीबीआई ने 2010 से लगातार खोजने की कोशिश की, मगर नाकाम रही. हाल ही में जांच अधिकारियों को इनपुट मिली कि दोनों पुडुचेरी में रह रहे हैं. पुलिस ने एआई की मदद से उनकी शादी की तस्वीर पहले की तस्वीर से मेल कराई, जो बिलकुल डिवील कुमार के जैसा दिख रहा था. इसके बाद सीबीआई ने पुडुचेरी से उन्हें गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उनको न्यायिक हिरासत में भेज दिया. Tags: Artificial Intelligence, CBI Probe, Kerala News, Kochi NewsFIRST PUBLISHED : January 5, 2025, 10:46 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed