पेड़ या जादू की पुड़िया! पत्ती जड़ फल-फूल सब औषधि डायबिटीज के लिए रामबाण
पेड़ या जादू की पुड़िया! पत्ती जड़ फल-फूल सब औषधि डायबिटीज के लिए रामबाण
जो लोग नॉनवेज नहीं खाते हैं उनके लिए कटहल की सब्जी बेस्ट सब्सटीट्यूड है. कटहल की सब्जी बनाने का प्रोसेस भी नॉनवेज की तरह है. ढेर सारे मसालों में पके हुए कटहल की सब्जी खाने में काफी ज्यादा अच्छा लगता है. गर्मी के सीजन में कटहल और चावल फेवरेट रेसिपी है, लोग इसे खाना काफी ज्यादा पसंद करते हैं
सनन्दन उपाध्याय/बलिया: यह पेड़ है या जादू की पुड़िया… धरती पर एक से बढ़कर एक औषधीय गुणों से भरपूर पेड़-पौधे हैं. हालांकि जानकारी न होने के कारण कई पेड़-पौधे के औषधीय गुणों के उपयोग हम 100 प्रतिशत नहीं कर पाते , हम इन पेड़ों के फलों या फूल क उपयोग तो कर लेते हैं या पेड़ घर की शोभा बढ़ाने का काम करते हैं. हम बात कर रहे हैं उस पेड़ की जिसे संजीवनी बूटी कहे तो कोई गलत नहीं होगा. जो लोग नॉनवेज नहीं खाते हैं उनके लिए कटहल की सब्जी बेस्ट सब्सटीट्यूड है. कटहल की सब्जी बनाने का प्रोसेस भी नॉनवेज की तरह है. ढेर सारे मसालों में पके हुए कटहल की सब्जी खाने में काफी ज्यादा अच्छा लगता है. गर्मी के सीजन में कटहल और चावल फेवरेट रेसिपी है, लोग इसे खाना काफी ज्यादा पसंद करते हैं
राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय बलिया की चिकित्साधिकारी डॉ. प्रियंका सिंह ने (07 साल का अनुभव साथ में MD और पीएचडी इन मेडिसिन) लोकल 18 को बताया कि आयुर्वेद में कटहल के एक नहीं बल्कि अनेकों उपयोग और फायदे बताए गए हैं. इसके सभी अंग औषधीय गुणों से भरपूर है. इसका काढ़ा, कल्प, चूर्ण और रस आदि के रूप में प्रयोग किया जाता है. कटहल विटामिन, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट का खजाना होता है.कटहल में लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है जो ब्लड शुगर के लेवल को बढ़ने से रोकता है. डायबिटीज के मरीज कटहल आराम से खा सकते हैं इन रोगों में ऐसे करें प्रयोग…
नाक से खून निकलने की दशा में 10 कटहल के बीज का काढ़ा बनाकर सेवन करें. सिर दर्द से राहत पाना चाहते हैं तो कटहल के जड़ को पीसकर उसके रस को 1-2 बूंद नाक में डालें. 10 ML इसके फल के रस में 125 MG काली मिर्च का चूर्ण और चीनी मिलाकर सेवन करने से भूख की समस्या खत्म होती है. उल्टी दस्त में इसके जड़ का काढ़ा बनाकर पीने से लाभ होगा. इसके एक या दो फूलों को पानी में पीसकर पीने से हैजा जैसी बीमारियों से छुटकारा मिलती है. कटहल के बीच वाले भाग से काढ़ा बनाकर 10 से 20 ml सेवन करने से पुराने से पुराने दर्द भी गायब हो जाते हैं. इसके अलावा सूजन, खुजली, दाद, घाव, कमजोरी, अस्थमा, थायराइड, हड्डी, प्रतिरोधक क्षमता, आंख वजन, कब्ज, एनीमिया (खून की कमी), गठिया, मिर्गी और फोड़े फुंसी (कटहल के पत्तों के रस का लेप) में भी संजीवनी बूटी के समान लाभकारी है.
इन स्थिति में न करें कटहल का प्रयोग
डॉ. प्रियंका सिंह ने बताया कि यह जितना लाभकारी है उतना ही हानिकारक भी है. कटहल का बहुत ज्यादा सेवन करने से कब्ज, उल्टी और दस्त जैसी समस्या हो सकती है. कभी भी इसका सेवन खाली पेट न करें. कटहल खाने के बाद पान का सेवन बिल्कुल न करें. अगर आप किसी पुराने रोग से ग्रस्त हैं तो किसी आयुर्वेद चिकित्सक से परामर्श लेकर ही इसका सेवन करें.
Tags: Ballia news, Health News, Life18, Local18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : May 17, 2024, 14:49 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा. Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed