Metaverse और Web3 ब्रांड और मार्केटिंग इकोसिस्टम में क्या हैं इसके मायने
Metaverse और Web3 ब्रांड और मार्केटिंग इकोसिस्टम में क्या हैं इसके मायने
मेटावर्स ऑग्युमेंटड रियलिटी और वर्चुअल रियलिटी पर आधारित है. इससे कोई शख्स पूरी तरह से वर्चुअल दुनिया में प्रवेश कर सकता है. उसे अनुभव कर सकता है. आप वर्चुअली दोस्त के साथ चाय-कॉफी तक पी सकते हैं, भले वह आपसे हजारों किमी दूर हो.
हाइलाइट्समेटावर्स ऑग्युमेंटड रियलिटी और वर्चुअल रियलिटी पर आधारित है.मेटावर्स और वेब3 बेस्ड इकोसिस्टम पारंपरिक, बिना परेशान हुए जरूरत को पूरा करने वाला और खुद से जोड़ने वाला अनुभव है.ये अभी बिल्कुल ही शुरुआती फेज में है और सामान्यतौर पर समय के साथ ही विकसित होगा.
Metaverse और Web3. ये दो नाम जबसे आए हैं, इसपर लगातार बात हो रही है. इसके ऑस्पेक्ट क्या हैं. ये कैसे काम करता है. एक तो ये वर्चुअल दुनिया है, दूसरा ये हमें खुद उस वर्चुअल दुनिया में लेते जाता है.
मेटावर्स ऑग्युमेंटड रियलिटी और वर्चुअल रियलिटी पर आधारित है. इससे कोई शख्स पूरी तरह से वर्चुअल दुनिया में प्रवेश कर सकता है. उसे अनुभव कर सकता है. आप वर्चुअली दोस्त के साथ चाय-कॉफी तक पी सकते हैं, भले वह आपसे हजारों किमी दूर हो.
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Phy-gital टर्म भी पिछले कुछ वर्षों से चलन में है. यह हमारी जिंदगी के दो अलग-अलग क्षेत्रों को उनकी अलग-अलग क्वालिटी के साथ स्पष्ट तौर पर बताता है. Metaverse और Web3 अब इस स्पेस को डाइलुट कर रहा है. धीरे-धीरे यह आपको इतना सक्षम बना रहा है कि आप डिजिटल दुनिया में ही किसी दूसरी चीज को महसूस कर सकते हैं.
उदाहरण के तौर पर एक वर्चुअल इकोसिस्टम आपको वर्चुअल अवतार के जरिए लगभग रियल अनुभव करा रहा है. आप इसे ऐसे भी देख सकते हैं कि आप को कोई चश्मा खरीदना है. आप वर्चुअल दुनिया में ही उस चश्मे को अपने चेहरे-आंखों पर लगाकर देख सकते हैं कि ये आपको फिट हो रहा है या नहीं. या यह आप पर कैसा लग रहा है. यह वर्चुअली ही आपको फिजिकल एक्सपिरियंस करा रहा है. यह विकास क्रिएटिव टेक्नॉलजी और सॉल्युशन को हमारे सामने लाने के लिए तैयार है, जो फिर से बता रहा है कि हम वर्चुअल वर्ल्ड में कैसे इंटरेक्ट और इंगेज हों. इसकी कोशिश है कि वह वर्चुअल और फिजिकल गैप को खत्म कर दे.
अभी तक हम क्या करते आए हैं
गूगल या यूट्यूब पर जाते हैं. या किसी ब्रांड की वेबसाइट पर चले जाते हैं. उसके पोर्टफोलियो को देखते हैं. लोग क्या कह रहे हैं उसे पढ़ते-देखते हैं. डिस्काउंट कूपन्स पर ध्यान देते हैं. इसके बाद ऑनलाइन या ऑफलाइन मार्केट में जाकर खरीदारी करते हैं.
इसी चीज को Metaverse-ify कर दें तो
मान लीजिए आप ऑनलाइन किसी प्रोडक्ट को देख रहे हैं. उसी वेबसाइट पर एक 3डी होलोग्राम आपके प्रोडक्ट का ट्रायल ऑनलाइन ही दे रहा है. यहां डिस्काउंट, रिवार्ड भी है. आप वर्चुअली ही इसका ट्रायल ले लें और इसके बाद आप ऑनलाइन या ऑफलाइन स्टोर पर खरीदारी कर लें.
मेटावर्स और वेब3 बेस्ड इकोसिस्टम पारंपरिक, बिना परेशान हुए जरूरत को पूरा करने वाला और खुद से जोड़ने वाला अनुभव है. लेकिन, ये अभी बिल्कुल ही शुरुआती फेज में है और सामान्यतौर पर समय के साथ ही विकसित होगा. लेकिन इसे खुद को ग्राहकों के साथ कनेक्ट करना होगा और बेहतर अनुभव देना होगा.
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मेटावर्स का अभी सबसे ज्यादा उपयोग गेमिंग की दुनिया में हो रहा है. एपिक गेम्स ने इसका एग्जांपल भी Fortnite के जरिए दिया था. देखते-देखते Fortnite की खुद की दुनिया बन गई. इसने वर्चुअल दुनिया की सीमाओं को धुंधला सा कर दिया. इससे इसका स्क्रिन टाइम भी बढ़ा. दूसरी तरफ चीन की अलीबाबा कंपनी अपने ग्राहकों को वर्चुअल एक्सपीरियंस देना शुरू कर दिया है.
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Tags: Digital Reforms, Online ShoppingFIRST PUBLISHED : September 06, 2022, 12:58 IST