एक-एक कर मर गए गांववालेभारत के इस गांव को कहते हैं शापित कोई नहीं बसता

Haunted Village: तमिलनाडु के तूतिकोरिन जिले का मीनाक्षिपुरम गाँव भूतिया और शापित माना जाता है. यहाँ के निवासी डर और प्राकृतिक आपदाओं के कारण गाँव छोड़ गए, जिससे यह स्थान अब सुनसान अवशेषों में बदल गया है.

एक-एक कर मर गए गांववालेभारत के इस गांव को कहते हैं शापित कोई नहीं बसता
दुनिया में भूत-प्रेतों और उनसे जुड़ी कई कहानियाँ हैं. कुछ स्थानों के बारे में कहा जाता है कि वे भूतों का निवास हैं. कुछ लोग इन स्थानों पर जाने से डरते हैं और वहाँ से भाग जाते हैं. लेकिन इसी बीच कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें इन जगहों को देखने में बहुत रुचि होती है. भारत में भी कई ऐसी जगहें हैं जिन्हें भूतिया माना जाता है. इनमें तमिलनाडु के एक गाँव का ज़िक्र ज़रूर करना चाहिए. इस गाँव में जाने से लोग डरते हैं. वह गाँव कौन सा है और लोग उसे भूतिया और शापग्रस्त क्यों कहते हैं? यहाँ जानिए इसकी जानकारी. मीनाक्षिपुरम का परिचय मीनाक्षिपुरम तमिलनाडु राज्य के तूतिकोरिन जिले का एक गाँव है. यह गाँव कभी लोगों से भरा हुआ था, लेकिन अब यहाँ केवल घरों के अवशेष बचे हैं. इस जगह के बारे में कई कहानियाँ और अफवाहें प्रचलित हैं. कुछ लोग कहते हैं कि वहाँ भूत हैं, जबकि कुछ लोग मानते हैं कि गाँव शापित है. भूतिया गाँव का इतिहास मीनाक्षिपुरम गाँव को भूतिया जगह कहा जाता है क्योंकि वहाँ रहने वाले लोग अचानक एक-एक कर मर गए. इस डर के कारण गाँव के लोग दूसरी जगह चले गए. समय के साथ यह गाँव खाली हो गया और सभी घर छोड़ दिए गए. अंततः इसने “भूत गाँव” का नाम पा लिया. कुछ लोगों का कहना है कि गाँव के लोग गाँव की देवी के क्रोध का शिकार हुए और देवी ने इस गाँव को शाप दे दिया. इस विश्वास के कारण कई लोगों ने गाँव छोड़ दिया. प्राकृतिक आपदा से नष्ट हुआ गाँव कुछ लोग मानते हैं कि मीनाक्षिपुरम सुनामी या भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा से नष्ट हुआ. हालांकि इसके प्रमाण नहीं हैं, लेकिन कई लोग इस पर विश्वास करते हैं. वहीं, कुछ इतिहासकारों के अनुसार, यह गाँव कभी आबादी से भरपूर शहर था. अवशेषों में बदल चुका गाँव अब वहाँ केवल ढह चुके घरों के अवशेष बचे हैं. लोग वहाँ जाने से भी डरते हैं. भूतों को देखने में रुचि रखने वाले कुछ साहसी लोग इस गाँव की यात्रा करने की कोशिश करते हैं और वहाँ एक रात बिताने की इच्छा भी दिखाते हैं. ऐसे लोगों के लिए गाँव के पास कुछ होटल और गेस्टहाउस भी बनाए गए हैं. सुविधाओं की कमी और गाँव का मरुस्थलीकरण यह गाँव कृषि पर निर्भर था, लेकिन धीरे-धीरे बारिश और पानी की कमी के कारण मरुस्थल में बदल गया. लोगों को पानी और अन्य मूलभूत सुविधाओं के लिए 3-4 किलोमीटर तक यात्रा करनी पड़ती थी. 2018 में, यह गाँव पूरी तरह से नष्ट हो गया. गाँव के हालात पर निवासियों की राय गाँव के एक पूर्व निवासी बताते हैं, “मेरे बचपन से ही वहाँ बस सुविधा नहीं थी, न ही अच्छी सड़क, पानी, और स्वास्थ्य सुविधाएँ थीं, इसलिए लोग वहाँ से निकलना ही बेहतर समझते थे.” इस गाँव में दो मंदिर भी हैं. आसपास के गाँवों के लोग त्यौहारों पर मंदिरों में पूजा करने आते हैं. 2015 में वहाँ एक स्कूल भी बनाया गया था, लेकिन उचित देखरेख न होने के कारण वह खराब स्थिति में है. Tags: Local18, Special Project, Tamil naduFIRST PUBLISHED : October 28, 2024, 17:32 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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