अयोध्या हारे हैं राम नहीं फायर ब्रांड नेता ने बताया कट्टर हिंदुत्व वाला

Tamil Nadu Lok Sabha Election Results: इस बार के लोकसभा चुनाव में तमिलनाडु में बीजेपी फिर खाली हाथ रही. राज्य की 39 सीटों में से उसे एक पर भी जीत हासिल नहीं हुई. मगर 10 सीटों पर बीजेपी दूसरे स्थान पर रही और सहयोगी दलों के साथ उसका वोट शेयर भी बढ़कर 10.24 फीसदी हो गया. बीजेपी के राज्य अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने कहा कि हार का मतलब यह नहीं है कि हिंदुत्व की राजनीति को खारिज कर दिया गया है.

अयोध्या हारे हैं राम नहीं फायर ब्रांड नेता ने बताया कट्टर हिंदुत्व वाला
नई दिल्ली. इस बार के लोकसभा चुनाव के नतीजे बीजेपी के लिए काफी चौंकाने वाले रहे हैं. बीजेपी के लिए राम मंदिर का मुद्दा पिछले 3 दशकों से चुनावी संजीवनी देने वाला रहा है. इसी साल जनवरी में राम मंदिर बनकर तैयार हो गया और उसका विधिवत उद्घाटन भी किया गया. इसके बावजूद उत्तर प्रदेश में बीजेपी को इस बार भारी नुकसान झेलना पड़ा और पार्टी फैजाबाद की वह सीट भी हार गई, जिसके तहत अयोध्या आता है. इसने बीजेपी के लिए वैचारिक असमंजस के हालात पैदा कर दिए हैं. पीएम नरेंद्र मोदी पहले भी कई बार कह चुके हैं कि राम मंदिर कभी चुनावी मुद्दा नहीं था. यह मुद्दा लोगों की आस्था से जुड़ा है. पीएम नरेंद्र मोदी के साथ ही बीजेपी के सभी बड़े नेता हर चुनाव में विकास की राजनीति का बात करते हैं और उससे जुड़े मुद्दों पर फोकस रखते हैं. इस बार बीजेपी ने दक्षिण के राज्यों में अपनी सफलता को बढ़ाने के लिए एक बड़ी योजना बनाई थी. इसके तहत तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में काफी जोर लगाया गया था. तमिलनाडु में बीजेपी फायर ब्रॉन्ड राज्य अध्यक्ष के अन्नामलाई से पार्टी को काफी उम्मीदें थी कि वे दक्षिण के इस राज्य में बीजेपी को एक बड़ी सफलता दिलाने में सफल होंगे. मगर उसको निराशा ही हाथ लगी. पार्टी राज्य की 39 सीटों में से एक भी सीट पर जीत हासिल करने में कामयाब नहीं हो सकी. हिंदुत्व की राजनीति जारी रहेगी ऐस नतीजों के सामने आने के बाद भी अन्नामलाई ने साफ कहा कि बीजेपी को कोई सीट नहीं मिलने का मतलब ये नहीं है कि हिंदुत्व की राजनीति को खारिज कर दिया गया है. हम चिंतन-मनन करेंगे और पता लगाएंगे कि क्या गलत हुआ है? उन्होंने कहा कि वह तमिलनाडु में भाजपा की जीत नहीं होने से दुखी हैं. तमिलनाडु के नतीजे हिंदुत्व की राजनीति को खारिज नहीं करते हैं. बहरहाल बीजेपी और उसकी राष्ट्रवाद की राजनीति तमिलनाडु में अपनी जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. 2014 में भी जब पूरे देश में मोदी लहर थी, तब भी तमिलनाडु में बीजेपी को कोई खास फायदा नहीं हुआ था. क्या योगी आदित्यनाथ पर इस्तीफे का दबाव बना रहे हैं देवेंद्र फडणवीस? संजय राउत के सवाल का मर्म समझिए कई मायनों में बीजेपी को सफलता मिली 2014 में बीजेपी को 39 सीटों में से सिर्फ एक सीट मिली. तब पोन राधाकृष्णन कन्याकुमारी से जीते थे. 2019 में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा. उसे एक भी सीट नहीं मिली और वोट शेयर गिरकर 3.6 प्रतिशत रह गया. 2024 के चुनाव से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु और पड़ोसी केरल का लगभग एक दर्जन दौरे किए. हालांकि यह हाई-प्रोफाइल चुनाव अभियान सीटें जिताने में विफल रहा. भाजपा लगातार दूसरे चुनाव में तमिलनाडु में खाली हाथ रही. मगर उसे कई मायनों में सफलता भी मिली. वह 10 सीटों पर दूसरे स्थान पर रही और सहयोगी दलों समेत उसका वोट शेयर बढ़कर 10.24 प्रतिशत हो गया. Tags: BJP, Lok Sabha Election Result, Tamil nadu, Tamil Nadu newsFIRST PUBLISHED : June 6, 2024, 08:07 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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