अपराध के संबंध में नाबालिग का कबूलनामा लेना असंवैधानिक: दिल्‍ली हाई कोर्ट 

दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने कहा है कि किसी किशोर से उसके कथित अपराध के बारे में कबूलनामा मांगा जाना ‘असंवैधानिक’ है, क्योंकि ऐसा करने से सुनवाई के प्रारम्भिक चरण में ही यह पूर्वधारणा बन जाती है कि बच्चे ने अपराध किया है.

अपराध के संबंध में नाबालिग का कबूलनामा लेना असंवैधानिक: दिल्‍ली हाई कोर्ट 
नई दिल्ली. दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने कहा है कि किसी किशोर से उसके कथित अपराध के बारे में कबूलनामा मांगा जाना ‘असंवैधानिक’ है, क्योंकि ऐसा करने से सुनवाई के प्रारम्भिक चरण में ही यह पूर्वधारणा बन जाती है कि बच्चे ने अपराध किया है. अदालत ने, साथ ही, यह भी कहा कि (उम्र विवाद वाले) किशोर का कबूलनामा हासिल करना किशोर न्याय अधिनियम के तहत तैयार किए जाने वाले प्रारंभिक मूल्यांकन की रिपोर्ट के दायरे से बाहर है. जस्टिस मुक्ता गुप्ता और जस्टिस अनीश दयाल की पीठ ने इस विषय पर एक मनोवैज्ञानिक द्वारा तैयार की गई प्रारंभिक मूल्यांकन रिपोर्ट का अवलोकन किया और कहा कि रिपोर्ट के खंड-तीन के तहत इस बात का स्पष्ट संज्ञान लिया जा सकता है कि किस तरह एक बच्चे से यह कबूल करने की मांग की गयी है कि अपराध कैसे किया गया और इसके क्या कारण थे. पीठ ने अपने 19 सितंबर के आदेश में कहा, ‘बच्चे से कबूलनामा मांगने का यह तरीका असंवैधानिक है और जेजे अधिनियम की धारा 15 के तहत तैयार की जाने वाली प्रारंभिक मूल्यांकन रिपोर्ट के दायरे से बाहर है.’ मानसिक और शारीरिक की क्षमता का आकलन जरूरी जेजे अधिनियम की धारा 15 में प्रावधान है कि यदि 16 से 18 वर्ष की आयु के बच्चे ने जघन्य अपराध किया है, तो किशोर न्याय बोर्ड घटना को अंजाम देने की दृष्टि से बच्चे के परिपक्वता स्तर, उसके मानसिक और शारीरिक की क्षमता के आकलन के लिए प्रारंभिक आकलन कर सकता है. पीठ ने यह भी कहा कि अधिनियम के तहत, परिवीक्षा अधिकारी को एक प्रपत्र भरना होता है, जो आरोपी बच्चों के लिए सामाजिक जांच रिपोर्ट (एसआईआर) तैयार करने से संबंधित है. इसने कहा कि बच्चे की कथित भूमिका और अपराध करने के कारण के बारे में दो प्रश्न ‘गलत थे क्योंकि पूर्व-परीक्षण चरण में ही यह पूर्वधारणा बना ली गयी है कि बच्चे ने अपराध किया है.’ ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Crime News, DELHI HIGH COURTFIRST PUBLISHED : September 23, 2022, 22:36 IST