सर यह मेरी गलती है जब भरी अदालत में नाराज हुआ SC कपिल सिब्बल ने मांगी माफी

Hemant Soren News: हेमंत सोरेन को आय से अधिक संपत्ति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने हेमंत की अंतरिम जमानत की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है. हेमंत सोरेन ने अरविंद केजरीवाल की तरह लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए अंतरिम जमानत की मांग की थी.

सर यह मेरी गलती है जब भरी अदालत में नाराज हुआ SC कपिल सिब्बल ने मांगी माफी
नई दिल्ली: हेमंत सोरेन को आय से अधिक संपत्ति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने हेमंत की अंतरिम जमानत की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है. हेमंत सोरेन ने अरविंद केजरीवाल की तरह लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए अंतरिम जमानत की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट में कुछ तथ्य ऐसे सामने आए, जिसके बाद हेमंत सोरेन के वकील कपिल सिब्बल को कहना पड़ा कि यह उनकी गलती है. सख्ती दिखाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कपिल सिब्बल से कहा कि याचिका के गुण-दोष पर विचार किए बगैर गिरफ्तारी के खिलाफ उनकी याचिका खारिज करेंगे. अगर अदालत विवरण पर गौर करेगी तो यह उनके लिए नुकसानदेह होगा. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने इस बात को लेकर काफी नाराजगी जताई कि याचिकाकर्ता ने कोर्ट के सामने सारे तथ्य नहीं रखे. हेमंत सोरने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि जब सोरेन ने शीर्ष अदालत का रुख किया तब कोर्ट को इस बात की जानकारी क्यों नहीं दी गई कि जमानत की अर्जी स्पेशल कोर्ट के सामने पेंडिंग है और निचली अदालत पहले ही चार्जशीट पर संज्ञान ले चुकी है. सुप्रीम कोर्ट की इस कड़े सवाल के बाद सीनियर वकील कपिल सिब्बल ने माफी मांगी. सि‍सोद‍िया के बाद हेमंत सोरेन को भी लगा बड़ा झटका, सुप्रीम कोर्ट ने खार‍िज की अंतर‍िम जमानत याच‍िका, कहा- आपने तथ्‍य छि‍पाए ‘सर यह मेरी गलती है’ हेमंत की ओर से पेश कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, ‘यह मेरी व्यक्तिगत गलती है, मेरे मुवक्किल की नहीं. मुवक्किल जेल में है और हम वकील हैं, जो उसके लिए काम कर रहे हैं. हमारा इरादा कोर्ट को गुमराह करना नहीं है और हमने ऐसा कभी नहीं किया है. इसके बाद जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने कहा, ‘हम मेरिट पर गौर किए बिना आपकी याचिका को खारिज कर सकते हैं, लेकिन अगर आप बहस करेंगे तो हमें मेरिट पर गौर करना होगा. यह आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है. इसे अपने ऊपर मत लीजिए, आप इतने वरिष्ठ वकील हैं.’ कपिल सिब्बल ने बचाव में क्या कहा? इसके बाद कपिल सिब्बल ने कहा, ‘जब हमने अंतरिम रिहाई के लिए आवेदन किया तो यह इस तथ्य पर आधारित था कि हम धारा 19 के तहत संतुष्ट नहीं थे. जमानत का उपाय रिहाई के उपाय से भिन्न है. मैं अपनी धारणा में गलत हो सकता हूं लेकिन यह अदालत को गुमराह करने के लिए नहीं था.’ इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, ‘हमें इसकी जानकारी क्यों नहीं दी गई? जब हमें पता होता है कि किसी अन्य मंच पर पहले ही संपर्क किया जा चुका है तो हम रिट याचिकाओं पर विचार नहीं करते हैं.’ ईडी ने अरविंद केजरीवाल का नाम लेकर किया विरोध इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में ईडी ने सोरेन की अंतरिम जमानत याचिका का विरोध किया. ईडी ने हलफनामा दाखिल कर कहा कि चुनाव के लिए प्रचार करने का अधिकार न तो मौलिक अधिकार है, न ही संवैधानिक अधिकार और न ही कानूनी अधिकार. ईडी की ओर से एएसजी एसवी राजू ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को मिली राहत का हवाला देकर सोरेन ज़मानत की मांग नहीं कर सकते. दोनों केस में तथ्य अलग-अलग हैं. सोरेन की गिरफ्तारी चुनाव से पहले हो गई थी, फिर इस केस में तो सोरेन के खिलाफ चार्जशीट पर कोर्ट संज्ञान ले चुका है. निचली अदालत ने पहली नजर में उनके खिलाफ केस को माना था. इस आदेश को उन्होंने कहीं चुनौती नहीं दी. यही नहीं, सोरेन की जमानत अर्जी भी खारिज हो चुकी है. Tags: CM Hemant Soren, Hemant sorenFIRST PUBLISHED : May 22, 2024, 13:12 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed