यह कहना गलत होगा कि निजी संपत्ति पर हो रही थी सुनवाई CJI यह क्या कह दिया

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यह मानना गलत होगा कि किसी व्यक्ति की निजी संपत्ति को सामुदायिक भौतिक संसाधन (material resources of community) नहीं माना जा सकता. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निजी संपति का इस्तेमाल जरूरत पड़ने पर सार्वजनिक हित के लिए भी किया जा सकता है.

यह कहना गलत होगा कि निजी संपत्ति पर हो रही थी सुनवाई CJI यह क्या कह दिया
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यह मानना गलत होगा कि किसी व्यक्ति की निजी संपत्ति को सामुदायिक भौतिक संसाधन (material resources of community) नहीं माना जा सकता. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निजी संपति का इस्तेमाल जरूरत पड़ने पर सार्वजनिक हित के लिए भी किया जा सकता है. दरअसल, चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 9 जजों की संविधान पीठ इस मामले पर विचार कर रही है कि क्या किसी की निजी संपत्ति को संविधान के आर्टिकल 39 बी के तहत ‘सामुदायिक भौतिक संसाधन’ माना जा सकता है और क्या इसका इस्तेमाल सरकार सार्वजनिक हित के लिए कर सकती है? दरअसल, आर्टिकल 39 बी राज्य के नीति निर्देशक तत्वों से सम्बंधित है. आर्टिकल 39 बी में कहा गया है कि सरकार अपनी नीति ऐसी बनाएगी कि सामुदायिक भौतिक संसाधनों का वितरण ऐसे हो कि जिससे आम जनता का हित सध सके. प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि ये कहना गलत होगा कि सिर्फ सार्वजनिक संसाधनों को ही ‘सामुदायिक भौतिक संसाधन माना जा सकता है और निजी सम्पति इसमें शामिल नहीं होगी. कोर्ट ने कहा कि प्राइवेट फॉरेस्ट और माइन का ही हम उदाहरण ले लें, अगर ये कहा जाए कि प्राइवेट होने की वजह से उस पर सरकारी नीति लागू नहीं होगी, ये गलत होगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 1950 में जब देश का संविधान लागू हुआ, उस वक़्त की सामाजिक परिस्थितियों के मद्देनजर उसे इस तरह से बनाया गया था कि ताकि ये सामाजिक बदलाव ला सके. ऐसे में ये कहना कि आर्टिकल 39 बी निजी सम्पतियों पर लागू नहीं होता, गलत होगा. मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने पूंजीवादी, समाजवादी विचारधारा का जिक्र किया. पूंजीवादी विचारधारा जहां संपत्ति के निजी स्वामित्व पर जोर देती है, वहीं समाजवादी विचारधारा यहां कहती है कि कोई संपत्ति निजी संपत्ति नहीं है, सभी संपत्ति समाज की है. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने इन दोनों विचारधारा के बीच संतुलन कायम करने वाली गांधीवादी विचारधारा की हिमायत की. सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि हमारे नीति निर्देश तत्व गांधीवादी विचारधारा का पालन करते हैं. हम न तो अति पूंजीवाद और न ही अति समाजवादी को अपनाते हैं. हम सोशलिस्ट मॉडल की उस हद तक नहीं जाते हैं, जहां कोई निजी संपत्ति नहीं होती. हम संपत्ति उसे मानते हैं, जिसे हम आने वाली पीढ़ी को सुपुर्द करने के लिए संजो कर रखते हैं. आज की पीढ़ी के लिए जो सम्पति हम रखते हैं, वो इस विश्वास के साथ भी संजो कर रखी जाती है कि वो आने वाले कल में समाज के व्यापक हितों के लिए इस्तेमाल हो पाएगी. . Tags: DY Chandrachud, Justice DY Chandrachud, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : April 26, 2024, 08:39 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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