सुप्रीम कोर्ट में उठी ऐसी मांग वकील से CJI ने क्यों कहा- मैं माफी चाहूंगा
सुप्रीम कोर्ट में उठी ऐसी मांग वकील से CJI ने क्यों कहा- मैं माफी चाहूंगा
Supreme Court CJI Chandrachud News: उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति संबंधी कॉलेजियम प्रणाली को समाप्त करने का अनुरोध करने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने सूचीबद्ध किये जाने पर विचार करने से सोमवार को इनकार कर दिया.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति संबंधी कॉलेजियम प्रणाली को समाप्त करने का अनुरोध करने वाली याचिका को सूचीबद्ध किये जाने पर विचार करने से सोमवार को इनकार कर दिया. प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला एवं न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने वकील मैथ्यूज नेदुम्परा की इस दलील पर गौर किया कि कॉलेजियम प्रणाली को खत्म करने का अनुरोध करने वाली उनकी रिट याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाना है.
वकील ने कहा, ‘मैंने कई बार इसका उल्लेख किया है. रजिस्ट्री ने इसे खारिज कर दिया है और वह मेरी याचिका को सूचीबद्ध नहीं कर रही है.’ प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘रजिस्ट्रार (सूचीबद्ध करने से संबंधित) ने कहा है कि जब संविधान पीठ किसी चीज पर एक बार फैसला सुना दे तो अनुच्छेद 32 के तहत याचिका (इस अनुच्छेद के तहत मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के आधार पर याचिका सीधे उच्चतम न्यायालय में दायर की जा सकती है) सुनवाई योग्य नहीं होती. रजिस्ट्रार के आदेश के विरुद्ध अन्य उपाय भी हैं.’
वकीलों ने कहा कि राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) पर फैसले के खिलाफ समीक्षा याचिका चैंबर में खारिज कर दी गई थी. उन्होंने कहा, ‘यह संस्था की विश्वसनीयता का सवाल है. कॉलेजियम प्रणाली को खत्म करना होगा.’ इस पर प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘मैं माफी चाहूंगा.’ इसके बाद पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने एनजेएसी अधिनियम और 99वें संविधान संशोधन को 17 अक्टूबर, 2015 को असंवैधानिक करार दिया था और इसे खारिज कर दिया था. इसमें नेताओं और नागरिक समाज को उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया में अंतिम अधिकार देने का प्रावधान था.
पीठ ने कहा था कि स्वतंत्र न्यायपालिका संविधान की मूल संरचना का हिस्सा है. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने कॉलेजियम प्रणाली को हटाने के लिए एनजेएसी विधेयक पारित किया था. इस प्रणाली के तहत न्यायाधीशों का एक समूह फैसला करता है कि उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश कौन होंगे. एनजेएसी ने इसके लिए छह सदस्यों वाली एक संस्था बनाने का प्रस्ताव रखा था जिसमें प्रधान न्यायाधीश, उच्चतम न्यायालय के दो वरिष्ठतम न्यायाधीश, केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री और दो प्रतिष्ठित व्यक्तियों को सदस्य बनाने की बात की गई थी.
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Tags: DY Chandrachud, Justice DY Chandrachud, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : April 29, 2024, 13:48 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed