उच्चतम न्यायालय का यथास्थिति बनाए रखने का आदेश सीओए नहीं संभालेंगी आईओए का कामकाज
उच्चतम न्यायालय का यथास्थिति बनाए रखने का आदेश सीओए नहीं संभालेंगी आईओए का कामकाज
उच्चतम न्यायालय के इस आदेश के बाद अब दिल्ली उच्च न्यायालय से नियुक्त प्रशासकों की समिति आईओए का कामकाज नहीं संभाल पाएगी. प्रशासकों की समिति में उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति अनिल आर दवे, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी और विदेश मंत्रालय के पूर्व सचिव विकास स्वरूप को रखा गया था.
हाइलाइट्सआईओए की अपील पर अब सुप्रीम कोर्ट 22 अगस्त को सुनवाई करेगा विश्व खेल संस्थाएं सीओए जैसे निकाय को मान्यता नहीं देती परिणाम स्वरूप भारत को अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं से निलंबित किया जा सकता था न्यायालय ने आईओए के मामलो में यथास्थिति बनाए रखने के लिए अंतरिम राहत प्रदान की
नई दिल्ली. उच्चतम न्यायालय ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को गुरुवार को अंतरिम राहत देते हुए यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया और कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त प्रशासकों की तीन सदस्यीय समिति (सीओए) देश की सर्वोच्च खेल संस्था का कामकाज नहीं संभालेगी.
प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र और आईओए की तरफ से उपस्थित सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की इस दलील पर गौर किया कि विश्व खेल संस्थाएं सीओए जैसे निकाय को मान्यता नहीं देतीं और इसके परिणाम स्वरूप भारत को अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने से रोका जा सकता है. शीर्ष अदालत ने विधि अधिकारी की इस दलील पर भी गौर किया कि इस आदेश का देश पर नकारात्मक असर पड़ सकता है. इसके बाद न्यायालय ने आईओए के मामलों में यथास्थिति बनाए रखने के लिए अंतरिम राहत प्रदान की.
उच्चतम न्यायालय के इस आदेश के बाद अब दिल्ली उच्च न्यायालय से नियुक्त प्रशासकों की समिति आईओए का कामकाज नहीं संभाल पाएगी. प्रशासकों की समिति में उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति अनिल आर दवे, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी और विदेश मंत्रालय के पूर्व सचिव विकास स्वरूप को रखा गया था.
उच्चतम न्यायालय में आईओए की अपील पर 22 अगस्त को सुनवाई होगी. इससे पहले उच्चतम न्यायालय आईओए की अपील पर दिन में ही सुनवाई करने के लिए तैयार हो गया था. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी थी कि अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) भारतीय संघ को निलंबित कर सकती है जैसा कि हाल में अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के मामले में हुआ था. दिल्ली उच्च न्यायालय ने 16 अगस्त को आईओए के कार्यो के संचालन के लिए तीन सदस्यीय सीओए के गठन का आदेश दिया था. उच्च न्यायालय ने कहा था कि आईओए खेल संहिता का पालन करने के प्रति लगातार अनिच्छा दिखा रहा है जिससे कि उसके कामकाज को सीओए को सौंपना अनिवार्य हो गया है.
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Tags: Supreme CourtFIRST PUBLISHED : August 18, 2022, 13:04 IST