CM जैसे पद रहने के बाद भी इतनी लालच बहन को भी हिस्सा क्यों नहीं दे रहे जगन
CM जैसे पद रहने के बाद भी इतनी लालच बहन को भी हिस्सा क्यों नहीं दे रहे जगन
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाई. एस. जगनमोहन रेड्डी एक बार फिर से चर्चा में हैं. इस बार न तो पदयात्रा की वजह से हैं और न ही ईडी और सीबीआई की रेड की वजह से चर्चा में हैं. बल्कि, इस बार बहन शर्मिला के साथ संपत्ति विवाद और उस पर मां के लिखे खत की वजह से चर्चा में हैं. जानें पूरा मामला.
नई दिल्ली. आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाई.एस. राजशेखर रेड्डी की विधवा वाई.एस. विजयम्मा अचानक ही चर्चा में आ गई हैं. विजयम्मा ने इस बात से इनकार किया है कि उनके पति ने अपने जीवनकाल में पारिवार की संपत्ति का बंटवारा अपने दोनों बच्चों के बीच कर दिया था. आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी और उनकी बहन वाई. शर्मिला दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री वाई. एस. राजशेखर रेड्डी को पुत्र और पुत्री हैं. दोनों के बीच परिवार की संपत्ति को लेकर पिछले कुछ सालों से विवाद चल रहा है. अब दोनों की मां वाई.एस. विजयम्मा ने संपत्ति विवाद को लेकर वाईएसआर के प्रशंसकों को एक खुला पत्र लिखा है. इस पत्र में विजयम्मा ने साफ कर दिया है कि उनके दोनों बच्चों के बीच जो कुछ भी हो रहा है उससे वह दुखी हैं.
विजयम्मा ने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के नेता वाई.वी. सुब्बा रेड्डी और वी. विजया साई रेड्डी के उस दावे पर सवाल उठाए हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि वाईएसआर के जीवित रहते ही उनके पारिवारिक संपत्ति जगन और शर्मिला के बीच बांट दी गई थी, जो सच नहीं है.’ विजयम्मा ने आगे कहा, राजशेकर रेड्डी के जीवनकाल में उनके दोनों बच्चे जैसे-जैसे बड़े हो रहे थे, उनके पति ने अपनी कुछ संपत्ति अपने बेटे को और कुछ संपत्ति अपनी बेटी को दे दी थी, लेकिन यह पारिवारिक संपत्ति का बंटवारा नहीं था.’
भाई-बहन के बीच संपत्ति विवाद
विजयम्मा ने आगे कहा है कि परिवार के ऑडिटर के रूप में विजया साई रेड्डी और उनके रिश्तेदार के रूप में सुब्बा रेड्डी तथ्यों को जानते थे, लेकिन उन्होंने अब झूठ बोलना शुरू कर दिया है.दरअसल, सुब्बा रेड्डी और साई रेड्डी ने हाल ही में पीसी कर कहा था कि राजशेखर रेड्डी ने अपने जीवन काल में दोनों बच्चों में संपत्ति का बंटवारा कर दिया था और इस बात का हम दोनों गवाह हैं.’ जबकि, विजयम्मा का कहना है कि दोनों ने भाई-बहनों के बीच संपत्ति के बंटवारे के लिए एमओयू पर गवाह के रूप में हस्ताक्षर भी किए थे.’
क्यों शुरू हुआ संपत्ति विवाद?
आपको बता दें कि दोनों की मां विजयम्मा फिलहाल शर्मिला के साथ रही हैं. विजयम्मा ने शर्मिला के इस दावे का भी समर्थन किया है कि वाईएसआर चाहते थे कि परिवार की सारी संपत्ति उनके चार पोते-पोतियों के बीच भी समान रूप से वितरित की जाए. विजयम्मा ने आगे लिखा, ‘यह सच है कि जगन ने कड़ी मेहनत की है, जिसके परिणामस्वरूप संपत्ति का मूल्य बढ़ गया लेकिन यह भी सच है कि सभी संपत्तियां पारिवारिक संपत्ति हैं’
कैसे हुई थी जगन के पिता की मौत?
आपको बता दें कि आंध्र प्रदेश के पूर्व दिवंगत सीएम वाईएसआर की मृत्यु एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में हो गई थी. वाईएसआर उस समय आंध्र प्रदेश में इतने लोकप्रिय थे कि उनके निधन के बाद तकरीबन पूरे आंध्र प्रदेश में तकरीबन 200 लोगों ने सुसाइड कर लिया था. दोनों भाई-बहन वाईएसआर की मौत के बाद 2009 से 2019 तक एक साथ ही रहे. इस दौरान जगन ने लाभांश में शर्मिला के हिस्से के रूप में 200 करोड़ रुपये दिए. एमओयू के अनुसार, जगन को 60 प्रतिशत शेयर और शर्मिला को शेष 40 प्रतिशत हिस्सा देने की बात है.
मां किसके साथ, बेटा या बेटी?
लेकिन, जगन की मां विजयम्मा ने खुलासा किया कि सा 2019 में मुख्यमंत्री बनने के दो महीने बाद जगन ने संपत्ति के वितरण का प्रस्ताव रखा, जब वे इजराइल की यात्रा पर थे. इसके बाद, कुछ संपत्तियां जगन को और कुछ अन्य शर्मिला को दे दी गईं. यह वही समझौता ज्ञापन है जिसे जगन ने खुद जिक्र किया था और अपने शब्दों में लिखा था. जिन संपत्तियों को जगन ने शर्मिला के साथ साझा करने का आदेश दिया था, वे पूरी तरह से उनकी हैं, और कोई उपहार नहीं थीं.’
क्या एमओयू की वजह से है विवाद?
विजयम्मा ने आगे लिखा, ‘माता-पिता के लिए किसी भी आधार पर अपने बच्चों के बीच अंतर करना असंभव है और वे हमेशा उन्हें समान प्यार और ध्यान देते हैं. हालांकि, जब एक भाई-बहन के साथ दूसरे भाई-बहन द्वारा अन्याय किया जाता है तो शांत और चुप रहना आसान नहीं होता है. इसलिए माता-पिता के रूप में यह मेरा कर्तव्य है कि मैं न्याय और सच्चाई के पक्ष में खड़ा रहूं और पीड़ित के हितों के लिए आगे बढ़ें. मैं यह स्पष्ट कर दूं कि वे दोनों भाई-बहन हैं और अच्छी तरह से जानते हैं कि इन मुद्दों को कैसे दूर किया जाए और उनकी समस्याओं का समाधान कैसे किया जाए.’
आपको बता दें कि हिंदू एक्ट के तहत और सूप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले साफ कर दिया है कि पिता की संपत्ति में भाई-बहनों समान रूप से हिस्सेदारी है. इस लिहाज से देखें तो जगनमोहन रेड्डी और शर्मिला में संपत्ति में समान बंटवारा होना चाहिए. लेकिन, एमओयू में जो हस्ताक्षर हैं, उसके तहत जगन को 60 प्रतिशत और शर्मिला को 40 प्रतिशत संपत्ति देने की बात लिखी है.
Tags: Andhra pradesh news, Jagan mohan reddy, Property disputeFIRST PUBLISHED : October 31, 2024, 16:30 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed