क्या इंदिरा सरकार ने बदला संविधान अहम फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कही ये बात
क्या इंदिरा सरकार ने बदला संविधान अहम फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कही ये बात
सुप्रीम कोर्ट ने देश के संविधान में इंदिरा गांधी के कार्यकाल में समाजवाद और धर्मनिरपेक्ष शब्द जोड़ने को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है. शीर्ष अदालत ने कहा है कि देश की संसद इस बारे में फैसला ले सकती है.
देश में आपातकाल के दौरान दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार ने क्या देश का संविधान बदल दिया था? इस सवाल पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर संविधान की प्रस्तावना से ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘समाजवादी’ शब्द हटाने की मांग की गई थी. इस याचिका पर पहले ही सुनवाई पुरी हो चुकी थी. शीर्ष अदालत को सोमवार को फैसला सुनाना था. अदालत ने सोमवार को इस याचिका को ही खारिज कर दिया.
याचिकाकर्ता के मुताबिक 1976 में संविधान की प्रस्तावना में 42वें संशोधन के जरिए ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘समाजवादी’ शब्द जोड़े गए थे. याचिकाकर्ताओं का कहना था कि इमरजेंसी के दौरान गलत तरीके से प्रस्तावना को बदला गया. समाजवाद जैसी किसी विशेष राजनीतिक विचारधारा को संविधान का हिस्सा नहीं बनाया जा सकता.
याचिकाओं में यह भी कहा गया कि प्रस्तावना को 26 नवंबर 1949 में संविधान सभा ने स्वीकार किया था. बिना उस तारीख को बदले सीधे प्रस्तावना में बदलाव कर देना सही नहीं था. बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी सहित अन्य की ओर से यह याचिका दायर की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संसद को पूरा अधिकार है कि वो चाहे तो संविधान की प्रस्तावना से धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी शब्द को हटा सकती है.
Tags: Constitution of India, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : November 25, 2024, 13:25 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed