बैंक चोरी में शख्स ने कोई अपनी पूरी रकम सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश से दी बड़ी राहत जानें पूरा मामला
बैंक चोरी में शख्स ने कोई अपनी पूरी रकम सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश से दी बड़ी राहत जानें पूरा मामला
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एएस ओका की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि "उनकी पूरी जिंदगी की बचत चली गई है क्योंकि उन्होंने आप पर भरोसा और विश्वास रखा है. पीठ ने कहा कि हम व्यक्तिगत नुकसान का फैसला नहीं कर सकते हैं लेकिन इस बूढ़े को काफी परेशान किया गया है.”
हाइलाइट्सयह मामला एसबीआई के झारखंड के बोकारो स्टील सिटी ब्रांच का है. 25 दिसंबर 2017 को बैंक में चोरी हो गई थी जिसमें बुजुर्ग की पूरी रकम चली गई थी.बैंक ने दावा किया कि वह नुकसान के लिए उत्तरदायी नहीं है क्योंकि उसने RBI के नियमों और निर्देंशों का पालन किया था.
नई दिल्ली: एक बैंक चोरी अपनी पूरी रकम खोने वाले 80 साल के बुजुर्ग को सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बड़ी राहत दी. इस बुजुर्ग की 30 लाख की रकम स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के लॉकर में रखे हुए थे जो कि चोरी हो गए थे. चोरी हुई रकम बुजुर्ग गोपाल प्रसाद महंती की पूरी जिंदगी की कमाई थी. अपनी खोई हुई रकम वापस पाने के लिए गोपाल प्रसाद ने कई बार बैंक और कोर्ट के चक्कर काटे लेकिन अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया.
उच्चतम न्यायालय ने बुजुर्ग गोपाल प्रसाद के हक में फैसला सुनाते हुए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को बुजुर्ग को मुआवजा देने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट के इस आदेश से पीड़ित गोपाल प्रसाद को बहुत बड़ी राहत मिली है.
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एएस ओका की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि “उनकी पूरी जिंदगी की बचत चली गई है क्योंकि उन्होंने आप पर भरोसा और विश्वास रखा है. पीठ ने कहा कि हम व्यक्तिगत नुकसान का फैसला नहीं कर सकते हैं लेकिन इस बूढ़े को काफी परेशान किया गया है.”
आपको बता दें कि यह मामला एसबीआई के झारखंड के बोकारो स्टील सिटी ब्रांच का है. बैंक कस्टमर गोपाल प्रसाद महंती ने बैंक के लाकर में कुल 30 रुपये जमा कराए थे जिसमें कुछ कैश और गहने और कीमती सामान था. 25 दिसंबर 2017 को बैंक में चोरी हो गई थी जिसमें बुजुर्ग की पूरी रकम चली गई थी.
एसबीआई ने इस साल 7 अप्रैल को राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग 30 लाख रुपये के मुआवजे से परेशान आकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. कोर्ट में बैंक ने कहा कि इस तरह का आदेश हमारे लिए काफी मुश्किल खड़ा करता है क्योंकि हमें नहीं पता होता कि बैंक के लॉकर में क्या सामान है.
बैंक ने कोर्ट में दावा किया कि वह नुकसान के लिए किसी भी तरह से उत्तरदायी नहीं है क्योंकि उसने भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों और निर्देंशों का पालन किया था. बैंक ने कहा कि हमने उन सभी उपकरणों को बैंक और बैंक परिसर में लगाया था जो जरूरी होते हैं लेकिन बदमाशों ने एक एक करके सबको बेअसर कर दिया था. हालांकि बैंक की दलीलों को कोर्ट ने सुना जरूर लेकिन फैसला बुजुर्ग के पक्ष में सुनाया. कोर्ट ने बैंक को मुआवजा देने के निर्देश दिए हैं.
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Tags: Reserve bank of india, State Bank of India, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : August 01, 2022, 21:43 IST