जज बनने की लिस्ट में थे न्यायाधीशों के रिश्तेदार कॉलेजियम ने किया कमाल!
जज बनने की लिस्ट में थे न्यायाधीशों के रिश्तेदार कॉलेजियम ने किया कमाल!
Supreme Court collegium: चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाला कॉलेजियम लीग से हटते हुए पहली बार हाईकोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश वाले जूनियर जजों और वकीलों से मिला. जिसके बाद ऐतिहासिक फैसला लिया गया. इससे नए जजों को आगे आने का मौका मिलेगा.
Supreme Court collegium: सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने हाल ही में हाईकोर्ट जज बनने के संभावित वकीलों व जूनियर जजों से बातचीत की. यह पहला मौका है जब हाईकोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश वाले जजों व वकीलों से सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा बातचीत की गई हो. इस दौरान एक वकील की तरफ से कॉलेजियम के सामने यह मांग रखी गई कि ऐसे वकीलों को जज बनाने की सिफारिश ना की जाए जिनके माता-पिता व रिश्तेदार पहले सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट में जज रह चुके हों. इस प्रस्ताव को कई अन्य वकीलों का भी समर्थन मिला. कॉलेजियम में सीजेआई के अलावा जस्टिस बी आर गवई, सूर्यकांत, हृषिकेश रॉय और ए एस ओका भी शामिल रहे.
सुप्रीम कोर्ट ने किया आकलन
यह पहला मौका है जब चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने हाईकोर्ट के कॉलेजियम द्वारा जज बनने के लिए सिफारिश कर भेजे गए वकीलों और जिला जजों के साथ बातचीत की है. सुप्रीम कोर्ट ने उसकी सूटेबिल्टी और सहित क्षमता का आकलन किया. देश की टॉप कोर्ट के जजों ने ने इलाहाबाद, बॉम्बे और राजस्थान हाईकोर्ट के जजों के रूप में नियुक्ति के लिए सिफारिश किए गए लोगों के साथ बातचीत की. साथ ही 22 दिसंबर को केंद्र को उन नामों को भेजा, जिन्हें उन्होंने हाईकोर्ट के जजों के रूप में नियुक्ति के लिए योग्य माना.
जजों के रिश्तेदार पहले ही सफल वकील हैं…
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक कॉलेजियम में कुछ जजों की तरफ से कहा गया कि हाईकोर्ट जज बनने के लिए कुछ ऐसे योग्य उम्मीदवार भी हैं जो वर्तमान या पूर्व सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट के जजों के करीबी रिश्तेदार हैं. ऐसे उम्मीदवार जज बनने से चूक सकते हैं. उन्हें लगता है कि इससे इन जज बनने के उम्मीदवारों को कोई नुकसान नहीं होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि वो पहले से ही एक सफल वकील हैं और एक वकील के तौर पर काफी नाम कमाने के साथ-साथ खूब पैसा भी कमा रहे हैं.
अलग-अलग समुदायों का प्रतिनिधित्व का मिलेगा मौका
कॉलेजियम की तरफ से कहा गया कि चयन प्रक्रिया से ऐसे उम्मीदवारों के बाहर होने से कई योग्य पहली पीढ़ी के वकीलों को संवैधानिक अदालतों में प्रवेश करने का मौका मिलेगा. ऐसा करने से सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में विविधता आएगी. साथ ही अलग-अलग समुदायों का प्रतिनिधित्व करने वाले लोगों को जज बनने का मौका मिलेगा. इससे पहले यह चलन था कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम केवल हाईकोर्ट के कॉलेजियम द्वारा पेश वकीलों और न्यायिक अधिकारियों के लिस्ट का बायोडेटा, उनके पिछले जीवन पर खुफिया रिपोर्ट व राज्यों के राज्यपालों और मुख्यमंत्रियों की राय के आधार पर काम करता था. अब सुप्रीम ने हाईकोर्ट के कॉलेजियम द्वारा भेजे गए उम्मीदवारों से व्यक्तिगत रूप से बातचीत की. उनके व्यवहार और न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति के लिए सूटेबिल्टी का सीधे तौर पर आकलन किया.
Tags: Hindi news, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : December 30, 2024, 09:53 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed