गन्ना के लिए खतरनाक है सूखा रोग इस दवा के छिड़काव से हो जाएगा समाप्त
गन्ना के लिए खतरनाक है सूखा रोग इस दवा के छिड़काव से हो जाएगा समाप्त
कृषि विज्ञान केन्द्र सुल्तानपुर में कार्यरत कृषि वैज्ञानिक डॉ. एके सिंह ने बताया कि गन्ने के ऊपरी भाग में सूखा रोग लगता हुआ दिखाई दे तो सिंचाई शाम को करें और इमिडाक्लोप्रिड का 200 लीटर पानी में घोल बनाकर गन्ने की फसल पर शाम को सिंचाई के साथ कम से कम दो बार छिड़काव करें. इससे सूखा रोग खत्म हो जाएगा और गन्ना सही तरीके से विकसित होगा.
सुल्तानपुर. मुंह में मिठास पैदा करने वाली सुल्तानपुर की मुख्य फसल इन दिनों संकटों से घिरा हुआ है. अचानक बदलते मौसम और अनियमित तापमान के कारण गन्ने की फसल सूख कर पीली हो रही है. जिसके चलते किसानों के चेहरे पर मायूसी छा गई है और फसल को लेकर माथे पर चिंता की लकीरें बढ़ गई है.
किसान खेत में लहलहाते फसल को कैसे बचा सकते हैं , इसको लेकर कृषि वैज्ञानिक ने किसानों को कछ खास सुझाव दिया है. इसकी मदद से किसान गन्ने की फसल को बचा सकते हैं.
सूखा रोग गन्ने की ग्रोथ को कर देता है प्रभावित
कृषि विज्ञान केन्द्र सुल्तानपुर में कार्यरत कृषि वैज्ञानिक डॉ. एके सिंह ने लोकल 18 को बताया कि इस सूखे रोग में गन्ने पर जब तेज धूप पड़ती है तो फसल का ऊपरी हिस्सा सूखने लगता है और गन्ने की बढ़ने की दर कम हो जाती है. यदि समय रहते इस रोग का उपचार ना किया जाए तो पूरी फसल खराब हो सकती है. गन्ने की फसल को इस सूखा रोग से बचाने के लिए कई तरह की दवाओं का छिड़काव करना चाहिए. गन्ने की खेती से अच्छा मुनाफा कमाना है तो बेहतर उपज का हासिल होना जरूरी हो जाता है. इसलिए, गन्ने का पूर्ण विकास और उसकी मोटाई का ज्यादा होना जरूरी है. उन्होंने बताया कि जब गन्ने की फसल में इस सूखे रोग के लक्षण दिखाई देने लगे, तब बिना किसी देरी के इस रोग के निवारण के लिए कृषि विशेषज्ञ के पास जाकर सलाह लेनी चाहिए और इसके निराकरण का उपाय करना चाहिए.
सूखा रोग लगने पर इस दवा का करें छिड़काव
कृषि विज्ञान केन्द्र सुल्तानपुर में कार्यरत कृषि वैज्ञानिक डॉ. एके सिंह ने लोकल 18 को बताया कि जब गन्ने में सूखा रोग लग जाता है तो गन्ने की लंबाई और मोटाई में बढ़ोतरी बंद हो जाता है और कुछ समय बाद फसल सूख जाती है. इस स्थिति में किसानों को काफी घाटा होता है. गन्ने को इस रोग से बचाने के लिए फसल की नियमित देखभाल करना बेहद जरूरी है. उन्होंने बताया कि गन्ने के ऊपरी भाग में यह रोग लगता हुआ दिखाई देने लगे तो सिंचाई दिन की बजाय शाम को करें और इमिडाक्लोप्रिड का 200 लीटर पानी में घोल बनाकर गन्ने की फसल पर शाम को सिंचाई के साथ कम से कम दो बार छिड़काव करें. इससे फसल में लगने वाला सूखा रोग खत्म हो जाएगा और गन्ना सही तरीके से विकसित होगा.
Tags: Agriculture, Local18, Sultanpur news, UP newsFIRST PUBLISHED : September 14, 2024, 17:12 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed