क्या है रेडियो संकेतों और तारों की पैदाइश में संबंध

गैलेक्सी (Galaxy) के अध्ययन में नए निर्मित हो रहे तारों (Newly forming Stars) का बहुत महत्व होता है. इनसे निकलने वाली किरणें सीधी पृथ्वी तक नहीं पहुंचती हैं उससे पहले ही अपने स्रोत के पास में इनमें बदलाव होता है. वहीं सुपरनोवा से निकलने वाली पदार्थ से खगोलीय विकरण निकलते हैं. वैज्ञानिकों ने गैलेक्सी की इन प्रक्रियाओं को सिम्यूलेट कर खगोलीय विकरणों की ऊर्जा के स्पैक्ट्रम का अध्ययन कर तारों के निर्माण और रेडियो उत्सर्जन (Radio Emission) के बीच संबंध पता लगाने का प्रयास किया है.

क्या है रेडियो संकेतों और तारों की पैदाइश में संबंध
खगोलविज्ञान एक आसान अध्ययन नहीं हैं. कई तरह के गहन और लंबे अध्ययनों को बाद अलवलोकनों के आंकड़ों के सही निष्कर्ष निकाले जाते हैं जिनका परीक्षण भी किया जाता है और तब कहीं जाकर नए खोजे गए सिद्धांत को स्थापित माने की पुष्टि हो पाती है. हमारे मिल्की वे जैसी गैलेक्सी (Galaxy) के निर्माण और विकास को समझने के लिए दोनों ही तरह यानि पास की और दूरी की गैलेक्सी में नए निर्मित हो रहे तारों (New forming Stars) की संख्या का जानना बहुत जरूरी है. नए अध्ययन में इन तारों से आने वाली तंरगों, विशेषकर रेडियो तरंगों (Radio waves) का अध्ययन और उनके संबंध की व्याख्या करने का प्रयास किया गया है. तारे से निकली इंफ्रारेड और रेडियो तरंगें खगोलविद प्रायः इंफ्रारेड तरंगों और उसने फिर रेडियो विकिरण के बीच के संबंध की कड़ी का उपयोग करते हैं जिसकी खोज 50 साल पहले हुई थी.  गैलेक्सी के घने इलाकों में युवा विशाल तारों से निकली  ऊर्जावान विकरण को पास की धूल के बादल अवशोषित कर लेते हैं और फिर उसका फिर से उत्सर्जन कर कम ऊर्जा वाले इंफ्रारेड विकिरण के रूप में करते हैं. और खगोलीय विकिरण भी लेकिन जब तारे का ईंधन खत्म होता है, तब ये विशाल तारे सपुरनोवा के तौर पर विस्फोटित हो कर अपने जीवन का अंत कर लेते हैं. इस सुपरनोवा विस्फोट में बाहरी तारे का आवरण तेजी से वातावरण में फैलता है और अंतरतारकीय माध्यम में मौजूद कुछ कणों को उच्च ऊर्जा से गतिमान कर देता है जिससे वे खगोलीय विकिरण बन जाते हैं. इंफ्रारेट विकिरण और रेडियो तरंगें गैलेक्सी की मैग्नेटिक फील्ड में ये तीव्र गति के कण करीब प्रकाश की गति से यात्रा करते हुए बहुत कम ऊर्जा वाले रेडियो विकिरण उत्सर्जित करते हैं जिनकी वेवलेंथ  कुछ सेंटीमीटर से कई मीटर तक थी.  प्रक्रियाओं की इन कड़ियों, गैलेक्सी में नए निर्मित होते तारे, इंफ्रारेट विकिरण और रेडियो तरंगें बहुत नजदीकी तौर से जुड़े हैं. इस संबंध की सही व्याख्या इस संबंध का उपयोग खगोलविज्ञान में पहले भी होता रहा है, लेकिन इसकी सही से व्याख्या कभी नहीं की जा सकी. इससे पहले के प्रयास  यह पूर्वानुमान लगाने में नाकाम रहे थे कि यदि उच्च ऊर्जा की खगोलीय किरण इन गैलेक्सी से आने वाले रेडियो  उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार हैं तो सैद्धांतिक तौर पर बहुत गहरे रेडियो स्पैक्ट्रम में निम्न रेडियो तरंगों वाले उच्च उत्सर्जन दिखने चाहिए थे, लेकिन ऐसा अवलोकन में मिलता नहीं था. स्पैक्ट्रम की गणना इस रहस्य को सुलझाने के लिए इस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स पोस्टडम (AIP) शोधकर्ताओं ने पहली बार गैलेक्सी के निर्माण की इन प्रक्रियाओं का वास्तविक सिम्यूलेशन किया और  उनके खगोलीय किरणों की उर्जा के स्पैक्ट्रम की गणना की.शोधकर्ताओं  ने बताया कि गैलेक्सी की डिस्क बनने के दौरान खगोलीय मैग्नेटिक फील्ड इतनी बढ़ जाती है कि शक्तिशाली अवलोकित मैग्नेटिक फील्ड से मेल खाने लगती हैं. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Galaxy, Research, Science, SpaceFIRST PUBLISHED : June 30, 2022, 14:15 IST