Ganga Dussehra: हस्त नक्षत्र में करें स्नान इन 10 पापों से मिलेगी मुक्ति!

Ganga Dussehra 2024 Date: गंगा दशहरा पर्व ज्येष्ठ शुक्ल दशमी तिथि को मनाया जाता है. इस साल 16 जून 2024 के दिन रविवार को गंगा दशहरा मनाया जाएगा. मान्यता है कि गंगा में स्नान करने मात्र से ही सभी प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं. विशेष बात ये है कि इस बार गंगा दशहरा पर 3 शुभ योग और हस्त नक्षत्र का निर्माण हो रहा है. आइए जानते हैं इनके बारे में-

Ganga Dussehra: हस्त नक्षत्र में करें स्नान इन 10 पापों से मिलेगी मुक्ति!
Ganga Dussehra 2024: गंगा दशहरा पर देश की पवित्र नदी मोक्षदायिनी मां गंगा की पूजा की जाती है. यह पावन पर्व ज्येष्ठ शुक्ल दशमी तिथि को मनाया जाता है. इस साल 16 जून 2024 के दिन रविवार को गंगा दशहरा मनाया जाएगा. हिन्दू धर्म में मान्यता है कि गंगा में स्नान करने मात्र से ही सभी प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं. यही वजह है कि गंगा दशहरा का दिन खास महत्व रखता है. विशेष बात ये है कि इस बार गंगा दशहरा पर 3 शुभ योग और हस्त नक्षत्र का निर्माण हो रहा है. ये बेहद फलदायी होता है. अब सवाल है कि गंगा दशहरा पर कौन से शुभ योग बन रहे हैं? क्या होता है हस्त नक्षत्र? किन पापों से मिल सकती मुक्ति? कौन से मत्रों का करें जाप? इन सवालों के बारे में jharkhabar.com को जानकारी दे रहे हैं उन्नाव के ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषिकांत मिश्र शास्त्री- गंगा दशहरा 2024 पर ये होंगे शुभ योग पं. ऋषिकांत मिश्र के मुताबिक, इस बार गंगा दशहरा के दिन 3 शुभ योग बन रहे हैं. इसमें सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 05:23 से 11:13 बजे तक रहेगा. अमृत सिद्धि योग सुबह 05:23 से 11:13 बजे तक है. इसके बाद पूरे दिन रवि योग रहेगा. गंगा दशहरा पर कैसे फलदायी है हस्त नक्षत्र पंडित के मुताबिक, हस्त नक्षत्र के स्वामी चंद्र देव हैं. मान्यता है कि यह नक्षत्र अपने जातकों में बुद्धिमत्ता, रचनात्मकता और महत्वाकांक्षा के गुण पैदा करता है. यही वजह है कि, हस्त नक्षत्र को एक भाग्यशाली सितारा कहा जाता है. यही नहीं, इस नक्षत्र में जन्मे लोगों को सफलता, धन और समृद्धि का आशीर्वाद बना रहता है. गंगा स्नान से इन 10 पापों से मिलेगी मुक्ति पं. ऋषिकांत मिश्र के मुताबिक, गंगा दशहरा पर शुभ योग और हस्त नक्षत्र में स्नान करने से 10 पापों से मुक्ति मिल सकती है. इसमें कायिक, वाचिक, मानसिक, मलिनीकरण, चोरी, झूठ बोलना, स्पर्शी करण, न देखने वाली वस्तु को देखना, अभक्ष्य का भक्षण, व्यभिचार करना आदि शामिल हैं. क्या है गंगा दशहरा का महत्व पौराणिक कथाओं के अनुसार, राजा भगीरथ की कठोर तपस्या के फलस्वरूप मां गंगा ज्येष्ठ शुक्ल दशमी तिथि को भगवान शिव की जटाओं से होगा पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं, इस वजह से इस दिन को गंगा अवतरएा दिवस के रूप में भी मनाते हैं. गंगा दशहरा या गंगा अवतरण दिवस गंगा जयंती नहीं है. गंगा दशहरा के दिन मां गंगा पृथ्वी पर आईं और राजा भगीरथ के 60 हजार पूर्वजों को मोक्ष प्रदान किया. ये भी पढ़ें:  पिता के लिए लकी साबित होती हैं इन तारीखों में जन्मी बेटियां, जिस घर में पड़ते कदम सौभाग्य और दौलत की नहीं रहती कमी! ये भी पढ़ें:  Pandit Pradeep Mishra: आसान नहीं था रघुराम से ‘सीहोर वाले बाबा’ बनाने का सफर, शिवपुराण में लगा दिया जीवन, आज लाखों में है फैन फालोइंग गंगा स्नान के इन खास मंत्र से होगा लाभ गंगा सिंधु सरस्वती च यमुना, गोदावरी नर्मदा। कावेरी शरयू महेंद्रतनया शर्मण्वती वेदिकाक्षिप्रा वेत्रवती महासुर नदी, ख्याता गया गंडकी। पूर्णा पूर्ण जलैः समुद्र सरिता, कुर्यातसदा मंगलम।। राम रामेति रामेति, रमे रामे मनोरमे । सहस्रनाम तत्तुल्यं, रामनाम वरानने॥ गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती। नर्मदे सिन्धु कावेरी जले अस्मिन् सन्निधिम् कुरु॥ गंगा पापं शशी तापं दैन्यं कल्पतरुस्तथा। पापं तापं च दैन्यं च हन्ति सज्जनसङ्गमः।। Tags: Astrology, Dharma Aastha, Ganga river, Ganga SnanFIRST PUBLISHED : June 15, 2024, 14:10 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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