पंजाब: पुलिस की जांच में बड़ा खुलासा मूसेवाला के मर्डर के कुछ घंटों में पकड़े जा सकते थे हत्यारे खेतों में छिपे थे शूटर
पंजाब: पुलिस की जांच में बड़ा खुलासा मूसेवाला के मर्डर के कुछ घंटों में पकड़े जा सकते थे हत्यारे खेतों में छिपे थे शूटर
Sidhu Moose Wala Murder: सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या की गुत्थी को घटना के कुछ घंटों के बाद ही सुलझाया जा सकता था. दिल्ली पुलिस की जांच के मुताबिक हत्या को अंजाम देने के बाद छह में से चार शूटर हत्या के एक घंटे बाद तक अपराध स्थल से 10 किलोमीटर दूर ख्याला गांव के खेतों में छिपे हुए थे. इस बात का खुलासा पंजाब पुलिस ने भी अपनी चार्जशीट में किया है.
हाइलाइट्सहत्या को अंजाम देने के बाद छह में से चार शूटर हत्या के एक घंटे तक खेतों में छिपे थे. इस बात का खुलासा दिल्ली पुलिस ने अपनी जांच में किया है.तुरंत कार्रवाई की गई होती तो हत्या की गुत्थी को कुछ घंटों में सुलझाया जा सकता था.
(एस. सिंह)
चंडीगढ़. सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या की गुत्थी को घटना के कुछ घंटों के बाद ही सुलझाया जा सकता था. दिल्ली पुलिस की जांच के मुताबिक हत्या को अंजाम देने के बाद छह में से चार शूटर हत्या के एक घंटे बाद तक अपराध स्थल से 10 किलोमीटर दूर ख्याला गांव के खेतों में छिपे हुए थे. इस बात का खुलासा पंजाब पुलिस ने भी अपनी चार्जशीट में किया है. दि ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट में एक अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि हत्या को अंजाम देन के बाद शूटर पड़ोसी राज्यों हरियाणा और राजस्थान भाग गए थे. अधिकारी ने बताया कि अगर तुरंत कार्रवाई की गई होती तो हत्या की गुत्थी को कुछ घंटों में सुलझाया जा सकता था.
दिल्ली पुलिस ने बाद में तीन शूटरों प्रियव्रत फौजी, अंकित सिरसा और कशिश को अलग-अलग अभियानों में गिरफ्तार किया था. पूछताछ से पता चला है कि पंजाब पुलिस हरियाणा और राजस्थान के साथ सीमाओं को प्रभावी ढंग से सील नहीं कर सकी. इसके साथ ही भगोड़े शूटरों को रोकने के लिए अंतर-जिला स्तर पर नाकाबंदी के लिए चौकियों को तेजी से स्थापित नहीं कर सकी.
जांच की पहली प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों ने नाम ना बताने की शर्त पर कहा कि कुछ ग्रामीणों द्वारा पुलिस को सूचित किए जाने के बाद पुलिस टीमों को ख्याला गांव भेजा गया था. क्योंकि उन्होंने गांव के बाहरी इलाके में संदिग्ध व्यक्तियों को छिपा हुआ देखा था.
अस्पताल और मूसेवाला के घर पर रही पुलिस
उन्होंने कहा कि अधिकांश पुलिस कर्मियों को मानसा सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां मूसेवाला के प्रशंसक काफी उत्तेजित थे और हिंसा का सहारा ले सकते थे. मूसा गांव में गायक के घर पर भीड़ को नियंत्रित करने के साथ-साथ अपराध स्थल को सुरक्षित करने के लिए एक बड़े पुलिस बल की उपस्थिति की भी आवश्यकता थी. अधिकारियों ने कहा कि या तो पुलिस के पहुंचने तक शूटर भाग चुके थे या पर्याप्त बल की कमी के कारण पुलिस खेतों में ठीक से सर्च नहीं कर पाई.
शूटरों में से दो जगरूप रूपा और मनप्रीत मन्नु उर्फ मन्नु कुसा अपराध करने के बाद बरनाला की ओर एक अल्टो कार में भाग गया. दोनों हत्या के करीब 50 दिन बाद तरनतारन में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था. अन्य प्रियव्रत फौजी, अंकित सिरसा, कशिश और दीपक मुंडी हरियाणा की ओर भागे थे. वे रास्ता भटक गए थे जब उन्होंने एक पीसीआर कार को अपना पीछा करते देखा, तो वे ख्याला गांव की ओर मुड़े जहां उनका बोलेरो सड़क किनारे फंस गया.
शूटर एक खेत में छिप गए लेकिन पीसीआर वाहन बिना रुके वहां से गुजर गया था. यह दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ द्वारा आरोपी शूटर से पहली पूछताछ के दौरान सामने आया था और अब उन्हीं शूटरों ने पुलिस को दिए अपने बयान में इसकी पुष्टि की है, जैसा कि मानसा अदालत के समक्ष पेश आरोपपत्र में उल्लेख किया गया है. चार्जशीट में कहा गया है कि शूटर 10 किमी दूर राला गांव (मानसा) के एक लिंक रोड मील के पत्थर के पास खेतों में छिप गए थे. चार्जशीट के साथ-साथ दिल्ली पुलिस की जांच में कहा गया है कि फौजी ने सिग्नल ऐप का इस्तेमाल करके गोल्डी बराड़ को फोन किया था.
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Tags: Crime News, Murder, Sidhu Moose WalaFIRST PUBLISHED : September 01, 2022, 10:37 IST