हाइलाइट्स विपक्ष MSP पर सरकार से स्पष्ट जवाब की मांग कर रहा था. शिवराज सिंह चौहान ने सरकार द्वारा किसानों के लिए काम गिनवाए. कृषि मंत्री ने UPA के वक्त का एक कैबिनेट नोट दिखाकर जमकर क्लास लगाई.
नई दिल्ली. न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को लेकर गुरुवार को राज्यसभा में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया. समाजवादी पार्टी के नेता रामजी लाल सुमन और कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने सरकार को घेरने के प्रयास किया. कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जब इसका जवाब देना शुरू किया तो सबकी बोलती बंद करके रख दी. दरअसल उन्होंने मनमोहन सिंह की सरकार के समय का दो प्वाइंट का वो कैबिनेट नोट दिखाया, जिसके आधार पर तब की सरकार एमएसपी देने से पीछे हट गई थी.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसान हमारे लिए भगवान की तरह हैं और किसान की सेवा हमारे लिए पूजा करने जैसा है. कृषि मंत्री ने जुलाई 2000 में किसानों की समस्याओं को सुलझाने के लिए बनीं कमेटी की बैठकों का ब्योरा देते हुए कहा कि समिति के गठन के तीन उद्देश्य हैं. पहला- एमएसपी उपलब्ध कराना, दूसरा- कृषि मूल्य की अधिक स्वायत्तता और तीसरा- कृषि वितरण प्रणाली के लिए सुझाव देना.
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छह सूत्रीय प्रोग्राम…
चौहान ने कहा कि अब तक समिति की 22 बैठकें हो चुकी हैं. उनकी जो भी सिफारिश आएंगी, उस पर विचार किया जाएगा. रामजी लाल सुमन ने शिवराज पर बातों को जलेबी की तरह बात घुमाने का आरोप लगाया और एमएसपी पर सीधा जवाब देने को कहा. कृषि मंत्री ने किसानों के उत्पादन बढ़ाने से लेकर लागत घटाने, किसान सम्मान निधि, फर्टिलाइजर पर 1 लाख 68 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी जैसे मोदी सरकार के किसानों को लेकर छह सूत्रीय प्रोग्राम के बारे में बताया. इसके बाद सुरजेवाला सहित अन्य नेताओं ने एमएसपी पर गारंटी को लेकर हंगामा शुरू कर दिया. कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान उसकी आत्मा हैं।
किसान की सेवा हमारे लिए भगवान की पूजा है। pic.twitter.com/oczoMviPXr
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) July 26, 2024
शिवराज ने विपक्ष को जमकर धोया!
कृषि मंत्री ने इसके बाद यूपीए के वक्त के कैबिनेट नोट को दिखाते हुए विपक्ष को जमकर धोया और कहा कि वो सदन में घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं. उन्होंने यूपीए और एनडीए सरकार के समय में एमएसपी खरीद आंकड़े दिखाए. उन्होंने यूपीए के वक्त का दो पेज का एक कैबिनेट नोट भी सदन के पटल पर रखा. जिसमें तत्कालीन मनमोहन सिंह की सरकार ने कृषि लागत पर 50 प्रतिशत अधिक एमएसपी निर्धारित करने से साफ मना कर दिया था. कृषि मंत्री ने कहा कि मनमोहन सरकार ने स्वामीनाथन समिति की सिफारिशें लागू करने से इनकार कर दिया था.
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FIRST PUBLISHED : July 26, 2024, 16:59 IST