पत्नी से संबंध बनाकर पिता बनने के लिए कैदी द्वारा पैरोल मांगने के मामले में SC ने HC के आदेश में दखल देने से किया इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने पैरोल मांगने के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश में दखल करने से इनकार कर दिया है. दरअसल हाईकोर्ट ने पत्नी से संबंध बनाकर पिता बनने के लिए आजीवन कारावास की सजा काट रहे एक कैदी को 15 दिन के लिए पैरोल पर रिहा करने का आदेश दिया था. राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. जिसमें इसी आधार पर उम्र कैद की सजा काट रहे एक व्यक्ति को 15 दिन के लिए रिहा किया गया था. सुप्रीम कोर्ट में राजस्थान सरकार ने अर्जी दाखिल कर मामले में सुनवाई की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को लेकर राजस्थान सरकार को हाईकोर्ट में अपील करने के लिए कहा है.

पत्नी से संबंध बनाकर पिता बनने के लिए कैदी द्वारा पैरोल मांगने के मामले में SC ने HC के आदेश में दखल देने से किया इनकार
हाइलाइट्सहाईकोर्ट ने पत्नी से संबंध बनाकर पिता बनने के लिए आजीवन कारावास की सजा काट रहे एक कैदी को 15 दिन के लिए परोल पर रिहा करने का आदेश दिया था.राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में तर्क दिया था कि हाईकोर्ट का आदेश नियमों के मुताबिक गलत है. नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने पैरोल मांगने के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश में दखल करने से इनकार कर दिया है. दरअसल हाईकोर्ट ने पत्नी से संबंध बनाकर पिता बनने के लिए आजीवन कारावास की सजा काट रहे एक कैदी को 15 दिन के लिए पैरोल पर रिहा करने का आदेश दिया था. राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. जिसमें इसी आधार पर उम्र कैद की सजा काट रहे एक व्यक्ति को 15 दिन के लिए रिहा किया गया था. सुप्रीम कोर्ट में राजस्थान सरकार ने अर्जी दाखिल कर मामले में सुनवाई की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को लेकर राजस्थान सरकार को हाईकोर्ट में अपील करने के लिए कहा है. क्या है मामला इस साल पांच अप्रैल को राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश संदीप मेहता और फरजंद अली की पीठ ने अजमेर जेल में सजा काट रहे कैदी नंदलाल को 15 दिन के लिए पैरोल पर रिहा करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने यह आदेश नंदलाल की पत्नी रेखा की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया था. याचिका में रेखा ने अपने संतान के अधिकार का दावा किया था. इसके साथ ही रेखा ने नंदलाल को 15 दिन के पैरोल पर रिहा करने की मांग की थी. क्या है राजस्थान सरकार का तर्क राजस्थान सरकार के वकील का इस मामले पर तर्क है कि राजस्थान हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद कई दोषी इसी आधार पर पैरोल के लिए आवेदन कर सकते हैं. पैरोल की अनुमति देने का यह वैध आधार नहीं है. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में तर्क दिया था कि हाईकोर्ट का आदेश नियमों के मुताबिक गलत है. इस आदेश के बाद पत्नी से संबंध बनाकर संतान पैदा करने के लिए पैरोल मांगने वालों की संख्या बढ़ गई है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Rajasthan government, Rajasthan high court, SC, Supreme court of indiaFIRST PUBLISHED : August 01, 2022, 14:14 IST