ऑर्गेनिक तरीके से करें इलायची की खेती बेहतर उपज के साथ अच्छी मिलेगी कीमत

सुभावरी चौहान इस बार ऑर्गेनिक तरीके से इलायची की खेती करने जा रही है. इसके लिए सुभावरी चौहान ने इलायची की पौध तैयार किया है. सुभावरी ने अपने किचन गार्डन में ही इलायची के पौध तैयार किया है और लगभग 80 पौधे है. आधा बीघा में लगाने की तैयारी कर रही है. ऑर्गेनिक खेती के लिए सुभावरी मुख्यमंत्री से सम्मानित हो चुकी है.

ऑर्गेनिक तरीके से करें इलायची की खेती बेहतर उपज के साथ अच्छी मिलेगी कीमत
सहारनपुर. ऑर्गेनिक तरीके से खेती करने के लिए मुख्यमंत्री से सम्मान पा चुकी 19 वर्षीय किसान की बेटी सुभावरी चौहान ने एक बार फिर कुछ अलग करने की ठानी है. कोठरी बहलोलपुर गांव की रहने वाली सुभावरी चौहान इस बार अपने खेत में ऑर्गेनिक तरीके से इलायची की खेती करने जा रही है. इसके लिए सुभावरी चौहान ने इलायची की पौध तैयार किया है. इतनी कम उम्र में ऑर्गेनिक तरीके से खेती कर मुख्यमंत्री से सम्मान पाने वाली सुभावरी चौहान एकमात्र ऐसी महिला किसान है. पथरीली जमीन पर करती है आर्गेनिक खेती सहारनपुर के घाड़ क्षेत्र में सुभावरी चौहान आधुनिक खेती कर अन्य महिलाओं व लड़कियों के लिए प्रेरणास्रोत बन रही है. घाड़ क्षेत्र की पथरीली जमीन में सुभावरी ऑर्गेनिक तरीके से अलग-अलग तरह की खेती कर रही है. सुभावरी सुबह 4 बजे उठ जाती है. सुभावरी अकेले ही खेत का सारा काम कर लेती है.  जिसमें ट्रैक्टर चलाने से लेकर खेत की जुताई, कटाई , सिंचाई आदि अन्य काम शामिल है. खेती के साथ-साथ सुभावरी चौहान मुन्ना लाल डिग्री कॉलेज से BA कर रही हैं. अपने गांव से बुलेट पर सवार होकर सुभावरी सहारनपुर आती है. किचन गार्डन में तैयार की है इलायची के पौधे किसान संजय चौहान की बेटी सुभावरी चौहान ने लोकल 18 को बताया कि खेती करना अच्छा लगता है. उन्होंने बताया कि 10 साल की उम्र से खेती करते आ रहे हैं. ऑर्गेनिक तरीके से खेती को लेकर खास पहचान मिली है. उन्होंने बताया कि अपने किचन गार्डन में ही इलायची का पौधा तैयार किया है. अभी पेड़ों की संख्या 80 है. इलायची का पौधा छायेदार जगह पर तैयार होता है. आधा बीघा में इसको लगाने की तैयारी है. पौधे लगाने के दो साल बाद फल आना शुरू होता है. जैविक खाद का करती हैं इस्मेताल सुभावरी चौहान ने बताया कि इलायची के पेड़ों को पोषक तत्वों की भी जरूरत पड़ती है. जरूरत को पूरा करने के लिए घर से ही तैयार खाद का इस्तेमाल किया जाएगा. इलायची की खेती करने का मकसद किसानों को प्रेरित करना है. सुभावरी ने बताया कि इलायची का इस्तेमाल कोल्हू में तैयार गुड़ व शक्कर में होगा. सुभावरी ने खेत में काजू और बादाम का भी पौधा लगाया है ताकि बाजार से लाई गई चीजों का इस्तेमाल ना करना पड़े. Tags: Agriculture, Local18, Saharanpur news, UP newsFIRST PUBLISHED : August 31, 2024, 17:48 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed