यहां जानवरों को दुल्हन जैसा सजाकर दरगाह ले जाया जाता हैजानें आनोखी परंपरा

Jalna Sagar Tradition: जलना शहर की सदियों पुरानी सागर परंपरा दिवाली के तीसरे दिन मनाई जाती है. इस परंपरा में गवली और किसान अपने पशुओं को सजाकर मिया साहब दरगाह तक ले जाते हैं.

यहां जानवरों को दुल्हन जैसा सजाकर दरगाह ले जाया जाता हैजानें आनोखी परंपरा
जलना: हमारे देश में आज भी कई परंपराएं और रिवाज़ उत्साह के साथ मनाए जाते हैं. इन्हीं में से एक जलना शहर की सदियों पुरानी “सागर” परंपरा है, जो दिवाली के तीसरे दिन बड़े धूमधाम से मनाई जाती है. इस दिन शहर के गवली, किसान और चरवाहे अपने पशुओं को दुल्हन की तरह सजाकर मिया साहब दरगाह तक ले जाते हैं. यह परंपरा उस समय की है जब पशुओं को एक अनजान बीमारी से बचाने के लिए मन्नत मांगी गई थी. बता दें कि यह परंपरा हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक है, जिसमें मुस्लिम समुदाय हिंदू चरवाहों का पान के पत्ते से सम्मान करते हैं. एक अज्ञात बीमारी ने पशुओं में कहर बरपाया था कहा जाता है कि प्राचीन समय में एक अज्ञात बीमारी ने पशुओं में कहर बरपाया था. तब हिंदू और मुस्लिम चरवाहों ने मिया साहब दरगाह पर मन्नत मांगी और धीरे-धीरे बीमारी का असर कम हुआ. तब से हर साल आभार व्यक्त करते हुए मिया साहब दरगाह तक पशु-प्रदर्शन निकालने की यह परंपरा शुरू हुई. पत्तों के साथ डांस की परंपरा, इस शहर का कल्चर देख आप भी कहेंगे-‘क्या-क्या होता है….’ सागर परंपरा का उत्सव इस दिन, शहर के गवली, किसान और चरवाहे अपने पशुओं को सजाकर दरगाह के पास आयोजित मेले में ले जाते हैं. यहां खूबसूरत ढंग से सजाए गए पशुओं की प्रतियोगिता होती है और सर्वश्रेष्ठ पशु को पुरस्कृत भी किया जाता है, जिससे चरवाहों की खुशी दोगुनी हो जाती है. ये परंपरा है हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक बता दें कि सागर परंपरा हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक है. इस त्योहार में दोनों समुदाय एक साथ मिलकर भाग लेते हैं, जहां मुस्लिम समुदाय हिंदू चरवाहों का आदर कर उन्हें पान के पत्ते से सम्मानित करते हैं. जलना शहर में मिया साहब दरगाह समेत कई स्थानों पर सागर का आयोजन होता है. यह केवल एक परंपरा ही नहीं, बल्कि समाज की एकता का प्रतीक भी है. Tags: Local18, Special ProjectFIRST PUBLISHED : November 5, 2024, 15:19 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed