60% बेटियां चाहती हैं शादी की सेल्फ-फंडिंग: रिपोर्ट ऐसे हासिल करें लक्ष्य
60% बेटियां चाहती हैं शादी की सेल्फ-फंडिंग: रिपोर्ट ऐसे हासिल करें लक्ष्य
पहले पढ़ाई, फिर नौकरी, फिर शादी, भारत के शहरों, कस्बों में लड़कियां आमतौर पर इस सिलसिलेवार ढंग से जीवन के महत्वपूर्ण पड़ाव प्लान करती देखी जा रही हैं. ऐसे में पढ़ाई के बाद का अगला पड़ाव यदि नौकरी के तौर पर आप हासिल कर चुकी हैं और अब शादी करना चाहती हैं तो यह खबर आपके लिए ही है. न सिर्फ आप खुद अपने लिए पैसा जुटा पाएंगी बल्कि यदि आप बजट वेडिंग करना चाहती हैं तो इसके लिए भी समझदारी से कैसे चलें, आइए जानें..
How to plan for your marriage advice for woman by expert: शादी सीजन में किए गए IndiaLends के एक सर्वे से दिलचस्प इनपुट निकल कर आए. जैसे कि, युवक युवतियां शादी को अपनी खुद की जिम्मेदारी मानते हैं और इस बाबत माता पिता व परिवार पर वित्तीय दबाव नहीं डालन चाहते. 1200 मिलेनियल्स को इस सर्वे में शामिल किया गया जिनकी आयु 25–40 के बीच थी. लगभग 5-10 लाख की वार्षिक आय वाले 73% मिलनेयिन अपनी शादी पर 7-10 लाख से अधिक खर्च नहीं कर रहे हैं.
देश के 20 शहरों में हुए इस सर्वे के नतीजों के मुताबिक, 60% लड़कियों का कहना था कि वे अपनी शादियों के लिए स्वयं धन खर्च करेंगी. ऐसे में यदि आप भी चाहती हैं कि आप खुद की शादी का खर्च खुद उठाएं तो बेहतर तरीका है इसके लिए चुस्त वित्तीय प्लानिंग का. आइए इस बाबत पूरी जानकारी लें ताकि आप अपने लिए सही इनपुट इस्तेमाल कर सकें. महिलाओं और पर्सनल फाइनेंस से जुड़ी ऐसी ही अधिक जानकारी के लिए आप यहां क्लिक कर सकती हैं. बजट प्लानिंग की न करें अनदेखी!
शादी की प्लानिंग में अपनी आय, जिम्मेदारियों, भविष्य के लक्ष्यों के अलावा यह भी ध्यान होगा कि आप कैसी शादी चाहती हैं बजट वेडिंग या फिर महंगी लग्जूरियस वेडिंग. इसी हिसाब से पैसा जुटाना होगा, मंहगी साजसज्जा और डेस्टिनेशन के साथ शादी के लिए पैसा खर्च करने की सीमा नहीं होती लेकिन यदि आप अगले 5-10 साल में विवाह करना चाहती हैं तो तैयारी अभी से करनी होगी. मंथली बजट बनाकर चलें, फिजूलखर्ची कम करें, एमर्जेंसी फंड और मेडिकल इंश्योरेंस जैसे जरूरी खर्चों को अपनी मासिक बजट में सम्मिलित करके चलें ताकि भविष्य में आपातकालीन खर्चों पर बहुत खर्च न हो. शादी के लिए पैसा जुटाना है तो करें निवेश
टैक्स और निवेश मामलों के एक्सपर्ट बलवंत जैन कहते हैं कि पहली नौकरी के साथ ही शुरू कर दें एसआईपी. सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी एसआईपी को जितना जल्दी आप शुरू करेंगी, उतना अधिक म्यूचुअल फंड में निवेश से मिलने वाला रिटर्न होगा. इसके अलावा, यदि आपकी रिस्क लेने की क्षमता अधिक है तो आप एग्रेसिस हाइब्रिड फंड में निवेश कर सकती हैं. पिछले सालों के अनुभव से देखा गया है कि इसमें निवेश किए गए पैसे में से 65 परसेंट एक्विटी में लगता है. वह बताते हैं कि निवेश को लेकर अभी जोखिम नहीं उठाना चाहती हैं तो डेट फंड में निवेश करें, जीसेक फंड (Government Security G-Sec) भी केंद्र या राज्य सरकार द्वारा जारी किए जाते हैं जिनमें पैसा डूबने का जोखिम नहीं होता.
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इसके अलावा बात जब शादी के लिए प्लानिंग की हो तो खर्चा कम से कम हो लेकिन आनंद और कार्यक्रम में बाधा न बनें, इसके लिए स्मार्ट प्लानिंग करें. जैसे कि गेस्ट सूची कड़क रखें, लेडीज संगीत-मेहंदी जैसे फंक्शन को क्लब कर दें, शादी समारोह के तुरंत बाद रिसेप्शन रखने से वैन्यू सस्ता पड़ सकता है, ऑफ सीजन शादी करने से काफी बचत होगी क्योंकि वैन्यू से लेकर इवेंट से जुड़े कैटरिंग जैसे अन्य सेवा प्रदाता अपेक्षाकृत सस्ते पड़ते हैं. इस खास बिन्दु पर हमने विस्तृत खबर की थी, आप यहां क्लिक करके पढ़ सकती हैं.
Tags: Business news in hindi, Marriage news, Mutual funds, Personal finance, Women's FinanceFIRST PUBLISHED : May 8, 2024, 15:03 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed