सेबी ने बदले म्‍यूचुअल फंड के नियम निवेशक के हिसाब से उतारा नया प्रोडक्‍ट

Mutual Fund New Rule : अगर आप भी निवेशक हैं तो यह खबर आपके लिए ही है. बाजार नियामक सेबी ने म्‍यूचुअल फंड के नियमों में कुछ बदलाव करते हुए नए प्रोडक्‍ट लांच किए हैं. सेबी ने कंपनियों के लिए भी नया नियम लागू किया है.

सेबी ने बदले म्‍यूचुअल फंड के नियम निवेशक के हिसाब से उतारा नया प्रोडक्‍ट
नई दिल्‍ली. बाजार नियामक सेबी ने म्यूचुअल फंड नियमों में संशोधन कर निवेश के नये उत्पाद पेश किये हैं. इसके तहत उच्च जोखिम लेने में सक्षम निवेशकों के लिए विशेषीकृत निवेश कोष के साथ सूचकांक और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड से संबंधित योजनाओं के अंतर्गत उदारीकृत ‘म्यूचुअल फंड लाइट’ की रूपरेखा पेश की गई है. इसका मतलब है कि इन प्रोडक्‍ट को निवेशक के हिसाब से डिजाइन किया गया है. विशेषीकृत निवेश कोष (एसआईएफ) म्यूचुअल फंड को आधुनिक निवेश रणनीतियों को शुरू करने की अनुमति देते हैं. यह सतत रूप से खुली योजनाओं (ओपन इंडेड स्कीम), निश्चित अवधि की योजना (क्लोज इंडेड स्कीम) आदि के लिए होंगी. इससे देश में निवेश परिदृश्य व्यापक होने और उसमें विविधता आने की उम्मीद है. ये भी पढ़ें – समय ही नहीं पैसा भी बचाएगा दिल्‍ली-देहरादून एक्‍सप्रेसवे, कई किलोमीटर तक टोल फ्री होगी सड़क, मुफ्त मिलेंगी और सुविधाएं कम से कम 10 लाख से निवेश भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक अधिसूचना में कहा कि संबंधित संपत्ति प्रबंधन कंपनी (एएमसी) में नए उत्पाद की सभी निवेश रणनीतियों में प्रति निवेशक न्यूनतम 10 लाख रुपये का निवेश किया जा सकता है. इसमें मान्यता प्राप्त निवेशक शामिल नहीं हैं. सेबी ने इन कोषों के लिए अलग ब्रांडिंग, पारदर्शिता और निवेशक सुरक्षा पर जोर दिया है.नए उत्पाद का उद्देश्य म्यूचुअल फंड और पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाओं के बीच अंतर को पाटना है. जोखिम को कम करना है मकसद सेबी के इस नए प्रोडक्‍ट का मकसद गैर-पंजीकृत और अनधिकृत निवेश योजनाओं के प्रसार को कम करना है. ऐसी योजनाएं प्राय: अव्यावहारिक उच्च रिटर्न का वादा करती हैं. ये बेहतर रिटर्न के लिए निवेशकों की उम्मीदों का फायदा उठाते हैं, जिससे संभावित वित्तीय जोखिम पैदा होते हैं. सेबी ने कहा कि परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियां यह सुनिश्चित करेंगी कि ‘स्पेशलाइज्ड इन्वेस्टमेंट फंड’ यानी विशेषीकृत निवेश कोष की म्यूचुअल फंड से अलग पहचान हो. यानी नई योजना और म्यूचुअल फंड की पेशकश के बीच स्पष्ट अंतर बनाया रखा जाए. कंपनियों का बड़ा नेटवर्थ भी जरूरी बाजार नियामक ने म्यूचुअल फंड की सूचकांक और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड से संबंधित योजनाओं (पैसिवली मैनेज्ड फंड) के अंतर्गत उदारीकृत म्यूचुअल फंड लाइट (एमएफ लाइट) पेश किया है. इस रूपरेखा का उद्देश्य प्रवेश में आसानी को बढ़ावा देना, नई इकाइयों को प्रोत्साहित करना, अनुपालन आवश्यकताओं को कम करना, पैठ बढ़ाना, बाजार में नकदी बढ़ाना, निवेश विविधीकरण की सुविधा और नवोन्मेष को बढ़ावा देना है. सेबी ने अधिसूचना में कहा कि म्यूचुअल फंड लाइट ‘एसेट मैनेजमेंट कंपनी’ के पास परिसंपत्तियों में निवेश के लिए कम से कम 35 करोड़ रुपये का नेटवर्थ होना आवश्यक है. लगातार पांच साल तक मुनाफा रहने पर इसे घटाकर 25 करोड़ रुपये किया जा सकता है. Tags: Business news, Investment tips, Mutual fundFIRST PUBLISHED : December 18, 2024, 16:36 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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