LAC पर बसा रहा है घर चीन को किस बात का है डर

China Defence Village: चीन ने एलएसी पर बॉर्डर डिफेंस विलेज बनाएं है. यह खाली पड़े है और इन्हें घोस्ट विलेज के नाम से भी जाना जाता है. इनके आस-पास होटल भी बनाए जा रहे हैं. पीएलए इनका इस्तेमाल आम नागरिकों के बीच में अपने सैनिकों को रखने के लिए भी कर सकता है.

LAC पर बसा रहा है घर चीन को किस बात का है डर
चीन तिब्बत में अपने निर्माण कार्यों की रफ़्तार को काफी पहले से ही तेज कर चुका है. हाई स्पीड हाईवे, हाई स्पीड रेलवे, हाई स्पीड इंटरनेट, बांध और न जाने क्या-क्या तैयार करने में जुटा है. चीन तिब्बत में विकास के काम को बढ़ाकर सिर्फ तिब्बत के लोगों को खुश नहीं करना चाहता, बल्कि उनसे फ़ायदा भी उठाना चाहता है. इसीलिए चीन ने एलएसी के पास बड़े पैमाने पर बॉर्डर डिफेंस विलेज बसाने का काम शुरू किया है. सूत्रों की मानें तो करीब 600 से ज्यादा इस तरह के गांव वो एलएसी के पास तैयार कर चुका है, जिनमें सबसे ज्यादा 400 से ज़्यादा विलेज इस्टर्न सैक्टर में हैं. चीन ने तो दो कदम आगे बढ़ते हुए भूटान की जमीन पर भी अपने गांव बसाने शुरू कर दिए है. चीन की शातिर चाल भारत से लगती तिब्बत की सीमा एक प्लॉटो है. विषम परिस्थितियों के चलते यहां रहना दुशवारियों भरा है.  इन सब इलाकों में बडे गाँव नहीं मिलते. घर दूर दूर फैले हुए हैं. चीन अब इन दूर दूर फैले घरों को एक जगह इक्ट्ठा कर रहा है. इसके पीछे की वजह वहां के लोगों के भलाई के लिए नहीं बल्कि वो अपने लिए ह्यूमन शील्ड तैयार कर रहा है. चीन को अगर भारत से साथ उसे जमीन पर लड़ाई लड़नी पड़ी तो उनके पास डिफ़ेंस के लिए कुछ नहीं है. इसलिए एलएसी पर गांव तैयार कर न सिर्फ लोगों को ह्यूमन शील्ड के तौर पर इस्तेमाल करना चाहता है बल्कि अपने सौनिकों को टिकाने के लिए ठिकाने भी बना रहा है. बॉर्डर डिफ़ेंस विलेज के नाम पर बना रहा है सैनिकों के लिए नए ठिकाने रिपोर्ट के मुताबिक जितने भी गांव अब तक बसाए गए है वह अधिकतर खाली है. इसी लिए उन्हें घोस्ट विलेज कहा जाता है. भविष्य में किसी भी जंग के दौरान वो अपनी सेना को वहा ज़रूर टिका सकता है. जिस तरह की सुविधा उन गांव में दी जा रही है उनसे यह साफ है कि वह बल्कि एसे गाँव तैयार कर रहा है जहां रहने वाले तो ना के बराबर है. चीन लैंड बॉर्डर कानून को इसके लिए पास किया है. जिसमें बॉर्डर वाले इलाक़े में नागरिकों को बसाने की तैयारी है. सेना का अधिकारी भी मानते है कि चीन के बॉर्डर विलेज सिविल और मिलिट्री दोनों तरह से दोहरा इस्तेमाल कर सकते है. भारतीय इलाकों से भी दिखाई देते हैं यह गांव एलएसी के पास चीन के कई बॉर्डर विलेज विजुवल रेंज में हैं. इस तरह का बॉर्डर विलेज अरुणाचल प्रदेश के किबिथु के दूसरी तरफ भी है. यहां चीनी सेना का टाटू कैंप है. यह पूरी तरह से इंटीग्रेटेड है. इसमें सिविल आबादी के साथ ही मिलिट्री स्ट्रक्चर भी हैं. फौज की कंपनी के रहने लायक जगह है और फायरिंग रेंज भी है. चीन इन विलेज की कनेक्टविटी भी अच्छी कर रहा है. इन्हें फोर लेन रोड से जोड़ा रहा है. इनके आस पास ऑबजर्वेशन टावर भी नोटिस किए गए हैं. चीन के बॉर्डर विलेज का जवाब भारतीय वाइब्रेंट विलेज मोदी सरकार ने सीमावर्ती गावों के विकास के लिए वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम को 15 फरवरी 2023 को मंजूरी दी थी. इस प्रोग्राम के तहत देश की उत्तरी सीमा पर स्थित अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड, केन्द्र – शासित प्रदेश लद्दाख और हिमाचल प्रदेश के गांवों को शामिल किया गया है. इन गावों में सरकार हर मौसम में सड़क कनेक्टिविटी, पीने का साफ पानी, सोलर पावर पर आधारित 24×7 बिजली, मोबाइल इंटरनेट कनेक्टिविटी, पर्यटक केन्द्र, स्वास्थ्य पर फोकस कर रही है. चूकि एलएसी के पास गांव में रहने वाले लोग ही भारतीय सेना के आंख और कान होते है. इसलिए उन्हें मजबूत करना जरूरी है. चीनी साजिश का पता इन्हीं के जरिए पता चलता है, Tags: India china border, India china latest news, LAC India ChinaFIRST PUBLISHED : December 18, 2024, 16:37 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed