भारत की सबसे सुस्त ट्रेन! 46 किलोमीटर तय करने में लग जाते हैं 5 घंटे
भारत की सबसे सुस्त ट्रेन! 46 किलोमीटर तय करने में लग जाते हैं 5 घंटे
Nilgiri Mountain Express : तमिलनाडु में चलने वाली नीलगिरी माउंटेन ट्रेन देश की सबसे सुस्त ट्रेन मानी जाती है. यह ट्रेन 46 किलोमीटर का सफर तय करने में 5 घंटे ले लेती है. इसका मतलब हुआ कि 1 घंटे में 9 किलोमीटर ही जाती है.
हाइलाइट्स नीलगिरी माउंटेन एक्सप्रेस 46 किलोमीटर का सफर 5 घंटे में तय करती है. यह ट्रेन नीलगिरी पहाड़ की खूबसूरत वादियों और झरनों से गुजरती है. सफर में 16 सुरंगों सहित 250 से ज्यादा पुलों को पार करती है.
नई दिल्ली. देश में एक तरफ जहां बुलेट ट्रेन चलाने की तैयारी चल रही है तो दूसरी ओर एक ऐसी भी ट्रेन है जो पैदल चाल से अपने मंजिल तक पहुंचती है. इसे देश की सबसे सुस्त ट्रेन का तमगा भी हासिल है. आप खुद अंदाजा लगाएं कि यह ट्रेन 46 किलोमीटर की दूरी तय करने में 5 घंटे का समय ले लेती है. इतनी सुस्त होने के बावजूद लोग इस ट्रेन में खुशी-खुशी बैठते हैं और सफर का मजा भी लेते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि इस ट्रेन को यूनेस्को ने विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया है.
जी, बिलकुल सही पढ़ा आपने कि इतनी सुस्त होने के बाद भी यह पूरी दुनिया की पसंदीदा बनी हुई है. इसका कारण है कि खूबसूरत रास्ता, क्योंकि इस ट्रेन में चढ़ने वालों को मंजिल से ज्यादा रास्तों में दिलचस्पी रहती है. दरअसल, हम बात कर रहे है तमिलनाडु के मेट्टुपालयम स्टेशन से ऊटी के उदगमंडल स्टेशन तक जाने वाली नीलगिरी माउंटेन एक्सप्रेस की. यह ट्रेन केलर, कुन्नूर, वेलिंगटन, लवडेल और ऊटाकामुंड स्टेशनों को पार कर करती है और 46 किलोमीटर का यह सफर 5 घंटे में पूरा करती है.
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क्यों पसंद करते हैं लोग
यह ट्रेन नीलगिरी पहाड़ की खूबसूरत वादियों से गुजरती है, जिसे देखना किसी रोमांच से कम नहीं होता. घने जंगल, ऊंचे पहाड़ और झरनों का दीदार कराती यह ट्रेन समय का अहसास ही नहीं होने देती और अपने सफर में 16 सुरंगों सहित 250 से ज्यादा पुलों को पार करती है. इस ट्रेन को अंग्रेजी हुकूमत के समय चलाया गया था, जिसकी शुरुआत 1899 में हुई थी. इसका मतलब हुआ कि यह 125 साल से चल रही है. नीलगिरी माउंटेन एक्सप्रेस को अब मॉर्डन और खूबसूरत बना दिया गया है.
आने में लगते हैं बस 1 घंटे
इस ट्रेन की एक खास बात यह भी है कि इसे जाने में जहां 5 घंटे का समय लगता है, वहीं लौटने में सिर्फ 1 घंटे में वापस आ जाती है. इसका कारण ये है कि जाते समय ट्रेन को पहाड़ की खड़ी चढ़ाई चढ़नी पड़ती है, जिसकी वजह से यह 9 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से ही चल पाती है. लेकिन वापसी में यह महज 1 घंटे में ही 46 किलोमीटर की दूरी तय कर लेती है.
कितना है इसका किराया
अगर आपको भी ऊटी की सैर के साथ नीलगिरी की खूबसूरत पहाडि़यों में सफर करना है तो इस ट्रेन का आनंद उठाया जा सकता है. इसका किराया भी बहुत कम है. फर्स्ट क्लास सफर के लिए आपको 545 रुपये प्रति व्यक्ति खर्च करना पड़ेगा और सेकंड क्लास में जाना चाहते हैं तो सिर्फ 270 रुपये का टिकट है. सफर को आरामदायक बनाने के लिए अब कुशन वाली सीटें लगाई गई हैं.
Tags: Business news, Indian railway, Local train, Railway KnowledgeFIRST PUBLISHED : July 4, 2024, 16:35 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed