क्या है नोएडा-ग्रेनो अथॉरिटी का नया नियम जो घर खरीदारों के लिए बनेगा मुसीबत
क्या है नोएडा-ग्रेनो अथॉरिटी का नया नियम जो घर खरीदारों के लिए बनेगा मुसीबत
नोएडा-ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने इन दोनों शहरों में घर खरीदने वाले बायर्स की जेब पर अतिरिक्त बोझ डाल दिया है. अब प्रॉपटी खरीदने पर ज्यादा रकम चुकानी होगी, जानें क्या है नियम..;
घर या किसी भी प्रकार की प्रॉपर्टी खरीदने की चाह रखने वाले लोगों को नोएडा और ग्रेटर नोएडा में निवेश करना काफी पसंद आ रहा है. यही वजह है कि पिछले कुछ सालों में नोएडा, ग्रेटर नोएडा सहित यमुना एक्सप्रेसवे पर जहां हर रोज नए नए प्रोजेक्ट लांच हो रहे हैं, वहीं खरीदारों की डिमांड भी बढ़ रही है. हालांकि हाल ही में नोएडा -ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने बिल्डर बायर एग्रीमेंट को लेकर एक बड़ा फैसला किया है. जिससे खरीदरों की जेब पर एक्सट्रा बोझ पड़ेगा.
हाल ही में नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बिल्डर बायर एग्रीमेंट को रजिस्टर्ड करवाने के फैसले पर क्रेडाई ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इसे बायर्स पर बोझ बढ़ाने वाला बताया है. क्रेडाई के चेयरमैन और गौड़ ग्रुप के सीएमडी मनोज गौड़ ने कहा कि यह नियम सही नहीं है क्योंकि यह घर खरीदने वालों पर बेवजह का आर्थिक बोझ डालता है. खरीदारों को पहले ही बुकिंग के समय बड़ी रकम का इंतजाम करना पड़ता है. ऐसे में एग्रीमेंट के लिए भी अब एक्सट्रा रकम चुकानी पड़ेगी.
ये भी पढ़ें
ये छोटा हरा पत्ता सब्जी में डालें या कच्चा खा लें, 5 बीमारियों को जड़ से कर देगा खत्म
गौड़ ने कहा कि दूसरे राज्यों में बिक्री अनुबंध पर मामूली स्टांप पेपर (जो ₹1,000 से ₹10,000 तक का होता है) इस्तेमाल होता है, लेकिन यहां ऐसा नहीं है. इस नए नियम में 1% का गैर-वापसी योग्य रजिस्ट्रेशन शुल्क भी है जो खरीदारों के लिए सीधा नुकसान है. अगर किसी वजह से बुकिंग रद्द करनी पड़े तो रिफंड पॉलिसी साफ न होने से भी खरीदारों को परेशानी होगी. 6% स्टांप ड्यूटी पहले ही काफी बड़ी रकम है.
मनोज गौड़ के अनुसार आमतौर पर किसी भी प्रोजेक्ट में 15-20% बुकिंग अलग-अलग वजहों से रद्द हो जाती हैं, जिसे रेरा भी मानता है लेकिन इस नए नियम के कारण अगर खरीदारों को अपनी बुकिंग रद्द करनी पड़ी, तो उन्हें बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा. खासकर जब वे पहले से ही किसी वित्तीय संकट से गुजर रहे हों.
उन्होंने कहा कि यह नियम नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे और पूरे राज्य में रियल एस्टेट सेक्टर पर बुरा असर डालेगा जो राज्य की अर्थव्यवस्था का एक अहम हिस्सा है. इसलिए हमारा मानना है कि इस नियम को लागू नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि इससे राज्य के रियल एस्टेट सेक्टर की बढ़त रुक सकती है. हालांकि इस नियम को वापस लेने या इसमें संशोधन को लेकर अभी अथॉरिटी की ओर से कोई सूचना नहीं दी गई है.
ये भी पढ़ें
प्रदूषण अभी घोंट रहा दम, अगले 5 साल में कैसा होगा हाल? माथा हिला देगा एक्सपर्ट का जवाब
Tags: Greater noida news, Noida news, PropertyFIRST PUBLISHED : November 6, 2024, 12:15 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed