फ्लैट बुक कराने से पहले उठाएं 7 कदम कभी नहीं होगी धोखाधड़ी

Property Knowledge : अनजान शहर में अनजान बिल्‍डर या व्‍यक्ति से प्रॉपर्टी खरीदना हमेशा दोधारी तलवार रहता है. पजेशन में देरी और कागजी हेरफेर में फंसकर कई लोग धोखाधड़ी के शिकार बन जाते हैं. ऐसे में आप फ्लैट या प्रॉपर्टी खरीदने से पहले 7 बातों का ध्‍यान रखते हैं तो कभी नुकसान नहीं होगा और प्रॉपर्टी पर जल्‍दी कब्‍जा भी मिल जाएगा.

फ्लैट बुक कराने से पहले उठाएं 7 कदम कभी नहीं होगी धोखाधड़ी
हाइलाइट्स सौदे से पहले मालिक से प्रॉपर्टी के असली कागजों की मांग करें. बुकिंग करा लें तो उस पेपर की फोटो कॉपी भी मांग सकते हैं. सेल डीड, सेल चेन, टाइटल, लैंड यूज, पजेशन सर्टिफिकेट देखें. नई दिल्‍ली. दिल्‍ली-एनसीआर जैसे महानगर में प्रॉपर्टी खरीदने में सबसे बड़ी चुनौती धोखाधड़ी से बचने की रहती है. एक तो अनजान शहर, अनजान बिल्‍डर और ऊपर से पजेशन यानी कब्‍जा मिलने में लगने वाला लंबा वक्‍त, आपके साथ फर्जीवाड़े की आशंका को और बढ़ा देता है. ऐसे में बतौर खरीदार आपको ज्‍यादा सावधान रहने की जरूरत है. जरा सी चूक आपको कानूनी पेच में फंसा सकती और जमीन-जायदाद का कानूनी रास्‍ता इतना पेचीदा होता है कि एक बार पैसा फंसा तो मिलना बेहद मुश्किल हो जाता है. ऐसी किसी भी स्थिति से बचने के लिए आपको फ्लैट बुक कराने से पहले 5 चीजें जरूर देखनी चाहिए. हाल में ही एक मामला ग्रेटर फरीदाबाद के सेक्‍टर 76 में सामने आया जहां बिल्‍डर्स ने पहले से बेचे हुए फ्लैट की बुकिंग कर ली और बाद में पैसा व फ्लैट दोनों देने से इनकार कर दिया. पीडि़त अब पुलिस व कानून के चक्‍कर काट रहा है. दरअसल, अक्सर ऐसा होता है ​कि आप कोई संपत्ति खरीद लेते हैं लेकिन उसे खरीदने के बाद उस पर कुछ दूसरे लोग भी दावा करने लगते हैं. ऐसी संपत्ति आवासीय या कृषि या फिर व्यावसायिक किसी भी तरह की हो सकती है. प्रॉपर्टी मामलों के एक्‍सपर्ट प्रदीप मिश्रा बताते हैं कि आपको फ्लैट या कोई भी संपत्ति बुक कराने से पहले किन दस्‍तावेजों को देखना चाहिए, जिससे भविष्‍य में दिक्‍कत न हो. ये भी पढ़ें – कमाई के किंग निकले कोहली, बने 2023 के सबसे महंगे सेलिब्रिटी, 10वें से सीधे दूसरे पायदान पर पहुंचे शाहरुख प्रॉपर्टी के असली पेपर देखिए किसी संपत्ति का वास्तविक स्वामी कौन है, इसकी जानकारी सिर्फ उसके कागजात से मिलती है. लिहाजा मालिक से प्रॉपर्टी के असली कागजों की मांग करें. कागज देखने के बाद जब आप बुकिंग करा लें तो उस पेपर की फोटो कॉपी भी मांग सकते हैं. इन कागजात में सेल डीड, सेल की चेन अर्थात उस संपत्ति को पूर्व में कितनी बार बेचा गया और किसने खरीदा, टाइटल, लैंड यूज, पूर्व में की गई पेमेंट की मूल रसीदें, कब्जा यानी पजेशन सर्टिफिकेट शामिल होते हैं. इन कागजात की परख के लिए आप किसी वकील या फिर इस क्षेत्र से जुड़े किसी अन्य प्रोफेशनल की मदद ले सकते हैं. टाइटल की जांच करें संपत्ति की खरीद-फरोख्त में टाइटल का अर्थ उसके स्वामी यानी मालिक से होता है. साथ ही उस संपत्ति को बेचने का अधिकार भी उसे ही मिलता है. यहां देखने वाली बात यह है कि संपत्ति का मालिक जिस टाइटल पर अपना दावा कर रहा है या जिस संपत्ति पर अपना स्वामित्व बता रहा है, उसे उस संपत्ति का स्वामित्व किस तरह मिला है. क्या उस व्यक्ति ने वह संपत्ति अपने खुद के पैसों से खरीदी है? क्या वह उस संपत्ति का को-ऑनर है या फिर उसे वह संपत्ति अपने पूर्वजों के जरिये वसीयत, उपहार स्वरूप या फिर अन्‍य किसी जरिये मिली है. टाइटल की जांच आप संबंधित क्षेत्र के सब-रजिस्‍ट्रार ऑफिस से कर सकते हैं. अगर टाइटल यानी स्‍वामित्‍व पूरी तरह सही है तभी निवेश करें और जरा भी शंका होने पर ऐसी प्रॉपर्टी में पैसे न लगाएं. विक्रेता के बारे में भी जानकारी जुटाएं संपत्ति की टाइटल यानी स्‍वामित्‍व चेक करने के बाद उसे बेचने वाले की जानकारी भी जुटाएं. आप उससे सीधे पूछ लीजिए कि क्‍या इस प्रॉपर्टी पर कोई दूसरा को-ऑनर तो नहीं है. अगर यह प्रॉपर्टी सह या फिर संयुक्त स्वामित्व वाली हो या किसी ट्रस्ट अथवा पार्टनरशिप फर्म के नाम पर उसका स्वामित्व हो तो उस स्थिति में आपको ट्रस्ट या फर्म के सभी सदस्यों की सहमति लेनी होगी. यह भी जरूर जान लें कि किसी मानसिक तौर पर बीमार व्यक्ति से तो प्रॉपर्टी नहीं खरीद रहे, क्‍योंकि ऐसा सौदा आपको झंझटों में फंसा सकता है. लिहाजा मानसिक रूप से स्‍वस्‍थ व्‍यक्ति से ही प्रॉपर्टी खरीदने का सौदा करें. ध्‍यान से तैयार कराएं सेल डीड डॉक्‍यूमेंट और विक्रेता की जांच-परख के बाद आती है सेल डीड की बारी. यह दस्तावेज बताता है कि विक्रेता के जरिये किन शर्तों और किस दाम पर आप उस संपत्ति को खरीदेंगे. इस दस्तावेज में संपत्ति के आकार और उपयोग जैसी चीजों का जिक्र भी किया जाता है. सेल डीड बनवाते समय यह ध्यान रखें कि यह दस्तावेज एक पक्षीय न हो, साथ ही उसमें यह लिखवाना न भूलें कि संपत्ति खरीदने के बाद भी यदि संपत्ति खरीदे जाने के पहले किसी तरह का कोई बकाया है, उसकी जिम्‍मेदारी विक्रेता की होगी. कई बार बिजली, पानी, टेलीफोन या गैस के बिल पेंडिंग होते हैं या फिर प्रॉपर्टी टैक्‍स आदि बकाया रह जाता है. बिक्री चेन भी जरूर जांच लें किसी प्रॉपर्टी को खरीदने से पहले यह भी जरूर जांच लें कि पूर्व में वह संपत्ति कितनी बार बिकी है और उसका स्वामित्व किन लोगों के पास कितने समय तक के लिए रहा है. संपत्ति के क्रय—विक्रय के पूर्व के कागजात से उसकी जानकारी मिल जाएगी. बेहतर यही होगा कि कब और कितने समय के लिए वह संपत्ति किसके पास रही, उसकी चेन आप जरूर मिला लें. पजेशन सर्टिफिकेट और वेरीफिकेशन संपत्ति की खरीद के लिए अंतिम रकम देने से पहले यह भी सुनिश्चित कर लें कि उस संपत्ति पर उसी व्यक्ति का पजेशन यानी कब्जा है, जिससे आप खरीद रहे हैं. यदि उस संपत्ति में कोई किरायेदार रह रहा हो तो अपने नाम पर रजिस्ट्री करवाने से पहले ही आप विक्रेता से संपत्ति खाली कराने को कहें. इसके बाद सुनिश्चित भी कर लें कि संपत्ति खाली हो चुकी है और विक्रेता के कब्जे में संपत्ति आ चुकी है. जैसे ही रजिस्ट्री हो जाय संपत्ति को आप अपने कब्जे में ले लें और अपना ताला भी उस पर लगा दें. दो अखबारों में छपवाएं विज्ञापन इसके साथ ही एक और बात आप करें कि संपत्ति खरीदने से पहले राष्ट्रीय और स्थानीय स्तर के दो-दो दैनिक समाचार पत्रों में यह विज्ञापन भी प्रकाशित करवा सकते हैं कि आप वह संपत्ति खरीदने जा रहे हैं और यदि किसी व्यक्ति को आपत्ति हो या उसे लेकर उसका कोई दावा करना हो तो वह आपसे संपर्क कर सकता है. ऐसा करने से भविष्य में आपका कानूनी पक्ष मजबूत रहेगा. Tags: Business news, Fraud case, Property, Property dispute, Property investmentFIRST PUBLISHED : June 19, 2024, 13:26 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed