पितृ पक्ष के चलते 10 फीसदी कारोबार घटा सोने-चांदी में ज्यादा गिरावट
पितृ पक्ष के चलते 10 फीसदी कारोबार घटा सोने-चांदी में ज्यादा गिरावट
हिंदू धर्म की सनातन संस्कृति में 16 दिवसीय पितृ पक्ष पखवाड़ा माना जाता है. इस दौरान सभी प्रकार के मांगलिक, वैवाहिक और अन्य शुभ नहीं किए जाते हैं. पितृ पक्ष का असर कुछ कारोबार पर अधिक तो कुछ पर कम पड़ा है. सबसे अधिक व्यापार सोने चांदी का प्रभावित हुआ है. कारोबारियों का मानना है कि पितृ पक्ष के बाद कारोबार में तेजी से उछाल आएगा. कुल व्यापार में 10 फीसदी की गिरावट आयी है.
नई दिल्ली. पितृ पक्ष शुरू होते ही बाजारों में कारोबार घट गया है. पितृ पक्ष का असर कुछ कारोबार पर अधिक तो कुछ पर कम पड़ा है. सबसे अधिक व्यापार सोने चांदी का प्रभावित हुआ है. लोग अभी बुकिंग कराकर नवरात्रों में डिलेवरी लेने की बात कह रहे हैं. कारोबारियों का मानना है कि पितृ पक्ष के बाद कारोबार में तेजी से उछाल आएगा. कुल व्यापार में 10 फीसदी की गिरावट आयी है.
हिंदू धर्म की सनातन संस्कृति में 16 दिवसीय श्राद्ध पक्ष को पितृ पक्ष का पखवाड़ा माना जाता है. इस दौरान सभी प्रकार के मांगलिक, वैवाहिक और अन्य शुभ नहीं किए जाते हैं. ज्यादातर लोग इस दौरान आवश्यक सामान की ही खरीदारी ही करते हैं.
कंफडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रडर्स के महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि पितृ पक्ष में कुल मिलाकर 10 फीसदी का व्यापार कम हुआ है. सबसे ज्यादा प्रभावित सोने चांदी का कारोबार होता है, इसमें 25 फीसदी तक गिरावट आयी है. क्योंकि सोना चांदी शुभ कार्य के लिए खरीदा जाता है और पितृ पक्ष में लोग सोना चांदी की नहीं खरीदते हैं. वे बताते हैं कि यह 16 दिन व्यापारी के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण दिन होते हैं, आने वाले पूरे साल के व्यापार कि योजना यह 15/16 दिन में करनी होती है.
फेडरेशन आफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशंन के (फाडा) के सीईओ सहर्ष दमानी बताते हैं कि पितृ पक्ष का असर उत्तर भारत में होता है, दक्षिण भारत में बिक्री पर कोई प्रभाव नहीं होता है. उत्तर भारत में इस दौरान लोग बुकिंग नहीं कराते हैं. लेकिन जिन लोगों को वाहन नवरात्रों में चाहिए होता है, पहले ही बुक करा चुके हें. इस समय भले ही उत्तर भारत में वाहनों की बिक्री में कमी देखी जा रही हो, लेकिन पूरे माह की बिक्री में कोई असर नहीं पड़ता है, क्योंकि जो अभी डिलेवरी नहीं ले रहे हैं, वे नवरात्रों में लेंगे.
एनसीआर के संत ज्वैलर्स के मोहित सोनी बताते हैं कि कारोबार में 50 फीसदी से अधिक की गिरावट देखी गयी है. इस दौरान लोग नया सामान खरीद नहीं रहे हैं, वे पसंद कर केवल बुकिंग कराकर ही जा रहे हैं. सामान नवरात्रों उठाने की बात करते हैं. उनका मानना है, इस तरह का ट्रेड हर वर्ष आता है. नवरात्रों से बाजार चढ़नी शुरू हो जाती है. जो अगले छह माह तक चलती रहती है.
वहीं, इंडियन बुलियन ज्वैलर्स एसोएिसशन के मुंबई के अध्यक्ष कुमार जैन बताते हैं कि इस बार पितृ पक्ष का ज्यादा असर नहीं पड़ा है, क्योंकि मुंबई में लोगों के पास जब समय मिलता है खरीदारी कर रहे हैं. इसके अलावा अभी सोना सस्ता है और आगे महंगा होने की संभावना है, इस वजह से भी लोग सोने की खरीदारी कर रहे हैं.
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Tags: Business, Business news, Businesses, GoldFIRST PUBLISHED : September 12, 2022, 12:25 IST