फिर गिरी थोक महंगाई लगातार दूसरे महीने राहत सबसे ज्‍यादा कहां घटे दाम

Wholesale Inflation : खुदरा महंगाई दर ने जहां अगस्‍त में झटका दिया, वहीं थोक महंगाई दर में गिरावट दिख रही है. उद्योग मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि थोक महंगाई दर अगस्‍त में लगातार दूसरे महीने गिरी है.

फिर गिरी थोक महंगाई लगातार दूसरे महीने राहत सबसे ज्‍यादा कहां घटे दाम
नई दिल्‍ली. सब्जियों, खाद्य पदार्थों और ईंधन के सस्ते होने से थोक महंगाई दर में लगातार दूसरे महीने गिरावट आई और अगस्त में यह 1.31 प्रतिशत रही. सरकार ने मंगलवार को आंकड़े जारी कर यह जानकारी दी है. इसमें बताया गया है कि थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति जुलाई में 2.04 प्रतिशत थी, जबकि यह अगस्त 2023 में (-) 0.46 प्रतिशत रही थी. उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि अगस्त 2024 में खाद्य पदार्थों, प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों, अन्य विनिर्माण, कपड़ा विनिर्माण तथा मशीनरी और उपकरण आदि के विनिर्माण की कीमतों में वृद्धि हुई है. आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति अगस्त में 3.11 प्रतिशत रही, जबकि जुलाई में यह 3.45 प्रतिशत थी. इसका मतलब हुआ कि इन प्रोडक्‍ट की कीमतों में गिरावट दिखी है. ये भी पढ़ें – भारत में बनेगी पूरी दुनिया को ‘कंट्रोल’ करने वाली जगह, PM नरेंद्र मोदी के ‘खासमखास’ ने देखा ड्रीम सस्‍ती हो गईं सब्यियां सब्जियों की कीमतों में अगस्त में 10.01 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई, जबकि जुलाई में यह 8.93 प्रतिशत थी. आलू और प्याज की मुद्रास्फीति अगस्त में क्रमश: 77.96 प्रतिशत और 65.75 प्रतिशत के उच्च स्तर पर बनी रही. ईंधन और बिजली श्रेणी में मुद्रास्फीति जुलाई में 1.72 प्रतिशत के मुकाबले अगस्त में 0.67 प्रतिशत रही. यानी यहां पर गिरावट दिखी. खुदरा महंगाई ने किया था परेशान पिछले सप्ताह जारी आंकड़ों के अनुसार, खुदरा मुद्रास्फीति सब्जियों की बढ़ती कीमतों के कारण अगस्त में 3.65 प्रतिशत रही. यह जुलाई के 3.60 प्रतिशत से अधिक थी. आपको बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मौद्रिक नीति तैयार करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति को ध्यान में रखता है. आरबीआई ने अगस्त की मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर को लगातार नौवीं बार 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखा था. कम हो सकती है खुदरा महंगाई की दर आपको बता दें कि थोक महंगाई में गिरावट के बाद खुदरा महंगाई पर भी इसका असर दिखता है. अगस्‍त में थोक महंगाई दर नीचे आई है तो अनुमान लगाए जा रहे हैं कि सितंबर महीने की खुदरा महंगाई दर पर इसका असर दिखेगा और इसमें गिरावट आएगी. खुदरा महंगाई दर को उपभोक्‍ता मूल्‍य आधारित महंगाई दर भी कहते हैं, क्‍योंकि यह सीधे उपभोक्‍ताओं की जेब पर असर डालती है. Tags: Business news, Vegetable prices, Wholesale Price IndexFIRST PUBLISHED : September 17, 2024, 13:27 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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