कोई आम सब्जी नहीं है कद्दू! इस विधि से कम लागत में कमाएं ज्यादा मुनाफा

Pumpkin Farming: यूपी के सुलतानपुर में एक किसान कद्दू की खेती कर रहे हैं. किसान ने बताया कि वह ढाई बीघे में कद्दू की खेती कर घर बैठे ही अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. इसके साथ ही वह अन्य फसलों की बुआई भी खेते में कर लेते हैं.

कोई आम सब्जी नहीं है कद्दू! इस विधि से कम लागत में कमाएं ज्यादा मुनाफा
सुलतानपुर: भारत एक कृषि प्रधान देश है और वर्तमान में बढ़ती तकनीक के सहारे किसानों ने भी खुद को अपडेट कर लिया है. इसका उदाहरण पेश किया सुलतानपुर के रहने वाले किसान रिजवान अहमद खान ने, जिन्होंने लगभग 2.5 बीघे से अधिक जमीन पर कद्दू की खेती की है, जिसमें उन्होंने तकनीक का सहारा लिया है. वहीं, लोकल 18 से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा शोधित बीज का प्रयोग कर वे आज प्रतिदिन लगभग 2 कुंतल कद्दू बाजार में सप्लाई करते हैं. सिर्फ इतना ही नहीं इसके बाद वह इस जमीन पर रवि की फसल भी तैयार कर लेंगे. इसके साथ ही किसान यहां अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. जानें कैसे करते हैं पौधों को तैयार रिजवान अहमद द्वारा कद्दू की खेती करने में आधुनिक विधि का बेहतर प्रयोग किया गया है. रिजवान ने कद्दू के पौधे को मिट्टी के ढूहे से कवर किया है, जिससे कद्दू के पौधे की जड़ में पानी न रुके और पौधा गलने से बचाया जा सके. इस विधि से पौधे के सुरक्षित रहने का प्रतिशत आंकड़ा बढ़ जाता है. जानें कितनी होती है कमाई लोकल 18 से बातचीत करते हुए रिजवान अहमद ने बताया कि 2.5 बीघे की 3 महीने में तैयार हुई. कद्दू की फसल से लगभग 60 से 70 हजार रुपए की कमाई हो जाती है. इसके अलावा वह फसल रवी की फसल में गेहूं की बुआई कर मुनाफे का आंकड़ा दोगुना हो जाता है. जानें कितने शिक्षित हैं रिजवान अहमद कहते हैं न कि पढ़ाई लिखाई कभी बेकार नहीं जाती. वो कहीं न कहीं लोगों को व्यवसाय में बेहतर मदद करने का प्रयास करती रहती है. इसका उदाहरण रिजवान की शिक्षा से स्पष्ट हो जाता है. बता दें कि रिजवान ने कामर्स स्ट्रीम के साथ स्नातक की पढ़ाई की है, जिसका इस्तेमाल वो अपने कृषि व्यवसाय को सुदृढ़ करने में लगाते हैं. Tags: Agriculture, Local18, Sultanpur news, UP newsFIRST PUBLISHED : September 17, 2024, 13:24 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed