कच्चे तेल की कमी नहीं फिर क्यों बढ़ जाती है कीमत सरकार ने बताया असली सच
कच्चे तेल की कमी नहीं फिर क्यों बढ़ जाती है कीमत सरकार ने बताया असली सच
Crude Price : केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने बताया कि कैसे ग्लोबल मार्केट में तेल की कीमतें अचानक बढ़ जाती हैं. उन्होंने कहा कि दुनिया में कच्चे तेल की कमी नहीं है, लेकिन वैश्विक तनाव बढ़ने आयात का खर्चा बढ़ जाता है.
नई दिल्ली. ग्लोबल मार्केट में अक्सर कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ावा आता रहता है. हाला में क्रूड का भाव 78 डॉलर प्रति बैरल तक चला गया था. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर जब इसकी कमी नहीं है तो कीमतों में उछाल क्यों आ रहा है. अब केंद्रीय मंत्री ने इसका सच बताया है. पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को कहा कि दुनिया के पास पर्याप्त कच्चा तेल है और बाजार में आपूर्ति अधिक हो रही है, इससे कच्चे तेल की कीमतें कम होने की उम्मीद है.
उन्होंने कहा, ‘तेल की कोई कमी नहीं है, लेकिन वैश्विक स्तर पर तनाव के कारण संघर्ष वाले क्षेत्रों से बचने के लिए माल ढुलाई और बीमा शुल्क बढ़ जाता है जिसके कारण कीमतें बढ़ जाती हैं.’ पुरी ने उम्मीद जताई कि बेहतर समझ कायम होगी और कूटनीति को प्राथमिकता मिलेगी. वैश्विक स्तर पर तनाव के बावजूद दुनिया में कच्चे तेल की कोई कमी नहीं है और ब्राजील और गुयाना जैसे देशों से अधिक आपूर्ति बाजार में हो रही है.
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कितना तेल मंगाता है भारत
भारत अपनी कच्चे तेल की जरूरत का 85 प्रतिशत से अधिक आयात करता है और वैश्विक दरों में कोई भी वृद्धि न केवल आयात बिल को बल्कि महंगाई को भी बढ़ाती है. पुरी ने कहा, ‘निजी तौर पर मेरा मानना है कि तेल की कीमतें स्थिर रहेंगी और नीचे आएंगी.’ इस महीने की शुरुआत में, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें लगभग 70 डॉलर प्रति बैरल से बढ़कर 78 डॉलर प्रति बैरल से अधिक हो गई थीं. इसका कारण पश्चिम एशिया में बढ़ता तनाव था.
थोड़े दिनों में गिर गए दाम
दरअसल, बाजार यह देखने के लिए इंतजार कर रहा था कि क्या इजराइल, ईरान के हमले के बाद कोई जवाबी कार्रवाई करेगा. उसके बाद से तेल के दाम गिरकर 73-74 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर आ गया है. ईरान के मिसाइल हमले के बाद यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इजराइल, ईरान में तेल या परमाणु सुविधाओं को निशाना बना सकता है. दूसरी तरफ तेहरान या तो इजराइल पर सीधा हमला करके या फिर दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण तेल पारगमन मार्ग होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करके जवाब देने का विकल्प चुन सकता है. इससे तेल की कीमतें और बढ़ जाएंगी.
कारोबार का यह अहम रास्ता
आपको बता दें कि ओमान और ईरान के बीच स्थित होर्मुज जलडमरूमध्य फारस की खाड़ी को ओमान की खाड़ी और अरब सागर से जोड़ता है. वैश्विक तेल का पांचवां हिस्सा इसी जलडमरूमध्य से गुजरता है. सभी प्रमुख तेल उत्पादकों जैसे सऊदी अरब, इराक, कुवैत और संयुक्त अरब अमीरात से तेल जलडमरूमध्य के रास्ते निर्यात किया जाता है. केवल सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के पास परिचालन पाइपलाइन हैं जिससे होर्मुज जलडमरूमध्य के प्रभावित होने से उस पर असर नहीं होगा.
Tags: Business news, Crude oil, Crude oil pricesFIRST PUBLISHED : November 1, 2024, 06:54 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed