कैसा है टाटा की फैक्‍ट्री में बना पहला C-295 एयरक्राफ्ट और मजबूत हो जाएगी सेन

C-295 Aircraft Specialty : भारत को आज अपना पहला मिलिट्री एयरक्राफ्ट मिला, जिसमें ज्‍यादातर उपकरण भारतीय हैं. मेक इन इंडिया के तहत बनाए गए इस एयरक्राफ्ट की मदद से सेना जटिल से जटिल ऑपरेशंस को भी पूरा कर सकेगी.

कैसा है टाटा की फैक्‍ट्री में बना पहला C-295 एयरक्राफ्ट और मजबूत हो जाएगी सेन
हाइलाइट्स टाटा और एयरबस ने मिलकर C 295 Aircraft बनाया है. यह एयरक्राफ्ट जटिल ऑपरेशंंस में भी सामान ले जा सकता है. इसकी क्षमता 5 से 10 टन बताई जाती है, जो जवानों को भी ले जाएगा. नई दिल्‍ली. भारतीय एयरक्राफ्ट उद्योग ने सोमवार को एक और मील का पत्‍थर तय कर लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्‍पेन के पीएम पेद्रो सांचेज ने गुजरात स्थित टाटा एडवांस्‍ड सिस्‍टम लिमिटेड (TASL) में बने C-295 एयरक्राफ्ट का उद्घाटन किया. यह भारतीय जमीन पर असेंबल किया गया पहला एयरक्राफ्ट है. जाहिर है कि इसकी खुशी अलग ही रहेगी. टाटा और फ्रांस की कंपनी एयरबस ने मिलकर यह तैयार किया है. देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इसे देश के एयरक्राफ्ट उद्योग के लिए मील का पत्‍थर बनाया है. साथ ही इससे देश की सैन्‍य शक्ति में भी इजाफा होगा. दरअसल, रक्षा मंत्रालय ने साल 2021 में एयरबस डिफेंस और स्‍पेस एसए, स्‍पेन के साथ 21,935 करोड़ रुपये का करार किया था. इसके तहत भारत को 56 C-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट भारत को सप्‍लाई होना है. इस एयरक्राफ्ट के जरिये भारतीय वायु सेना के Avro-748 प्‍लेन को रिप्‍लेस किया जाएगा. कांट्रैक्‍ट के तहत 16 प्‍लेन को तो स्‍पेन से पूरी तरह असेंबल करके भेजा जाना था, जबकि 40 की असेंबलिंग यहीं होनी है. माना जा रहा है कि सितंबर, 2026 तक वडोदरा स्थित प्‍लांट से सभी 40 एयरक्राफ्ट असेंबल कर लिए जाएंगे. Tomorrow, 28th October, is going to be a very special day for the Indian Aerospace industry. PM Shri @narendramodi , along with his Spanish counterpart Mr. @sanchezcastejon will jointly inaugurate the TATA Aircraft Complex for manufacturing C-295 aircraft in Vadodara. The… pic.twitter.com/44oApxLiko — Rajnath Singh (@rajnathsingh) October 27, 2024

मेड इन इंडिया हैं ज्‍यादातर पार्ट
इस एयरक्राफ्ट में एयरो इंजन को छोड़कर ज्‍यादातर पार्ट्स मेड इन इंडिया हैं. एयरक्राफ्ट में करीब 14 हजार पार्ट्स लगे हैं, जिसमें से 13,000 पार्ट्स इंडिया में ही बनाए गए हैं. जाहिर है कि यह एयरक्राफ्ट एक तरह से मेड इन इंडियन अधिक लग रहा है. वडोदरा स्थित प्‍लांट में जो टाटा और एयरबस की जुगलबंदी से बना है, यहां मिलिट्री उपकरण बनाए जाएंगे, ताकि भारत की आयात पर निर्भरता घटाई जा सके.

75 फीसदी मेक इन इंडिया
एयरबस ने पहले ही भारत में 37 लोकल सप्‍लायर खोज लिए हैं, जिसमें से 33 एसएमई हैं. ये सप्‍लायर्स एयरक्राफ्ट के कंपोनेंट बनाने का काम करेंगे. अनुमान है कि 14 हजार उपकरणों से में करीब 13 हजार उपकरण भरतीय उत्‍पादक ही प्रोड्यूस करेंगे. इसका मतलब है कि पहले जो लोकल कंटेंट 48 फीसदी होता था, वह अब बढ़कर 75 फीसदी हो गया है. इसका मकसद भारतीय कंपनियों को कारोबार दिलाने के साथ उनकी ग्‍लोबल हिस्‍सेदारी बढ़ाना भी है.

कितनी है C-295 की क्षमता
यह एयरक्राफ्ट जटिल माहौल में ऑपरेशन के लिहाज से बनाया गया है. 5 से 10 टन की क्षमता वाला यह ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट सैन्‍य टुकड़ी को ले जाने की क्षमता रखने के साथ कार्गो को भी पहुंचा सकता है. इस ज्‍वाइंट वेंचर से भारतीय एयरोस्‍पेस में नौकरियों के भी मौके आएंगे. एयरबस भी अपना मैन्‍युफैक्‍चरिंग इंडिया में शिफ्ट कर रही है. टाटा-एयरबस फैसिलिटी से 600 प्रत्यक्ष नौकरियां पैदा होंगी तो 3,000 नौकरियां अप्रत्‍यक्ष रूप से आएंगी.

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