बिकने की कगार पर पहुंची कैफे कॉफी डे संपत्ति बेचकर बैंक वसूलेंगे पैसा

CCD Loan Default : कंपनी लॉ ट्रिब्‍यूनल ने आखिरकार सीसीडी के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने को हरी झंडी दे दी. आईडीबीआई सहित कई कर्जदाताओं ने कंपनी के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने की अपील की थी.

बिकने की कगार पर पहुंची कैफे कॉफी डे संपत्ति बेचकर बैंक वसूलेंगे पैसा
हाइलाइट्स सीसीडी ने पैसे जुटाने के लिए एनसीडी जारी की थी. इस पर ब्‍याज का भुगतान करने में कंपनी ने चूक की है. इसी चूक के खिलाफ एनसीएलटी ने यह आदेश दिया है. नई दिल्‍ली. अपनी टेस्‍टी कॉफी के मशहूर कैफे कॉफी डे (CCD) आखिरकार बिकने की कगार पर पहुंच गई. राष्‍ट्रीय कंपनी लॉ ट्रिब्‍यूनल ने सीसीडी के खिलाफ दाखिल याचिका स्‍वीकार करते हुए दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दे दिया है. एनसीएलटी ने कॉफी डे समूह की मूल कंपनी कॉफी डे एंटरप्राइजेज लिमिटेड (सीडीईएल) के खिलाफ दिवालिया कार्यवाही शुरू करने का आदेश दिया है. कॉफी डे समूह कॉफी हाउस की कैफे कॉफी डे शृंखला का परिचालन करती है. राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की बेंगलुरु पीठ ने 8 अगस्त को आईडीबीआई ट्रस्टीशिप सर्विसेज लिमिटेड (आईडीबीआई टीएसएल) द्वारा दायर याचिका को स्वीकार कर लिया. याचिका में 228.45 करोड़ रुपये की चूक का दावा किया गया था और कर्ज में डूबी कंपनी के परिचालन की देखभाल के लिए एक अंतरिम समाधान पेशेवर की नियुक्ति की थी. ये भी पढ़ें – निवेशकों को मिल गया मुनाफे का फॉमूला! महीनेभर में झोंक दिए 23332 करोड़, आईंस्‍टीन ने बताया था आठवां अजूबा काफी के अलावा भी कई कारोबार सीडीईएल एक रिसॉर्ट का स्वामित्व और संचालन करती है और परामर्श सेवाएं प्रदान करने के साथ कॉफी बीन्स के कारोबार में है. इसके कंपनी के देशभर में तमाम कैफे भी चल रहे हैं. साथ ही वियना, चेक रिपब्लिक, मलेशिया, नेपाल और इजिप्‍ट में भी कंपनी के कैफे हाउस चल रहे हैं. कॉफी के साथ माल ढुलाई, फाइनेशियल सर्विसेज, लीजिंग कॉमर्शियल स्‍पेस सेक्‍टर में भी काम कर रही है. किस डिफॉल्‍ट में फंसी कंपनी सीसीडी की मूल कंपनी सीडीईएल ने पैसे जुटाने के लिए प्रतिदेय गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) जारी किए थे. इसके कूपन भुगतान में चूक हुई है. वित्तीय ऋणदाता आईडीबीआई बैंक ने निजी नियोजन के माध्यम से 1,000 एनसीडी की सदस्यता ली थी और मार्च, 2019 में सदस्यता के लिए 100 करोड़ रुपये का भुगतान किया था. इसके लिए सीडीईएल ने आईडीबीआई टीएसएल के साथ एक समझौता किया और डिबेंचर धारकों के लिए डिबेंचर न्यासी के रूप में नियुक्ति करने पर सहमति व्यक्त की. सीडीईएल ने सितंबर, 2019 और जून, 2020 के बीच विभिन्न तारीखों पर देय कुल कूपन भुगतान में चूक की. लिहाजा डिबेंचर ट्रस्टी ने सभी डिबेंचर धारकों की ओर से 28 जुलाई, 2020 को सीडीईएल को चूक का नोटिस जारी किया और एनसीएलटी का रुख किया. मुनाफे में चल रही कंपनी ऐसा नहीं है कि कंपनी का बिजनेस अभी घाटे में चला गया. कंपनी ने भले ही 228 करोड़ के भुगतान में चूक की है, लेकिन उसका बिजनेस प्रॉफिट में चल रहा है. कंपनी ने पिछले वित्‍तवर्ष में करीब 24.57 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा कमाया. इससे पहले तक कंपनी 12 करोड़ के घाटे में चल रही थी. 1 अगस्‍त, 2024 तक के आंकड़े बताते हैं कि कंपनी का मार्केट कैप 1,078 करोड़ रुपये पहुंच गया है. Tags: Black coffee, Business news, Loan defaultFIRST PUBLISHED : August 10, 2024, 17:42 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed