ये क्या घोटाला है! देश की 59 फीसदी कंपनियों में होती है धोखाधड़ी
ये क्या घोटाला है! देश की 59 फीसदी कंपनियों में होती है धोखाधड़ी
Company Fraud in India : भारतीय कंपनियों ने खुलासा किया है कि पिछले 2 साल में 59 फीसदी कंपनियों के साथ वित्तीय धोखाधड़ी की गई है. पीडब्ल्यूसी की रिपोर्ट बताती है कि इस धोखाधड़ी में ज्यादातर मामले रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार से जुड़े हैं.
नई दिल्ली. वित्तीय धोखाधड़ी रोकने के लिए कितनी भी कोशिश क्यों न कर ली जाए, जब सुरक्षा और पारदर्शिता का जिम्मा संभालने वाले अधिकारी-कर्मचारी ही इसमें सेंध लगाएंगे तो भला कैसे लगाम लगेगी. हाल में आए एक ग्लोबल सर्वे में खुलासा हुआ है कि देश की 59 फीसदी कंपनियों को वित्तीय धोखाधड़ी का सामना करना पड़ता है. यह धोखाधड़ी खासतौर से सामानों की खरीद में हेरफेर के जरिये की जाती है.
पीडब्ल्यूसी के वैश्विक आर्थिक अपराध सर्वेक्षण-2024 ने हाल में जारी रिपोर्ट में बताया है कि देश में पिछले 24 माह यानी दो साल में कई भारतीय कंपनियों ने वित्तीय या आर्थिक धोखाधड़ी का सामना किया है. इसमें खरीद से संबंधित धोखाधड़ी सबसे बड़ा खतरा बनकर उभरी है. पीडब्ल्यूसी ने दुनियाभर की 2,446 कंपनियों के प्रमुखों की प्रतिक्रियाओं का विश्लेषण किया, जिनमें से 91 भारत के थे.
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शीर्ष अधिकारियों ने किया खुलासा
पीडब्ल्यूसी ने कहा कि 50 प्रतिशत से अधिक उत्तरदाता शीर्ष पदों पर कार्यरत थे. इनमें निदेशक मंडल के सदस्य, मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ), प्रबंध निदेशक और अध्यक्ष शामिल थे. सर्वेक्षण में शामिल 59 प्रतिशत भारतीय कंपनियों ने कहा कि उन्हें पिछले 24 महीनों में वित्तीय या आर्थिक धोखाधड़ी का सामना करना पड़ा है, जो ज्यादातर सामानों की खरीद से जुड़ा हुआ है.
ग्लोबल लेवल से ज्यादा फर्जीवाड़ा
पीडब्ल्यूसी ने बताया कि भारतीय कंपनियों में होने वाली वित्तीय धोखाधड़ी ग्लोबल औसत से कहीं ज्यादा है. सर्वे में पता चला है कि कंपनियों में वित्त्तीय धोखाधड़ी का ग्लोबल औसत 41 प्रतिशत है, जबकि भारत में यह 59 फीसदी है, जो 18 फीसदी अधिक है. 2 साल पहले हुए इसी सर्वेक्षण के 2022 संस्करण के परिणामों की तुलना में भी इस बार का अंकड़ा 7 प्रतिशत अधिक है.
भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी प्रमुख मुद्दा
सर्वे में आगे कहा गया है कि खरीद धोखाधड़ी अब भारतीय व्यवसायों के लिए एक प्रमुख मुद्दा है, जिसमें 50 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने इसे एक बड़ी समस्या माना है. यह वैश्विक स्तर पर इस तरह की धारणा की तुलना में 21 प्रतिशत की उल्लेखनीय बढ़ोतरी दिखाता है. इसके विपरीत, वर्ष 2022 में ग्राहक धोखाधड़ी को 47 फीसदी व्यवसायों द्वारा शीर्ष चिंता के रूप में बताया गया था. सर्वे की सबसे चिंताजनक बात ये रही कि सभी आर्थिक अपराधों में से लगभग 33 प्रतिशत भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी से संबंधित हैं.
Tags: Banking fraud, Business news, Moving companiesFIRST PUBLISHED : December 19, 2024, 14:37 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed