भारत की तेज रफ्तार! चीन काफी पीछे अमेरिका-यूरोप तो टक्‍कर में ही नहीं

Indian Economy : भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था की तेज रफ्तार पूरी दुनिया को कायल बना रही है. विदेशी एजेंसियों ने भी भारत की विकास दर को दुनिया में सबसे तेज बताया है. इसके मुकाबले ग्‍लोबल ग्रोथ रेट तो आधी भी नहीं है, जबकि अमेरिका-यूरोप मीलों पीछे छूट जाते हैं.

भारत की तेज रफ्तार! चीन काफी पीछे अमेरिका-यूरोप तो टक्‍कर में ही नहीं
हाइलाइट्स फिच ने कहा, 2024-25 में भारत की विकास दर 7.2 फीसदी रहने का अनुमान है. पहले इस रेटिंग एजेंसी ने सिर्फ 7 फीसदी विकास दर का अनुमान लगाया था. इससे पहले आरबीआई ने भी फिच के समान ही विकास दर का अनुमान जताया था. नई दिल्‍ली. भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था की कायल पूरी दुनिया हो गई है. हाल में सरकार की ओर से जारी विकास दर के आंकड़े 8 फीसदी से भी ऊपर थे तो चालू वित्‍तवर्ष के लिए भी दुनियाभर की रेटिंग एजेंसियां भारत की विकास दर सबसे तेज ही बता रही हैं. इसके मुकाबले अमेरिका-यूरोप की विकास दर काफी पीछे और चीन की रफ्तार तो लगातार सुस्‍त पड़ती जा रही है. अब ग्‍लोबल रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्‍स ने मंगलवार को बताया है कि चालू वित्‍तवर्ष 2024-25 में भारत की विकास दर 7.2 फीसदी रहने का अनुमान है. पहले इस रेटिंग एजेंसी ने सिर्फ 7 फीसदी विकास दर का अनुमान लगाया था. फिच ने उपभोक्ता खर्च में सुधार और निवेश में वृद्धि का हवाला देते हुए अनुमान में संशोधन किया है. वित्त वर्ष 2025-26 और 2026-27 के लिए भी फिच ने क्रमशः 6.5 प्रतिशत और 6.2 प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान लगाया है. फिच ने अपनी वैश्विक आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में कहा, ‘हमारा अनुमान है कि वित्त वर्ष 2024-25 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.2 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि होगी.’ आपको बता दें कि इससे पहले आरबीआई ने भी फिच के समान ही विकास दर का अनुमान जताया था. ये भी पढ़ें – उड़ने को तैयार थी दुबई की फ्लाइट, तभी रूस से आया एक मेल और दौड़ पड़े सुरक्षा अधिकारी, फिर क्‍या हुआ? क्‍या बोला था रिजर्व बैाक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इस महीने की शुरुआत में अनुमान लगाया था कि ग्रामीण मांग में सुधार और मुद्रास्फीति में नरमी से चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.2 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी. रेटिंग एजेंसी ने कहा कि निवेश में वृद्धि जारी रहेगी, लेकिन हाल की तिमाहियों की तुलना में यह वृद्धि धीमी रहेगी, जबकि उपभोक्ता विश्वास बढ़ने के साथ उपभोक्ता खर्च में सुधार होगा. पर्चेजिंग मैनेजर्स के सर्वेक्षण के आंकड़े चालू वित्त वर्ष की शुरुआत में निरंतर वृद्धि की ओर इशारा करते हैं. मानसून बनाएगा माहौल फिच रेटिंग्‍स ने कहा कि भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था को मानसून का साथ मिलेगा. आने वाले मानसून के मौसम के सामान्य रहने के संकेत वृद्धि को बढ़ावा देंगे और मुद्रास्फीति को कम अस्थिर बनाएंगे. हालांकि हाल ही में भीषण गर्मी ने जोखिम उत्पन्न किया है, लेकिन यह अस्‍थायी है और अच्‍छे मानसून से इसकी भरपाई हो जाएगी. गौरतलब है कि वित्त वर्ष 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था 8.2 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ी थी. क्‍या है दुनिया की विकास दर भारत के मुकाबले दुनिया की विकास दर देखें तो 2024 में ग्‍लोबल जीडीपी ग्रोथ 3.1 फीसदी रहने का अनुमान है. इस दौरान यूरोपीय यूनियन की विकास दर तो सिर्फ 1 फीसदी तक ही सिमटकर रह जाएगी. वहीं, अमेरिका की विकास दर 2024 में 2.6 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है. पड़ोसी देश चीन की बात करें तो IMF ने 2024 में 5 फीसदी की विकास दर बताई है. इस लिहाज से देखा जाए तो भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था दुनिया के अन्‍य बड़े देशों के मुकाबले कहीं आगे है. Tags: Business news, GDP growth, India GDP, Indian economyFIRST PUBLISHED : June 18, 2024, 12:30 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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