जीएसटी स्लैब में बदलाव की मांग सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों से मिलेंगे व्यापारी
जीएसटी स्लैब में बदलाव की मांग सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों से मिलेंगे व्यापारी
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कुछ दिन पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की और जीएसटी अधिनियम और नियमों के सरलीकरण एवं जीएसटी के कर आधार को व्यापक बनाने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया, जिससे केंद्र और राज्य दोनों सरकारों को अधिक राजस्व प्राप्त होगा.
नई दिल्ली. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने जीएसटी काउन्सिल द्वारा जीएसटी दरों के युक्तिकरण के प्रयासों की सराहना की है और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से आग्रह किया है कि दरों को युक्तिसंगत बनाने के साथ-साथ जीएसटी अधिनियमों और नियमों की नए सिरे से समीक्षा भी की जानी चाहिए क्योंकि मौजूदा जीएसटी ढांचे के सरलीकरण की बहुत जरूरत है. कैट ने इस मांग रखने के संबंध में देश के सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों से मिलने की योजना बनाई है. कैट 25-26 जून, 2022 को नागपुर में देश के ट्रेड लीडर्स का दो दिवसीय सम्मेलन आयोजित कर रहा है, जो जीएसटी एवं ई-कॉमर्स दोनों पर एक राष्ट्रीय अभियान की रणनीति तैयार करेगा. यह अभियान सारे देश में एक साथ 1 जुलाई से शुरू होगा. दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान सभी राज्यों के लगभग 100 प्रमुख व्यापारी नागपुर सम्मेलन में व्यापारियों के अन्य अनेक ज्वलंत मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे.
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कुछ दिन पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की और जीएसटी अधिनियम और नियमों के सरलीकरण एवं जीएसटी के कर आधार को व्यापक बनाने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया, जिससे केंद्र और राज्य दोनों सरकारों को अधिक राजस्व प्राप्त होगा. उन्होंने देश के प्रत्येक जिले में एक संयुक्त जीएसटी समिति के गठन का भी सुझाव दिया जिसमें जीएसटी के वरिष्ठ कर अधिकारी और संबंधित जिले के व्यापारिक नेता शामिल हों। समिति को जीएसटी कार्यान्वयन की निगरानी और व्यापारियों की शिकायतों के निवारण का कार्य सौंपा जाना चाहिए और जीएसटी के तहत अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने के लिए सभी प्रयास करना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि स्टेकहोल्डर्ज़ से परामर्श के बाद जीएसटी की दर को सुनिश्चित किया जाना चाहिए. उन्होंने टेक्सटाइल और फुटवियर को 5% के टैक्स स्लैब के तहत रखने पर बहुत जोर दिया.
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया और महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि देश के व्यापारिक समुदाय का विचार है कि वर्तमान में बड़ी संख्या में विभिन्न आइटम कर की दर के गलत ब्रैकेट में आती हैं और इसलिए दरों को युक्तिसंगत बनाने से पुनर्रचना का अवसर मिलेगा साथ ही विसंगतियों और असमानताओं से बचने के लिए जीएसटी टैक्स स्लैब को ठीक करने तथा सही टैक्स रेट में सही आइटम रखने का अवसर मिलेगा. दोनों ने कहा कि कैट के झंडे तले देश के व्यापार संघों ने कर दरों को युक्तिसंगत बनाने पर आपसी चर्चा को शुरू कर दिया है. हालांकि यह एक बहुत ही प्रारंभिक चरण है, लेकिन यह माना जाता है कि छूट वाली श्रेणी में केवल आवश्यक वस्तुओं को शामिल किया जाना चाहिए और कच्चे माल या किसी भी तैयार उत्पाद के अभिन्न अंग के रूप में उपयोग की जाने वाली वस्तुओं और रोटी, कपड़ा और मकान से संबंधित वस्तुओं के लिए 5 फीसदी टैक्स स्लैब बनाया जाना चाहिए.
व्यापारियों का यह भी विचार है कि 12 फीसदी टैक्स स्लैब को समाप्त कर दिया जाना चाहिए और इसके स्थान पर 14 फीसदी का एक नया स्लैब जो कि 12 फीसदी और 18 फीसदी की राजस्व तटस्थ दर है, को वर्तमान में 18 फीसदी टैक्स स्लैब में आने वाली वस्तुओं के लिए तैयार किया जाना चाहिए. उच्च मूल्य की वस्तुओं जैसे सोना, चांदी, इसके आभूषण आदि को 1 फीसदी कर की दर के तहत रखा जाना चाहिए. 28 फीसदी के स्लैब को केवल उच्च वर्ग के लोगों के इस्तेमाल की वस्तुओं तक ही सीमित रखा जाना चाहिए और 28 फीसदी की शेष वस्तुओं को 14 फीसदी टैक्स स्लैब के तहत वर्गीकृत किया जाना चाहिए. श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल दोनों ने कहा कि 5 फीसदी के स्थान पर एक नया टैक्स स्लैब बनाने के लिए, या कोई अन्य नया स्लैब बनाने के लिए, सभी हितधारकों से एक व्यापक राय ली जानी चाहिए क्योंकि यह मामला सीधे देश के व्यापारिक समुदाय से संबंधित है. उन्होंने कहा कि दरों को युक्तिसंगत बनाने के मापदंडों को तय करने के लिए दर कम-उच्च अनुपालन को एक मौलिक प्रावधान के रूप में अपनाया जाना चाहिए.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी |
Tags: Confederation of All India Traders, Gst, GST collection, Gst newsFIRST PUBLISHED : June 19, 2022, 14:43 IST