बाघिन टी-102 पर मचा घमासान: रणथम्भौर टाइगर रिजर्व से रामगढ़ शिफ्ट करने के विरोध में उतरे संगठन
बाघिन टी-102 पर मचा घमासान: रणथम्भौर टाइगर रिजर्व से रामगढ़ शिफ्ट करने के विरोध में उतरे संगठन
बाघिन-102 को लेकर छिड़ा विवाद: रणथम्भौर टाइगर रिजर्व (Ranthambore Tiger Reserve) में ग्रेफिटी के नाम से मशहूर बाघिन-102 को बूंदी के रामगढ़ विषधारी सेंचुरी (Ramgarh Vishdhari Sanctuary) में शिफ्ट करने के बाद इसे लेकर घमासान मच गया है. टाइगर ट्यूरिज्म से जुड़े रणथम्भौर के विभिन्न संगठनों ने इसका विरोध तेज कर दिया है. इन संगठनों का आरोप है कि बाघिन की शिफ्टिंग में नियम कायदों का उल्लंघन किया गया है. रामगढ़ सेंचुरी में अभी पूरा काम हुआ भी नहीं कि बाघिन को वहां शिफ्ट कर दिया गया. इससे रणथम्भौर के पर्यटकों पर असर पड़ेगा। पढ़ें क्या है पूरा मामला.
जयपुर. रणथम्भौर टाइगर रिजर्व (Ranthambore Tiger Reserve) से बाघिन टी-102 को गुपचुप तरीके से बूंदी जिले के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व (Ramgarh Vishdhari Sanctuary) भेजने का मामला वन विभाग के लिए गले की हड्डी बनता जा रहा है. भले ही बाघिन की शिफ्टिंग कर दी गई हो और उसका नाम टी-102 से बदलकर RVT2 रख दिया गया हो लेकिन वन विभाग की इस कार्रवाई पर सवाल उठने लगे हैं. वन विभाग ने सभी कानून और एसओपी का ताक में रख बाघिन को रामगढ़ पहुंचा तो दिया लेकिन अब रणथंभौर में इस मामले को लेकर पर्यटन से जुड़े सभी संगठन विरोध में उतरे आये हैं.
रणथम्भौर के संगठन इस बात पर नाराज हैं कि यहां के टूरिज्म जोन में पर्यटकों को नजर आने वाली बाघिन को हटा दिया गया है. जबकि करीब और भी 14 ऐसे बाघ-बाघिन हैं जो इंसानी आबादी की सरहदों पर भटक रहे हैं. उन्हें ले जाया जा सकता था. लेकिन वन विभाग ने टी-102 का चयन किया. इस बाघिन की पर्यटकों को आमतौर साइटिंग हुआ करती थी. जोन नंबर पांच में जाने वाले पर्यटक टी-102 और उसके शावकों को देखने को लेकर काफी उत्साहित रहते हैं.
बाघिन टी-102 को रणथम्भौर में ग्रेफिटी नाम दिया हुआ था
इस बाघिन को रणथम्भौर में ग्रेफिटी नाम दिया हुआ था. वन विभाग ने इस मामले में न तो एनटीसीए से लिखित में अनुमति ली और न ही एसओपी की पालना की. आनन फानन में ऐसे मौसम में बाघिन को उठाकर रामगढ़ शिफ्ट कर दिया जिसके लिये विशेषज्ञ मना करते हैं. संगठनों का कहना है कि आखिर वन विभाग ने किसके दबाव में यह फैसला लिया.
रामगढ़ का अभी तक टाइगर कंजरवेशन प्लान फाइनल नहीं हुआ है
एनटीसीए ने काफी समय पहले बाघिन रिद्धि को सरिस्का शिफ्ट करने की अनुमति दी थी, लेकिन विभाग ने उस काम को पूरा करने में कोई दिलचस्पी ने नहीं दिखाई. जबकि बाघिन टी-102 को उठा रामगढ़ जैसे टाइगर रिजर्व शिफ्ट कर दिया. हैरत की बात तो यह है कि रामगढ़ का न तो अभी तक टाइगर कंजरवेशन प्लान फाइनल हुआ है और न ही वहां ईको सेंसिटिव जोन की दूरी तय की गई है. इसका प्रे बेस स्टडी होना भी अभी बाकी है.
रणथम्भौर के ये संगठन उतरे विरोध में
वहां तालाबों और पानी की गुणवत्ता को विशेषज्ञ की ओर से फाइनल नहीं किया गया है. ऐसा करना इसलिए जरूरी क्योंकि इससे पहले मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में पानी में ऐसे बैक्टीरिया पाये गये थे जो वहां के शावक के लिए जानलेवा साबित हुए थे. अब वहीं गलती फिर से वन विभाग ने रामगढ़ में दोहरा दी है. इन सभी मसलों को लेकर रणथम्भौर में बाघों के पर्यटन से जुड़े सभी संगठन विरोध में उतर आये हैं. नेचर गाइड ऐसोसिएशन, नेचर ड्राइवर एसोसिएशन, जंगल सफारी व्हीकल ऑफ एसोसिएशन, रणथम्भौर होटल एसोसिएशन, रणथम्भौर ट्रेवल एजेंट एसोसिएशन, रणथम्भौर बाघ संरक्षण एवं ग्रामीण विकास समिति ने पत्र लिखकर इसका किया विरोध किया है.
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Tags: Bundi, Jaipur news, Rajasthan news, Ranthambore tiger reserve, Sawai madhopur news, Tiger reserve newsFIRST PUBLISHED : July 19, 2022, 14:20 IST