इस धान की खेती से होगा तीन गुना अधिक मुनाफा हड्डियों को करता है मजबूत

किसान सुरेंद्र चौधरी ने अपने खेत मे साठा धान की खेती शुरू की है. सुरेंद्र चौधरी इस साठे धान की खेती को ऑर्गेनिक तरीके से कर रहे हैं. साठा धान देखने में घास की तरह लगता है. साठा धान पर फल ऊपर नहीं बीच मे आता है. साठा धान कैल्शियम से भरपूर होता है.

इस धान की खेती से होगा तीन गुना अधिक मुनाफा हड्डियों को करता है मजबूत
अंकुर सैनी/सहारनपुर: सहारनपुर की विधानसभा बेहट के गांव नुनिहारी के एक किसान सुरेंद्र चौधरी ने अपने खेत में साठा धान की खेती शुरू की है. सुरेंद्र चौधरी इस साठे धान की खेती को ऑर्गेनिक तरीके से कर रहे हैं. इस साठे धान की पौध तैयार नहीं की जाती, सीधा ही खेत में बीज बोया जाता है. साठा धान देखने में घास की तरह लगता है. साठा धान पर फल ऊपर नहीं बीच मे आता है. साठा धान कैल्शियम से भरपूर होता है और हड्डियों की मजबूती के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है. पुराने बीजों को संरक्षित करना सुरेंद्र चौधरी का है शौक किसान सुरेंद्र चौधरी बताते हैं कि उनका शौक है वह पुराने बीजों का संरक्षण करते हैं. जिसमें उनको कई अवार्ड भी मिल चुके हैं. यही नहीं ऑल इंडिया में उनके नाम से कई बीज संरक्षित भी हैं. सुरेंद्र चौधरी ने अपने डेढ़ बीघा खेत में साठा धान की खेती शुरू की है. इस धान की खासियत यह होती है कि इसमें फल ऊपर नहीं बल्कि बीच में आता है. वहीं इस साठे धान के चावल में कैल्शियम की भरपूर मात्रा होती है. सुरेंद्र चौधरी बताते हैं कि हमारे बड़े बुजुर्ग जब किसी की हड्डी कमजोर या टूट जाती थी, तो अलसी और साठे चावल के लड्डू तैयार कर खिलाए जाते थे. किसान का कहना है कि साठे धान का चावल शुगर फ्री होता है. बच्चों की इम्युनिटी पावर को बढ़ाने के लिए भी इससे तैयार किए गए लड्डू खिलाए जाते थे. लेकिन आज के समय में किसान इस प्रजाति को भूलते जा रहे हैं और यह धीरे-धीरे विलुप्त होती जा रही है. किसान सुरेंद्र चौधरी बताते हैं कि वह पहाड़ों से 3 साल पहले इस प्रजाति के बीच को लेकर आए थे. वहीं मार्केट वैल्यू की बात करें तो मार्केट में ₹200 किलो साठा धान का चावल बिकता है. सुरेंद्र चौधरी इस फसल में ऑर्गेनिक खाद का इस्तेमाल करते हैं. वहीं इस साठे धान की फसल में कीड़ा भी नहीं लगता. सुरेंद्र चौधरी का कहना है कि किसान का फर्ज होता है कि जो वह फसल पैदा करे, वह लोगों को तंदुरुस्ती दे. साठे धान की खेती कर किसान अन्य धान की खेती से तीन गुना अधिक लाभ कमा सकता है. लेकिन किसानों को इसकी अधिक जानकारी नहीं होने के कारण यह प्रजाति विलुप्त होती जा रही है. Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : August 29, 2024, 10:48 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed