ऐसे करें ड्रैगन फ्रूट की खेती लाखों में होगी कमाई जानिए क्या है तरीका
ऐसे करें ड्रैगन फ्रूट की खेती लाखों में होगी कमाई जानिए क्या है तरीका
Dragon Fruit Farming: ड्रैगन फ्रूट एक ऐसा फल है, जिसकी डिमांड हर जगह रहती है. इस फल को तैयार करने में बहुत ही अधिक कीड़े मकोड़े लगते हैं. ऐसे में बाराबंकी के कृषि अधिकारी ने बताया कि इस फल को आईपीएम माध्यम से करने पर किसानों को काफी लाभ हो सकता है.
बाराबंकी: पिछले कुछ सालों से फलों की खेती हो या सब्जियों की खेती इन फसलों में रासायनिक दवाओं का प्रयोग कर ही फसलें उगाई जाती हैं, जो शरीर और स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक होती हैं. वहीं, अगर किसान आईपीएम के माध्यम से फलो की खेती करते हैं, तो उन्हें बंपर पैदावार हासिल होने के साथ रासायनिक दावों से छुटकारा मिलेगा. ये एक बेहतर तकनीक है, जो फलों की खेती की कई चुनौतियों का समाधान कर देती है.
इस विधि से उच्च गुणवत्ता वाले, एक समान और रोग-मुक्त फल तैयार किए जाते हैं. इससे फलों की उपज और गुणवत्ता दोनों बेहतर होती है और किसानों को अधिक लाभ मिलता है. इस विधि से खेती करने के अनेक लाभ हैं.
ड्रैगन फ्रूट की है अधिक मांग
बता दें कि ड्रैगन फ्रूट एक ऐसा फल है, जिसकी डिमांड हर जगह रहती है. जिसकी खेती कर किसान अच्छा मुनाफा भी कमाते हैं, लेकिन इस खेती में कीड़े मकोड़े व रोग ज्यादा लगता है, जिसमें कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव ज्यादा किया जाता है, जिससे यह फल काफी जहरीले हो जाता है. कीटों और रोगों की रोकथाम के लिए किसान काफी परेशान रहते हैं, लेकिन वो आईपीएम विधि अपनाकर फल वह सब्जियों की बंपर पैदावार कर सकते हैं.
कृषि अधिकारी ने दी जानकारी
वहीं, कृषि उपनिदेशक श्रवण कुमार ने बताया ड्रैगन फ्रूट की खेती वैसे तो कहीं भी की जा सकती है. इसमें 2 प्रकार की किस्मे लोग उगा रहे हैं. ऐसे में बाराबंकी जिले में भी कई किसान ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं. इसमें एक लाल किस्म और एक सफेद किस्म है. दोनों ही अच्छी फसले हैं. इसमें रोग ज्यादा लगता है, जिससे हम किसानो को सलाह देते हैं इसमें फर्टिलाइजर का प्रयोग कम करें.
इस विधि से खेती कर पाएं अधिक मुनाफा
कृषि अधिकरी ने बताया कि इसमे जीवामृत बीजामृत का प्रयोग टाइम से करें, तो फसल अच्छी होती है. इससे लाभ ज्यादा मिलता है. वहीं इसमें बीमारी व कीड़े मकोड़े अटैक करते हैं तो किसान भाई लाइट ट्रैप का प्रयोग कर लें. साथ ही साथ नीम आयल और दसपड़ी अर्क जो हम लोग समान तरीके से प्राकृतिक विधि से बनाते हैं. अगर इसका प्रयोग किया जाए तो कीड़े मकोड़े पर नियंत्रण किया जा सकता है. साथ ही लागत को भी घटाया जा सकता है. इस प्रकार से किसान इसको करते हैं, तो रासायनिक उर्वरक मुक्त खेती कर शुद्ध फल ऊगा सकते हैं, जिससे उनकी आय में भी बढ़ोतरी होगी.
Tags: Agriculture, Barabanki News, Fruits sellers, Local18FIRST PUBLISHED : August 27, 2024, 13:06 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed