किसान ने शुरू की इस खास किस्म के पपीते की खेती कम लागत में कमा रहा लाखों

देवेंद्र राय बताते हैं कि उन्होंने रेड लेडी वैरायटी के पपीते लगाए हैं, जो आकार में ज्यादा बड़े नहीं होते. इसका वजन 500 ग्राम से लेकर 2 किलोग्राम तक है और खाने में काफी स्वादिष्ट होते हैं. इसलिए मार्केट में इनकी मांग ज्यादा है.  

किसान ने शुरू की इस खास किस्म के पपीते की खेती कम लागत में कमा रहा लाखों
सुशील सिंह/मऊ: पारंपरिक खेती से हटकर पूर्वांचल के किसान अब खेती में नए नए प्रयोग करने लगे हैं. नई तरह की खेती से उन्हें अच्छा खासा मुनाफा हो रहा है. ऐसे ही मऊ में किसानों ने नई पहल की है. मऊ जिले के बैराथपुर गांव के किसान देवेंद्र राय  ने परंपरागत खेती से हटकर नई खेती की शुरुआत की है. इसमें उन्हें कम लागत में अधिक मुनाफा मिल रहा है. आईटीआई डिप्लोमा किए देवेंद्र राय जब एक कृषि विभाग में तैनात धीरेन्द्र राय के संपर्क में आए, तो उन्हें पपीते की खेती करने की प्रेरणा मिली, जो काफी फायदेमंद है. देवेंद्र राय ने बताया कि वो लगभग एक बीघे में पपीते की खेती किए हैं. जिससे उनको काफी अच्छा मुनाफा मिल रहा है. पपीता जल्द तैयार होने वाली फसल है. इसका फायद यह है कि एक बार लगाने में दो बार फल लगते हैं. अगर खेत में पपीता लगा है, तब भी उसमें फसल बोई जा सकती है. पपीता की खेती के बारे में जानकारी देते हुए देवेंद्र बताते हैं कि चार या पांच बार खेत को जोत कर मिट्टी को भुरभुरा बनाना पड़ता है. उसके बाद इसमें पपीते के पौधे लगाए जाते हैं. 2 महीने तक पपीते के पौधों की काफी देखभाल की जरूरत पड़ती है. इसके बाद उनमें फल आने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है. लगभग डेढ़ साल तक इन पपीतों से फल की प्राप्ति होती है. पपीते की फसल की हर छह से सात दिन में सिंचाई करनी होती है. सिंचाई का पानी पौधे के सीधे संपर्क में नहीं आना चाहिए. बहुत आसान है पपीते की खेती देवेंद्र राय बताते हैं कि उन्होंने रेड लेडी वैरायटी के पपीते लगाए हैं, जो आकार में ज्यादा बड़े नहीं होते. इसका वजन 500 ग्राम से लेकर 2 किलोग्राम तक है और खाने में काफी स्वादिष्ट होते हैं. इसलिए मार्केट में इनकी मांग ज्यादा है. किसान देवेन्द्र राय बताते हैं कि उन्होंने पहले थोड़े ही खेत में पपीते की खेती शुरू की फिर जब उन्हें इसकी खेती का तरीका समझ में आ गया, तो अब वह लगभग एक बीघे में उन्होंने पपीते की खेती कर रहे हैं, जिसमें कुल 1 लाख रुपए की लागत आई है. इनसे उन्हें कम से कम 4 लाख रुपए तक का मुनाफा हो जाता है. आप भी अगर खेती से अच्छा मुनाफा लेना चाहते हैं, तो पपीते की खेती बेहतर विकल्प हो सकती है. Tags: Farming, Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : May 5, 2024, 09:55 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed