केले की खेती से किसान मनीष करते हैं लाखों की कमाई

किसान अपनी आय बढ़ाने के लिए परंपरागत खेती से हटकर नए प्रयोग कर रहे हैं. जैसे कुछ किसान गेहूं और गन्ने की फसलों की जगह फूल की खेती करते हैं तो कुछ फलों की खेती करके मुनाफा कमाते हैं...

केले की खेती से किसान मनीष करते हैं लाखों की कमाई
संजय यादव/बाराबंकी: किसान अब परंपरागत खेती की जगह नई फसलों की खेती की ओर रुख कर रहे हैं. कई फसलें ऐसी हैं जिनसे किसानों को बढ़िया लाभ मिलता है. फलों की खेती से भी काफी लाभ मिलता है, जिनमें आम, पपीता, केला कुछ ऐसे फल हैं जो कुछ ज्यादा ही पसंद किए जाते हैं. इन फलों के अलावा कई ऐसी फसल भी हैं जो किसानों को लाखों का मुनाफा देती हैं. बाराबंकी जिले के एक ऐसे ही किसान हैं जो केले की खेती से लागत के हिसाब से अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. किसान मनीष वर्मा कई सालों से केले की खेती कर रहे हैं और उनका मुनाफा लाखों रुपए है. बाराबंकी जिले के नानमऊ गांव के रहने वाले किसान मनीष ने एक बीघे से केले की खेती शुरू की थी. इससे उन्हें अच्छा मुनाफा मिला और आज वह करीब 4 बीघे में केले की खेती कर रहे हैं. इस खेती से उन्हें लगभग 2 से 3 लाख रुपए प्रतिवर्ष मुनाफा हो रहा है. मनीष ने बताया, “पहले मैं गन्ना, गेहूं आदि की खेती करता था, जिसमें मुझे कोई खास फायदा नहीं होता था. फिर हमें केले के खेती की जानकारी हुई तो हमने एक बीघे से केले की खेती शुरू की, जिसमें हमें अच्छा मुनाफा देखने को मिला.” मनीष की मानें तो वह आज करीब 1 एकड़ में केले की खेती कर रहे हैं. उन्होंने जी 9 किस्म का केला लगाया है. इस केले की पैदावार अच्छी होने के साथ ही यह अन्य केलों से बड़ा और मीठा होता है. मनीष ने बताया कि इस किस्म के केले का पौधा 16 से 17 रुपए में मिलता है और एक बीघे में करीब 50 से 60 कुंतल पैदावार होती है. लागत और मुनाफा? मनीष जिस केले के खेती करते हैं उनके मुताबिक, उनकी लागत 20 हजार रुपये प्रति बीघा आती है. मुनाफे की बात करें तो किसान मनीष का कहना है कि करीब एक फसल पर 2 से 3 लाख रुपए तक मुनाफा हो जाता है. अगर बाजार में रेट अच्छा मिल गया तो मुनाफा और अधिक हो सकता है. केले की खेती का तरीका केले की खेती करना बहुत ही आसान है. इसके लिए पहले खेत की जुताई की जाती है और उसके बाद 3 फीट की दूरी पर गड्ढे खोदे जाते हैं और फिर उसमें पौधे लगा दिए जाते हैं. इसके बाद पौधे जब थोड़े बड़े हो जाते हैं तब इनकी सिंचाई की जाती है. पौधों को रोगों से बचाने के लिए खाद और कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव किया जाता है, जिससे पेड़ जल्दी तैयार हो जाते हैं. पौधा लगाने के महज 15 से 16 महीने में फसल निकलना शुरू हो जाती है जिसे तोड़कर बाजारों में बेचाकर मुनाफा कमा सकते हैं. Tags: Agriculture, Agriculture producers, Farming, Farming in India, Fruits, Local18FIRST PUBLISHED : May 9, 2024, 12:17 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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