भगवान से कम नहीं है डॉक्टर चौहान पल्मोनरी एंबॉलिज्म बीमारी का करते हैं इलाज
भगवान से कम नहीं है डॉक्टर चौहान पल्मोनरी एंबॉलिज्म बीमारी का करते हैं इलाज
डॉक्टर सीसीएस चौहान को कई नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर अवार्ड मिले हैं. इसके साथ ही डॉक्टर ने बताया कि सोशल वर्क के लिए वो हर महीने उत्तराखंड में कैंप लगाते हैं.
नोएडा: डॉक्टर सीपीएस चौहान भारत में पल्मोनरी एम्बोलिज्म (पीई) बीमारी का पहला केस ठीक करने वाले चिकित्सक हैं. ये एक खतरनाक बीमारी है. अगर समय पर इलाज नहीं हुआ तो मरीज की जान भी जा सकती है. बता दें कि ऐसे केस में खून का थक्का फेफड़े की धमनी में फंस जाता है, जिससे फेफड़े के हिस्से में रक्त का प्रवाह रुक जातै है. ब्लड के थक्के अक्सर पैरों में शुरू होते हैं, और हृदय के दाहिने हिस्से से होते हुए फेफड़ों तक जाते हैं. इसे डीप वेन थ्रोम्बोसिस (डीवीटी) कहा जाता है. जिससे इंसान की मौत हो जाती है. साथ ही डॉक्टर चौहान जेपी अस्पताल में प्रोटेस्ट आर्टरी एंबोलाइजेशन का भी इलाज करते हैं.
क्या है इस बीमारी के लक्षण कैसे करें पहचान?
शुरुआती कारणों की बात करें तो आपने सुना होगा सब कुछ ठीक था, बस तेजी से सांस उखड़ी और कुछ मिनटों में जान चली गई. यह सच है कि जब धड़कनें थमेंगी मौत होगी, लेकिन इनके थमने का कारण क्या रहा? इसका वास्तविक कारण है, ‘पल्मोनरी एंबोलिज्म’, जो कि एक मेडिकल स्टेज है. पल्मोनरी एंबोलिज्म का मतलब है, फेफड़ों की रक्त नलिकाओं का अवरुद्ध हो जाना. आपको बता दें कि कुछ लोगों के रक्त में जन्म से ही प्रोटीन ‘सी,’ और ‘एस,’ ‘एंटी थ्रोंबिन 3’ और फैक्टर वी लीडेन की मात्रा कम होती है. जोकि रक्त को गाढ़ा होने से रोकती है. इसी के अभाव में खून जल्दी गाढ़ा होकर थक्का बनाता है, इससे पल्मोनरी एंबोलिज्म के खतरे की आशंका बढ़ती है और पेसेंट की मौत हो जाती है.
एक दिन में मरीज को मिल जाती है छुट्टी
डॉक्टर सीसीएस चौहान जेपी अस्पताल में प्रोटेस्ट आर्टरी एंबोलाइजेशन का इलाज करते हैं. जिसमें मरीज एक दिन में ठीक होकर अपने घर जाता जाता है. जिसमे न तो सर्जरी की जरूरत पड़ती है. और न ही लंबे समय के इलाज की जरूरत. इस प्रक्रिया में पेसेन्ट सिर्फ एक दिन में ठीक होकर अपने घर जा सकता है.
इस तरह करते है समाज की भी सेवा
डॉक्टर सीसीएस चौहान को कई नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर अवार्ड मिले हैं. इसके साथ ही डॉक्टर ने बताया कि सोशल वर्क के लिए वो हर महीने अपने उत्तराखंड में कैंप लगाते है. जहां जरूरतमंद लोगों को फ्री में इलाज देते हैं. डॉ. सीपीएस चौहान ने एमबीबीएस, एमडी के साथ सिंगापुर से स्पेशल ट्रेनिंग ली है. फिलहाल नोएडा सेक्टर 128 स्थित जेपी अस्पताल में रेडियोलॉजी विभाग में एमडी हैं.
Tags: Local18, Medical18FIRST PUBLISHED : May 24, 2024, 09:38 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed