अतिशी त्रिवेदी/ लखीमपुर खीरी: यूपी के लखीमपुर खीरी शंकरपुर गांव निवासी किसान संजय कुमार ने बताया कि वह 10 वर्षों से सब्जी की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. वह मचान विधि से तोरई की खेती करते हैं. इस विधि से खेती करने पर अलग से मजदूरों की जरूरत नहीं पड़ती. इसलिये छोटे किसानों के लिये यह तरीका फायदेमंद साबित हो सकता है.
कैसे करें मचान विधि से खेती
मचान विधि से तोरई उगाना बेहद आसान है. इसका ढांचा तैयार करने के लिये बांस की बल्लियां या जालियों का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. जब तोरई की बेल बड़ी होने लगती है, तो उन्हें जमीन पर छोड़ने के बजाय जाली या बांस का सहारा देकर ऊपर की ओर बढ़ाया जाता है. बांस के ढांचे पर तोरई की बेल को बांधने के लिये जूट या नायलॉन की रस्सी का प्रयोग किया जाता है. इस तरह बेलों को सीधा जड़ों से पानी मिलता है.
मचान विधि से तोरई उगाने के फायदे
इस तरीके से उगाई गई फसल में कीड़े और बीमारियों की संभावना काफी कम होती है. फिर भी थोड़ी बहुत समस्या दिखने पर जैविक कीटनाशकों (Organic Pest Control) का इस्तेमाल कर सकते हैं.
लागत और आमदनी
मचान विधि से तोरई की फसल लगाने पर अलग से मजदूरों की जरूरत नहीं पड़ती है. इसलिये छोटे किसानों के लिये मचान विधि मुनाफे का सौदा साबित हो सकती है. करीब एक बीघा जमीन पर मचान विधि से तोरई की खेती करने पर करीब 15,000 रुपये का खर्च आ जाता है. लेकिन पकने के बाद यही फसल बाजार में दोगुना दाम पर बिकती है. खुदरा बाजार में तोरई की कीमत 40 से 50 रुपये प्रति किलो के बीच चल रही है.
Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : July 19, 2024, 10:41 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed