मोदी सरकार ने बनाया DBT का रिकॉर्ड जरूरतमंदों के बैंक खाते में अब तक डाले 25 खबर रुपये
मोदी सरकार ने बनाया DBT का रिकॉर्ड जरूरतमंदों के बैंक खाते में अब तक डाले 25 खबर रुपये
Big News: देश के लिए बड़ी खबर है. केंद्र सरकार की डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) स्कीम का आंकड़ा 25 ट्रिलियन (खरब) रुपये को पार कर गया है. इस स्कीम के तहत लाखों लाभार्थियों के बैंक अकाउंट में पैसा सीधा ट्रांसफर हुआ. इस स्कीम से नए-नए लाभार्थी लगातार जुड़ रहे हैं. इससे डीबीटी ट्रांसफर भी साल दर साल लगातार बढ़ रहा है.
हाइलाइट्सडीबीटी स्कीम का आंकड़ा 25 ट्रिलियन रुपये से पारनए लाभार्थी जुड़ने से साल दर साल बढ़ रहा डीबीटी ट्रांसफरकोविड में पीड़ितों की रक्षक बनी डीबीटी स्कीम
नई दिल्ली. नरेंद्र मोदी सरकार में लाखों लाभार्थियों के बैंक खाते में पैसा सीधा ट्रांसफर होने का रिकॉर्ड बन गया है. साल 2014 से अब तक डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) स्कीम का आंकड़ा 25 ट्रिलियन (खरब) रुपये को पार कर गया है.
बता दें कि इस स्कीम से नए-नए लाभार्थी जुड़ने की वजह से डीबीटी ट्रांसफर साल दर साल लगातार बढ़ रहा है. साल 2019-20 में डीबीटी स्कीम के तहत 3 ट्रिलियन रुपये ट्रांसफर किए गए. वहीं साल 2021-21 में यह मात्रा बढ़कर 5.5 ट्रिलियन रुपये हो गया, जबकि आखिरी वित्तीय वर्ष में यह 6.3 ट्रिलियन हुआ. वहीं मौजूदा वित्तीय वर्ष के छह महीने से कम समय में ही 2.35 ट्रिलियन रुपये लाभार्थियों के खातों में जमा कर दिए गए हैं.
इसका अर्थ यह है कि साल 2014 से शुरू हुई डीबीटी स्कीम में 56 फीसदी ट्रांसफर पिछले ढाई साल में पूरा हुआ है. सरकार इस स्कीम को आपदा में लोगों की मदद का अहम जरिया बना रही है. खासकर साल 2020 के मार्च में आई कोरोना महामारी में इसे बेहतर रूप से इस्तेमाल किया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि डीबीटी कोविड में लोगों की रक्षक थी. उन्हें सरकार से पैसा सीधे उनके बैंक खाते में मिला. अंतिम वित्तीय वर्ष में करीब 73 करोड़ लोगों ने डीबीटी स्कीम का नगद में फायदा उठाया, जबकि 105 करोड़ लोगों ने दूसरे जरियों से डीबीटी का लाभ उठाया.
इसके साथ ही सरकार यह भी दावा करती है कि डीबीटी स्कीम से 2.2 ट्रिलियन रुपये गलत हाथों में जाने से बचा लिए. सरकार ने बैंक अकाउंट को आधार से लिंक कराया, ताकि इस रकम का गलत इस्तेमाल न हो.
लगातार बढ़ा योजना का दायरा
बता दें कि 53 केंद्रीय मंत्रालयों की 319 स्कीम डीबीटी योजना से जुड़ी हुई हैं. इनमें एलपीजी पायल स्कीम, महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, खाद एवं उर्वरक योजना, पीएम आवास योजना, कई स्कॉलरशिप योजनाएं और नेशनल सोशल असिस्टेंस जैसी योजनाएं शामिल हैं.
यूपीए सरकार ने साल 2013-14 में डीबीटी स्कीम को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया था. नरेंद्र मोदी सरकार ने साल 2014-15 में इस स्कीम को और बड़ा कर दिया. साल 2017-18 में डीबीटी स्कीम ने 1.9 ट्रिलियन रुपये का आंकड़ा छू लिया और साल 2019-20 तक इसमें कई और स्कीमें जोड़ दी गईं.
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Tags: New Delhi newsFIRST PUBLISHED : September 18, 2022, 16:38 IST