रामपुर में ऐसे शुरू हुआ वायलिन निर्माण जानें इसके पीछे की दिलचस्प कहानी
रामपुर में ऐसे शुरू हुआ वायलिन निर्माण जानें इसके पीछे की दिलचस्प कहानी
अज़हरउद्दीन ने बताया कि रामपुर के दो भाई अमीरुद्दीन और हसीनउद्दीन ने वायलनिन निर्माण का काम शुरू किया था. यह परंपरा आज भी जीवित है. देश-विदेश में इसकी सप्लाई होती है. वायलिन बनाने में तीन तरह की लकड़ियों का प्रयोग होता है. जिसमें भारतीय, मेपल और पाइन वूड शामिल है.
रामपुर. यूपी का रामपुर अपनी सांस्कृतिक धरोहर और कला के लिए जाना जाता है. रामपुर में पिछले 80 वर्षो से वायलिन निर्माण का काम फल-फूल रहा है. यह ना केवल यहां के कारीगरों की दक्षता को दर्शाता है बल्कि भारतीय संगीत की समृद्ध परंपरा को भी संजोने में भी सफल हो रहा है. यहां के वायलिन को पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम भी बजा चुके हैं. ‘लोकल फॉर वोकल’ के तहत यह पुनर्जीवित हो रहा है. रामपुर में वायलिन निर्माण के पीछे दिलचस्प कहानी जुड़ी हुई .
दो भाईयों ने शुरू किया था वायलिन निर्माण का काम
रामपुर में वायलिन निर्माण के पीछे की कहानी मुंबई के चोर बाजार से जुड़ा है. रामपुर के दो भाइयों ने अपने प्यार और जुनून से इस कला को संजोया है और यह परंपरा आज भी जीवित है. वायलिन मेकर अमीरुद्दीन के पोते अज़हरउद्दीन ने लोकल 18 को बताया कि लगभग 80 साल पूर्व दादा अमीरुद्दीन मुंबई के चोर बाजार से एक वायलिन खरीदकर लाए थे. जब उस वायलिन को बजाने की कोशिश की तो उसकी आवाज बहुत शोर भरी थी. इस शोर से उनके बड़े भाई हसीनउद्दीन नाराज हो गए और एक दिन गुस्से में आकर वायलिन को तोड़ दिया. वायलिन के टूट जाने के बाद अमीरुद्दीन ने म्यूज़िक के प्रति लगाच और प्यार के कारण खाना-पीना छोड़ दिया. इसके बाद अमीरुद्दीन के बड़े भाई हसीनउद्दीन को अपनी गलती का एहसास हुआ.
रामपुर से देशभर में वायलिन की होती है सप्लाई
अज़हरउद्दीन ने लोकल 18 को बताया कि दोनों भाइयों ने मिलकर टूटे वायलिन को ठीक किया और इस अनुभव से प्रेरित होकर खुद एक नया वायलिन बनाने की कोशिश की. उनकी मेहनत और समर्पण के परिणामस्वरूप एक सुंदर वायलिन बनेर तैयार हो गया. इस नए वायलिन की सफलता के बाद रामपुर में वायलिन का चलन शुरू हो गया और यह क्षेत्रीय संगीत की महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया. इसकी डिमांड बढ़ने लगी और अब वायलिन भारत के विभिन्न बड़े शहरों जैसे गोवा, पुणे, मद्रास, कोलकाता, चेन्नई के अलवा केरल, पंजाब और गुजरात तब में बिक्री के लिए जाता है. वायलिन को भारतीय और पश्चिमी संगीत के हिसाब से तैयार किया जाता है. इसमें तीन प्रकार की लकड़ी का उपयोग होता है. जिसमें भारतीय वूड, मेपल वूड जो ब्राजील और कनाडा से आता है और पाइन वूड जो कश्मीर या उत्तराखंड के पहाड़ों से लाया जाता है शामिल है.
Tags: Local18, Rampur news, UP newsFIRST PUBLISHED : September 12, 2024, 16:39 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed