राजस्थान में रार: गहलोत के लिए चुनौती तो गांधी परिवार के लिए आखिरी उम्मीद! जानें कैसे

Rajasthan Crisis: कांग्रेस के लिए समाधान अब सिरदर्द बन गया है. पार्टी का शीर्ष नेतृत्व अशोक गहलोत को पार्टी अध्यक्ष बनाकर एक तीर से दो निशाना लगाना चाह रहा था. इसके साथ ही पार्टी को यह विश्वास था कि केंद्र और राज्य में नेतृत्व के मुद्दे को सुलझा लिया जाएगा.

राजस्थान में रार: गहलोत के लिए चुनौती तो गांधी परिवार के लिए आखिरी उम्मीद! जानें कैसे
हाइलाइट्सकांग्रेस पार्टी को विश्वास था कि केंद्र और राज्य में नेतृत्व के मुद्दे को सुलझा लिया जाएगा.शीर्ष नेतृत्व गहलोत को पार्टी अध्यक्ष बनाकर एक तीर से दो निशाना लगाना चाह रहा था.इस संकट ने शीर्ष नेताओं को गहलोत की उम्मीदवारी को लेकर असमंजस में डाल दिया है. जयपुर. कांग्रेस के लिए समाधान अब सिरदर्द बन गया है. पार्टी का शीर्ष नेतृत्व अशोक गहलोत को पार्टी अध्यक्ष बनाकर एक तीर से दो निशाना लगाना चाह रहा था. इसके साथ ही पार्टी को यह विश्वास था कि केंद्र और राज्य में नेतृत्व के मुद्दे को सुलझा लिया जाएगा. लेकिन जीवन की तरह राजनीति भी अनिश्चितताओं से भरी पड़ी है. अशोक गहलोत खेमे के कई विधायकों द्वारा किए गए “विद्रोह” ने दोनों पर्यवेक्षकों – मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन को आश्चर्यचकित कर दिया और शीर्ष नेतृत्व में कई लोगों के भीतर गुस्सा भर दिया. कांग्रेस के एक नेता ने इसे लेकर कहा कि सीएलपी की बैठक मुख्यमंत्री के कहने पर बुलाई गई थी. हमने सोचा था कि हमें एक लाइन का प्रस्ताव मिलेगा और सत्ता सुचारू रूप से स्थानांतरित हो जाएगी. लेकिन ऐसा हो नहीं पाया. वहीं पायलट के संदर्भ में कई लोगों ने यह भी पूछा कि क्या एक साल पहले विद्रोह करने वाले व्यक्ति को सम्मानित किया जाना चाहिए. इस संकट ने शीर्ष नेताओं को अध्यक्ष पद चुनाव और गहलोत की उम्मीदवारी को लेकर असमंजस में डाल दिया है. इधर वरिष्ठ नेता और सोनिया गांधी की करीबी मार्गरेट अल्वा ने इसे लेकर ट्वीट किया है कि वरिष्ठों को सत्ता छोड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए. ‘गहलोत को व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं से ऊपर उठना होगा’ सूत्रों का कहना है कि पर्यवेक्षक नाराज हैं और उन्होंने सोनिया गांधी को अपनी प्रतिक्रिया भेजी है. कई लोगों का मानना है कि अध्यक्ष के रूप में गहलोत का मुख्य कार्य पार्टी को एकजुट करना और व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं से ऊपर उठना होगा. कुछ ऐसा जिसका उल्लेख राहुल गांधी ने कोच्चि में एक संवाददाता सम्मेलन में किया था. जब उन्होंने कहा था कि पार्टी अध्यक्ष पद एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती है. क्या गहलोत अध्यक्ष के तौर पर सही विकल्प ऐसे में अब सवाल यह है कि क्या गहलोत अध्यक्ष के तौर पर सही विकल्प होंगे. क्या गांधी परिवार जयपुर में जो कुछ हुआ उसे गहलोत के विद्रोह के रूप में देखेगा? एक वरिष्ठ नेता ने up24x7news.com.com को बताया कि हम किसी को चुनाव लड़ने से नहीं रोक सकते. लेकिन ऐसी धारणा बनाई जा रही थी कि गहलोत गांधी परिवार की पसंद हैं. अब इसका मुकाबला करना होगा. अध्यक्ष पद के लिए इन नामों पर भी किया जा रहा है विचार  अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करने को लेकर कई अन्य नेताओं से भी संपर्क करने की योजना है. वहीं कुछ नामों पर विचार भी किया जा रहा है. इसमें कमलनाथ, सचिन पायलट, भूपिंदर हुड्डा और दिग्विजय सिंह शामिल हैं. यह भी दावा किया गया है कि गांधी परिवार अध्यक्ष पद चुनाव को लेकर निष्पक्ष रहेंगे. इसके साथ सवाल यह भी है कि क्या फिर से कांग्रेस के शीर्ष नेता राहुल गांधी को पार्टी के भीतर केंद्र स्तर पर वापस लाएंगे और सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी खेमा शक्तिशाली न बने. कांग्रेस मुख्यालय आने वाले दिनों में इन तमाम सवालों को लेकर केंद्र में रहेगा. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Ashok gehlot, Congress, Rahul gandhiFIRST PUBLISHED : September 26, 2022, 17:01 IST