महाकाल के दरबार में पहुंचे राहुल गांधी सात दिन में दूसरी बार ज्योतिर्लिंग के दर्शन
महाकाल के दरबार में पहुंचे राहुल गांधी सात दिन में दूसरी बार ज्योतिर्लिंग के दर्शन
मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित भगवान शिव के महाकाल मंदिर में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पूजा-अर्चना की. हाल ही में उन्होंने खंडवा जिले में स्थित भगवान शिव को समर्पित ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर का दर्शन किया था.
उज्जैन. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित भगवान शिव के प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में पूजा-अर्चना की. राहुल गांधी ने अपने नेतृत्व वाली भारत जोड़ो यात्रा के पवित्र शहर में प्रवेश करने के बाद महाकाल मंदिर में दर्शन-पूजन किया. लाल धोती पहने, गांधी ने मंदिर के पुजारियों के मार्गदर्शन में सभी अनुष्ठान किए. मंदिर के पुजारियों ने उन्हें एक अंगवस्त्रम् भेंट किया.अनुष्ठान करने के बाद, गांधी ने मंदिर के गर्भगृह के सामने दंडवत प्रणाम किया.
वह मंदिर परिसर में नंदी (भगवान शिव का वाहन माने जाने वाले पवित्र बैल) की मूर्ति के पास भी कुछ देर बैठे. भारत जोड़ो यात्रा के 23 नवंबर को मध्य प्रदेश राज्य में प्रवेश करने के बाद गांधी ने राज्य में भगवान शिव के दूसरे ज्योतिर्लिंग मंदिर में दर्शन-पूजन किया. गांधी, उनकी बहन प्रियंका गांधी वाद्रा और उनके परिवार के सदस्यों ने शुक्रवार को खंडवा जिले के प्रसिद्ध ओंकारेश्वर मंदिर में ‘मां नर्मदा’ की आरती की थी. गांधी ने बाद में प्रसिद्ध शिव मंदिर में पूजा-अर्जना की, जो देश के 12 ‘ज्योतिर्लिंगों’ में से एक है.
बीते रविवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा था कि वह भारत जोड़ो यात्रा के दौरान खुद में कुछ बदलाव महसूस कर रहे हैं जिसमें खुद में अधिक धैर्य आना और दूसरों को सुनने की क्षमता शामिल है. राहुल गांधी अपने महत्वाकांक्षी पैदल मार्च के तहत 2,000 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करने के बाद रविवार को मध्य प्रदेश के इंदौर जिले पहुंचे थे. यह भारत जोड़ो यात्रा एक जनसंपर्क पहल है जिसे गांधी ने सात सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू किया था. दक्षिणी राज्यों में से एक में पदयात्रा के दौरान के एक अनुभव को याद करते हुए, राहुल गांधी ने कहा था कि जब वह दर्द से परेशान हो गए क्योंकि लोग उन्हें धक्का दे रहे थे तो एक छोटी लड़की आयी और यात्रा में चलने लगी. उन्होंने कहा, ‘‘वह मेरे पास आयी और मुझे एक चिट्ठी थमायी. वह शायद छह-सात साल की थी. जब वह चली गई तो मैंने वह चिट्ठी पढ़ी जिसमें लिखा था ‘मत समझो कि आप अकेले चल रहे हो, मैं आपके साथ चल रही हूं. मैं पैदल यात्रा नहीं कर पा रही क्योंकि मेरे माता-पिता मुझे ऐसा करने की अनुमति नहीं दे रहे हैं, लेकिन मैं आपके साथ चल रही हूं.’’
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Tags: Bharat Jodo Yatra, Rahul gandhiFIRST PUBLISHED : November 29, 2022, 19:34 IST