मदरसों को देना होगा यूपी सरकार के 12 सवालों का जवाब पढ़ें लिस्ट
मदरसों को देना होगा यूपी सरकार के 12 सवालों का जवाब पढ़ें लिस्ट
मदरसों (Madarsa) पर आए दिन उठने वाले सवालों के बारे में मौलाना गुलाम मोहम्मद वस्तानवी (Maulana Ghulam Mohammad Vastanvi) का कहना है, “मदरसों पर सवाल उठाने वाले तो उठाते रहेंगे. कुछ ताकतें हैं जो इस तरह का काम करती हैं. ऐसे लोगों का काम सिर्फ सवाल उठाना ही होता है. वक्त की जरूरत के हिसाब से मदरसों में भी बच्चों को तालीम (Education) दी जा रही है. इससे उन मां-बाप को परेशान होने की जरूरत नहीं है जिनके बच्चे मदरसे में पढ़ रहे हैं या जो अपने बच्चों को पढ़ाना चाहते हैं.”
नोएडा. यूपी (UP) में आजकल मदरसे (Madarsa) सियासत का अखाड़ा बने हुए हैं. सोशल मीडिया (Social Media) पर भी मदरसों को लेकर जुबानी जंग छिड़ी हुई है. पूरा मामला प्राइवेट मदरसों के सर्वे से जुड़ा हुआ है. यूपी सरकार (UP Government) मदरसों का सर्वे करा रही है. सर्वे के दौरान मदरसा संचालकों से 12 सवाल पूछे जाएंगे. सवालों से संबंधित एक प्रोफार्मा तैयार कराया गया है. मदरसा संचालकों को यह प्रोफार्मा भेज दिया जाएगा. प्रोफार्मा में दिए गए 12 सवालों के जवाब के आधार पर ही मदरसों का सर्वे होगा. सर्वे (Survey) टीम मौके पर यह भी देखेगी कि दिए गए जवाबों की भौतिक स्थिति क्या है.
पढ़िए सरकार ने क्या-क्या सवाल पूछे हैं मदरसों से
सरकार ने मदरसों में होने वाले सर्वे के लिए सवालों का एक प्रोफार्मा तैयार किया है. प्रोफार्मा में जो 12 सवाल दिए गए हैं वो कुछ इस तरह से हैं, मदरसे का नाम, मदरसे का संचालन करने वाली संस्था का नाम, मदरसे की स्थापना का वर्ष, मदरसा किराए के भवन में है या निजी भवन में, मदरसे में पीने का पानी, शौचालय, बिजली जैसी मूलभूत सुविधाएं हैं की नहीं, मदरसे में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या, मदरसे में शिक्षकों की संख्या, मदरसे में कौन सा पाठ्यक्रम पढ़ाया जा रहा है. मदरसे की इनकम का रास्ता क्या है. मदरसे में पढ़ने वाले छात्र क्या किसी और दूसरी संस्था में भी पंजीकृत हैं. क्या मदरसे किसी और गैर सरकारी संस्था और समूह से संबद्ध हैं. और सबसे आखिरी 12वें नंबर का सवाल अभियुक्ति है.
किसने कहा दो भाइयों के बीच दूरी पैदा कराने वाला है यह सर्वे
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव हज़रत मौलाना ख़ालिद सैफ़ुल्लाह रहमानी ने अपने प्रेस नोट में कहा कि कुछ राज्य सरकारों द्वारा धार्मिक मदरसों का सर्वेक्षण करवाने का फैसला वास्तव में हमवतनी भाइयों के बीच दूरी पैदा करने की घिनौनी और नापाक साज़िश है. उन्होंने आगे कहा कि धार्मिक मदरसों का एक उज्ज्वल इतिहास रहा है.
बकरी के दूध में क्वालिटी लाने को कान्हा की नगरी में चल रहा राशिद का अभियान
इन मदरसों में पढ़ने और पढ़ाने वालों के लिए चरित्र-निर्माण और नैतिक प्रशिक्षण का आयोजन चौबीसों घंटे किया जाता है. कभी इन मदरसे में पढ़ने और पढ़ाने वालों ने आतंकवाद और साम्प्रदायिक घृणा पर आधारित कोई कार्य नहीं किया. हालांकि कई बार सरकार ने इस प्रकार के आरोप लगाए; चूंकि ये झूठे आरोप थे इसलिए इसका कोई सुबूत नहीं मिला.
सरकार बोली-5 साल में ऐसे बदली है मदरसों की तस्वीर
चार सालों में यूपी की सरकार ने मदरसों की तस्वीर बदलने का काम किया है. मदरसा छात्रों को बेहतर शिक्षा दिलाने के लिए मदरसों में एनसीईआरटी के सिलेबस को लागू किया गया है. मदरसा छात्र दीनी तालीम के साथ आधुनिक शिक्षा हासिल कर समाज की मुख्य धारा से जुड़ सकें इसके लिए एनसीईआरटी की किताबें पढ़ाई जा रही हैं.
चार सालों में मदरसा बोर्ड की परीक्षाओं को नियमित किया गया है. सरकार ने नई व्यवस्था के तहत जमीन पर बैठ कर परीक्षा देने वाले छात्रों को कुर्सी-मेज की सुविधा उपलब्ध कराई है. मदरसों के आधुनिकीकरण के लिए इस वित्तीय बजट में रखा गया 479 करोड़ रुपए का प्रस्ताव पिछली सरकारों से कई गुना अधिक है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी |
Tags: CM Yogi Adityanath, Madarsa, Survey, UP GovernmentFIRST PUBLISHED : September 12, 2022, 11:23 IST